यहाँ 15 को नहीं बल्कि इस दिन मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस, कारण जान चौक जाएंगे आप

News4nation desk- आज जहां पुरा देश 72वीं स्वतंत्रता दिवस का जश्न मन रहा है वहीं आज भारत का ही एक छोटा सा हिस्सा है जो इस जश्न में शामिल नहीं है. पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में कभी भी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया गया. यह कहानी 12 अगस्त 1947 की है जब रेडियो पर घोषणा की गयी, 'भारत को आजादी मिल गई है. लेकिन बदकिस्मती से कहना पड़ रहा है कि नदिया जिले को पाकिस्तान में शामिल किया जा रहा है.' यह खबर सुनते ही नदिया जिले के हिन्दू इलाके में सनसनी फ़ैल गयी और लोग इसका विद्रोह करने लगे.
रेडियो पर चली पाकिस्तान में शामिल होने की खबर से नदिया में दंगे होने लगें. यहां तक की इस कारण दो दिनों तक किसी ने अपने घर में चूल्हे तक नहीं जलाएं थे. हालांकि मुस्लिम नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ कृष्णानगर पब्लिक लाइब्रेरी पर पाकिस्तानी झंडे फहराए थे और सड़कों पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए रैली भी निकाली थी. लेकिन कुछ लोगों ने इसका इतना भयानक विद्रोह किया कि इसके आगे ब्रिटिश हुकूमत को घुटने टेकने ही पड़े. दरअसल, यह कोई राजनयिक निर्णय नहीं था बल्कि यह सर सीरल रेडक्लिफ की गलती थी.उन्होंने गलत नक्शा बना दिया था. आजादी से पहले नदिया में कृष्णानगर सदर, मेहरपुर, कुष्टिया, चुआडांगा और राणाघाट जैसे पांच सवडिविजन थें और यह सभी इलाके पूर्वी पाकिस्तान में शामिल हो गए.
लेकिन जब यह बात वायसराय लोर्ड माउंटबेटन को पता चला तब वह रेडक्लिफ को अपनी गलती सुधारने का आदेश दिया. जिसके बाद रेडक्लिफ ने नक्शे में कुछ बदलाव किए और राणाघाट, कृष्णानगर, और करीमपुर के शिकारपुर को भारत में शामिल किया. पर इस सुधार प्रक्रिया में कुछ समय लग गया. जिसके बाद 17 अगस्त की रात को इसकी घोषणा की गई. लोगों ने यादगार के तौर पर 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने की इजाजत मांगी। लंबे संघर्ष के बाद साल 1991 में केंद्र सरकार ने उन्हें 18 अगस्त को नदिया में झंडा फहराने की इजाजत दे दी. तब से मेयहां 18 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा.