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बिहार के विधि सचिव को हाईकोर्ट का आदेश, छह सप्ताह के अंदर सभी अदालतों में वकीलों व क्लाइंटों के लिए सुविधाओं का प्रस्ताव करें तैयार

बिहार के विधि सचिव को हाईकोर्ट का आदेश, छह सप्ताह के अंदर सभी अदालतों में वकीलों व क्लाइंटों के लिए सुविधाओं का प्रस्ताव करें तैयार

पटना. पटना हाईकोर्ट में राज्य की अदालतों में अधिवक्ताओं, उनके क्लाइंट व महिला अधिवक्ताओं के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की गई। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए विधि सचिव को छह सप्ताह में सभी ज़िलों में वकीलों के लिए बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है।

अधिवक्ता रमाकांत शर्मा की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया। इसके साथ साथ खंडपीठ ने विधि सचिव को सभी हितधारकों के साथ बैठक कर पूरे राज्य के वकीलों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। 


पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव से अपने स्तर से मामले पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस संदर्भ में स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था।शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि राज्य की अदालतों में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि राज्य में 1,20,000 से ज़्यादा अधिवक्ता विभिन्न अधिवक्ता संघों में रजिस्टर्ड हैं। लेकिन उनके लिए बुनियादी सुविधाएं जैसे टेबल, कुर्सी, पानी पीने की सुविधा जैसी आधारभूत संरचना नहीं है।

इस पर खंडपीठ ने कहा कि अधिवक्ताओं की बुनियादी सुविधाओं को नकारा नहीं जा सकता है। अधिवक्ताओं के लिए आधारभूत संरचना बनाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार की भागीदारी 60:40  के अनुपात में है। इस मामले पर अगली सुनवाई 30 जून को होगी।

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