पटना हाईकोर्ट ने संपतचक बेरिया स्थित कचरा डंपिंग यार्ड मामले में राज्य सरकार व नगर निगम को हलफनामा दायर करने का आदेश दिया।चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने राकेश कुमार व अन्य की ओर से दायर जनहित याचिकायों पर सुनवाई की. कोर्ट ने आयुक्त को दस दिनों के भीतर कचरा के निष्पादन और दूसरा क्षेत्र चिन्हित करने के बारे में राज्य के मुख्य सचिव,प्रदूषण नियंत्रण पर्षद,पुलिस और अग्निशामक विभाग से परामर्श कर हलफनामा दायर करने का आदेश दिया.वही कोर्ट ने केंद्र सरकार को ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट के प्रस्ताव पर अनुमति देने के बारे में निर्णय लेने का आदेश दिया. कोर्ट ने किसी भी अनहोनी पर तुरंत कार्रवाई के लिए पुलिस और अग्निशामक विभाग को तैयार रहने का आदेश दिया.इससे पूर्व कोर्ट की ओर से नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त ने परिसर का दौरा कर अपना लिखित रिपोर्ट पेश किया।रिपोर्ट में कहा गया कि फिलहाल स्थिति खतरा से बाहर है.
खासकर हाल के मानसून के कारण कचरा डंपिंग यार्ड में आग लगने की संभावना नहीं है.हालाँकि स्थिति बहुत गंभीर और चिंताजनक बनी हुई है.कोर्ट में एक पेन-ड्राइव पेश की गई,जिसे कोर्ट में प्रदर्शित किया गया. जो जमा हुए कचरे के पहाड़ों की चिंताजनक स्थिति को उजागर करता है. जिसे अलग नहीं किया जाता है और किसी भी समय आग लगने का सम्भावना बनी हुई हैं. जिससे इलाका जलकर खाक हो सकता है. अधिवक्ता आयुक्त ने कोर्ट को बताया कि इस डंपिंग यार्ड में नौ शहरी स्थानीय निकायों का कचरा रखा जाता हैं.
वही नगर आयुक्त ने बताया कि एक साल से कचरे को साफ करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. जबकि वीडियो फ़ुटेज में बड़े पैमाने पर कचरे का संचय और कचरे के विशाल लैंडफिल दिखाई दे रहा है. कोर्ट ने कहा कि शहर से दूर एक वैकल्पिक साइट का पता लगाने की तत्काल आवश्यकता है,ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कचरे को वैकल्पिक साइट पर रखा जा सकें.
कोर्ट में उपस्थित नगर आयुक्त ने बताया कि कचरे के बायोमाइनिंग के लिए तीन एजेंसियों को नियुक्त किया गया है. लेकिन आयुक्त की ओर से दी गई जानकारी से पता चलता है कि यार्ड में डंप किए गए कचरे को साफ करने और नियंत्रित करने के लिए अपर्याप्त संख्या नहीं है. कोर्ट ने नगर आयुक्त को ठोस प्रस्तावों के साथ हलफनामा दायर करने का आदेश दिया।कोर्ट ने राज्य सरकार को वैकल्पिक स्थल की पहचान करने का आदेश दिया. ताकि भविष्य में डंपिंग की जा सके. कोर्ट ने प्रतिकूल स्थिति से निपटने और साइट पर होने वाली किसी भी आग दुर्घटना को रोकने के लिए पुलिस विभाग और अग्निशमन विभाग की तैयारी सुनिश्चित करने का आदेश दिया।कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की 31अकटुबर,2023 को की जाएगी.