पटना. हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अंगीभूत एवं संबद्धता प्राप्त कालेजों द्वारा यूजीसी को उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने के मामले पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने वेटरन फोरम की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए वकीलों की कमेटी बनाई है।
इस कमेटी को अपनी रिपोर्ट चार सप्ताह में कोर्ट में दायर करनी हैं। कोर्ट ने वेटरन फोरम की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कालेजों द्वारा आवंटित धनराशि का विवरण एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया जाना गंभीर मामला है। इससे पहले कोर्ट ने सभी विश्वविद्यालयों को दो दिनों के भीतर उपयोगिता प्रमाण पत्र यूजीसी के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य में अंगीभूत और सम्बद्धता प्राप्त कालेजों की संख्या 325 है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य के विभिन्न कालेजों द्वारा 124 करोड़ रुपए का उपयोगिता प्रमाण पत्र यूजीसी को प्रस्तुत नहीं किया गया है। इन कालेजों को काफी पहले यूजीसी ने जो अनुदान दिया था, उसका बहुत सारे मामलों में अब तक उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं प्रस्तुत किया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि था कि यदि कालेजों द्वारा दो दिनों के भीतर उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा तो सम्बंधित वीसी के वेतन पर रोक लगा दी जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।