पटना हाइकोर्ट में बिहार राज्य में मानसिक स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं से सम्बंधित मामलें पर सुनवाई चार सप्ताह के लिए टली। चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ द्वारा आकांक्षा मालवीय की जनहित याचिका पर सुनवाई की जा रही है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य में मेन्टल हेल्थ रिव्यू बोर्ड के गठन के सम्बन्ध में रजिस्ट्रार जनरल,पटना हाईकोर्ट को प्रगति रिपोर्ट अगली सुनवाई में देने को कहा था।पूरे राज्य में प्रमंडल के स्तर पर ये बोर्ड गठित किया जाना है।
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से बताया कि नयी नियमावली बना ली गयी है।कोर्ट ने हलफ़नामा पर दायर करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था।
याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय ने कोर्ट को बताया था कि कोर्ट ने जो भी आदेश दिया,उस पर राज्य सरकार के द्वारा आधा अधूरा ही कार्य किया गया है ।
याचिकाकर्ता की अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय ने बताया था कि नेशनल मेन्टल हेल्थ प्रोग्राम ही के अंतर्गत राज्य के 38 जिलों में डिस्ट्रिक्ट मेन्टल हेल्थ प्रोग्राम चल रहा हैं।लेकिन इसमें स्टाफ की संख्या नाकाफी ही है।
कोर्ट को ये भी बताया गया था कि सेन्टर ऑफ एक्सलेंस के तहत हर राज्य में मानसिक रोग के अध्ययन और ईलाज के लिए कॉलेज है।लेकिन बिहार ही एक ऐसा राज्य हैं,जहां मानसिक रोग के अध्ययन और ईलाज के लिए कोई कालेज नहीं है
इस मामलें पर अगली सुनवाई चार सप्ताह के बाद की जाएगी।