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बिहार में भाजपा राज में हिन्दुओं के लिए तालिबानी और शरिया फरमान, होली पर शिक्षकों का ऐलान- लोकसभा चुनाव में सिखाएंगे सबक

बिहार में भाजपा राज में हिन्दुओं के लिए  तालिबानी और शरिया फरमान, होली पर शिक्षकों का ऐलान- लोकसभा चुनाव में सिखाएंगे सबक

पटना- शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के आदेश पर बिहार के सरकारी शिक्षकों की होली बेरंग हो गई है.  होली के दौरान विद्यालयों को खुला रखने और शिक्षकों का प्रशिक्षण करवाने को लेकर शिक्षकों में भाजपा के प्रति नाराजगी है. शिक्षकों का कहना है कि भाजपा कल तक विपक्ष में रहकर शरिया और तालिबान की बात करते थे. सत्ता में होने के बाद  आज होली जैसे हिन्दुओं के महापर्व पर स्कूल खुले रखने पर भी कुछ कर नहीं पा रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि सभी राजनीतिक दलों ने शिक्षकों को ठगा है. आगामी लोकसभा चुनाव में शिक्षक नोटा बटन दबाएंगे.

केके पाठक के फरमान पर सियासी घमासान तेज

वहीं  इसे लेकर बिहार में  सियासी घमासान भी तेज हो गया है तो शिक्षकों ने इसका विरोध किया है. होली के दिन स्कूल खोलने और हजारों शिक्षकों की ट्रेनिंग के सवाल पर भाजपा जहां बिफरी हुई है वहीं  विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर करारा हमला किया है. तो वहीं होली के दौरान विद्यालयों को खुला रखने और शिक्षकों का प्रशिक्षण करवाने को लेकर शिक्षकों में भाजपा के प्रति गहरी नाराजगी है.

19,200 शिक्षक रहेंगे होली पर घर से रहेंगे दूर

दरअसल  शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार शिक्षकों को होली के दिन भी ट्रेनिंग के लिए कॉलेज जाना होगा होगा. आदेश के अनुसार जो शिक्षक ट्रेनिंग में नहीं हैं उन्हें स्कूल जाना पड़ेगा. हालांकि बच्चों की परीक्षाएं टाल दी गई हैं. एससीईआरटी के निदेशक सज्जन आर ने फरमान जारी करते हुए 25 से 30 मार्च तक सभी ट्रेनिंग संस्थानों में छुट्टियां रद्द कर दी है. बता दें, शिक्षा विभाग ने  सीटीई,डीआईईटी,पीटीईसी और बीआईटीई संस्थान के प्राचार्य को आदेश जारी किया था.  इस दौरान कर्मी और ट्रेनिंग कॉलेजों के लेक्चरर भी ड्यूटी करेंगे. पत्र के अनुसार, कुल 19,200 सरकारी स्कूल शिक्षक 25 से 30 मार्च तक विभाग के 78 प्रशिक्षण केंद्रों पर एफएलएन प्रशिक्षण में भाग लेंगे. एससीईआरटी ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रशिक्षण अवधि के दौरान सभी संबंधित व्यक्तियों को 'कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी'. एससीईआरटी शिक्षा विभाग का एक अंग है. इसी तरह, आठवीं कक्षा के नीचे के छात्रों के लिए गुड फ्राइडे (29 मार्च) को वार्षिक परीक्षा आयोजित करने के विभाग के फैसले से एक विवाद खड़ा हो गया है.  शिक्षा विभाग की ओर से छुट्टी के लिए दी गई स्वीकृति को रद्द करने का आदेश दिया गया . के के पाठक के  विभाग के इस आदेश से  शिक्षकों के बीच आक्रोश बढ़ा हुआ है.

राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग

बिहार के राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंगथु ने भी मुख्य सचिव को लिखे पत्र में विभाग को 29 मार्च के परीक्षा कार्यक्रम को बदलने का निर्देश देने का आग्रह किया है.एससीईआरटी ने रविवार दोपहर एक बयान जारी किया, जिसमें दलील दी गई कि सरकारी शिक्षकों की कुल संख्या के 'सिर्फ तीन प्रतिशत' के लिए प्रशिक्षण को स्थगित करने से यह पूरी कवायद बेकार हो जाएगी. इसमें कहा गया, ‘‘यदि शिक्षकों का आवासीय प्रशिक्षण एक सप्ताह के लिए टाल भी दिया जाता है, तो बड़ी संख्या में शिक्षक एक वर्ष में अपने दूसरे चरण का प्रशिक्षण पूरा नहीं कर पाएंगे. पूरी प्रक्रिया बेकार हो जाएगी.''

गिरिराज ने अपने हीं सरकार पर उठाया सवाल

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘बिहार में शिक्षकों का शोषण बंद किया जाना चाहिए. होली के दिन शिक्षकों की छुट्टी रद्द करके बेगूसराय के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए वैशाली भेजना बहुत ही बेतुका कदम है. बिहार सरकार को तुरंत इस आदेश को वापस लेना चाहिए. 

तेजस्वी की नीतीश से मांग

वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप की मांग करते हुए ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘बिहार में राजग सरकार के आदेश के मुताबिक होली के दिन भी शिक्षकों को उपस्थित रहना होगा. बिहार में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ...जब पूरा राज्य होली मना रहा होगा तो उस दिन शिक्षक अपने परिवार से दूर रहेंगे.''

नीतीश भाजपा पर छल करने का आरोप

अब इसके बाद शिक्षकों ने नीतीश और  भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.होली के दौरान विद्यालयों को खुला रखने और शिक्षकों का प्रशिक्षण करवाने को लेकर शिक्षकों में भाजपा के प्रति नाराजगी है. शिक्षकों का कहना है कि भाजपा कल तक विपक्ष में रहकर शरिया और तालिबान की बात करते थे. सत्ता में होने के बाद  आज होली जैसे हिन्दुओं के महापर्व पर स्कूल खुले रखने पर भी कुछ कर नहीं पा रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि सभी राजनीतिक दलों ने शिक्षकों को ठगा है. आगामी लोकसभा चुनाव में शिक्षक नोटा बटन दबाएंगे.

लोकसभा चुनाव में सिखाएंगे सबक

बहरहाल लोकसभा के चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. ऐसे में बिहार के शिक्षकों का गुस्सा कहीं नीतीश सरकार पर भारी न पड़ जाए. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के आदेश का विरोध करते हुए शिक्षकों का साफ कहना है कि भाजपा कल तक विपक्ष में रहकर शरिया और तालिबान की बात करते थे. सत्ता में होने के बाद  आज होली जैसे हिन्दुओं के महापर्व पर स्कूल खुले रखने पर भी कुछ कर नहीं पा रहे हैं.  सभी राजनीतिक दलों ने शिक्षकों को ठगा है. आगामी लोकसभा चुनाव में शिक्षक नोटा बटन दबाएंगे. स्कूल तो आज खुले रहे लेकिन छात्र नदारद दिखे हैं.  सरकार में भाजपा भागीदार है. विपक्ष में रहते हुए भी शिक्षकों के प्रति सहानुबूति दिखाने वाली पार्टी के कुछ नेता आज भले हीं अपने सरकार के विरोध में बोल रहे हैं लेकिन समस्या है कि खत्म होती हीं नहीं...

रिपोर्ट- नरोत्तम कुमार

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