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देश में मिला कोरोना का नया वेरिएंट JN.1 कितना घातक? नए वैरिएंट जेएन-1 से बिहार में अलर्ट, अस्पतालों में मास्क अनिवार्य

देश में मिला कोरोना का नया वेरिएंट JN.1 कितना घातक?  नए वैरिएंट जेएन-1 से बिहार में अलर्ट, अस्पतालों में मास्क अनिवार्य

पटना-कोरोना का कहर अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि COVID-19 के नए वेरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है. ये पिछले वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है. हाल ही में केरल में कोरोना वायरस का JN.1 स्ट्रेन पाया गया है. भारत के केरल में कोविड-19 के नए वेरिएंट जेएन.1 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. भारत के साथ- साथ चीन और अमेरिका में भी इस वेरिएंट का संक्रमण मिला है. चिंता की बात ये है कि केरल में अभी कोविड-19 के 1,324 एक्टिव केस हैं. 78 साल की बुजुर्ग महिला के RT-PCR पॉजिटिव सैंपल में यह वैरिएंट मिला है.  देश में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट जेएन-1 मिलने के बाद सरकारें हरकत में आ गई हैं. केंद्र की ओर से एडवाइजरी जारी होने के बाद बिहार सरकार ने राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के अस्पतालों को कोविड से निबटने के लिए आवश्यक तैयारी करने को कहा है. लोगों को डरने या घबराने की बजाय सतर्क रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.
 
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, सचिव सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने मंगलवार की देर शाम विभागीय अधिकारियों के साथ कोरोना से बचाव को लेकर की जाने वाली तैयारियों की समीक्षा की. वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई समीक्षा बैठक में राज्य के सभी सिविल सर्जन, मेडिकल कॉलेजों के अधीक्षक और प्राचार्य शामिल हुए.बैठक के बाद स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार सिंह ने कहा कि केरल सहित देश के कुछ राज्यों में कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है। इसलिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट मोड में रहने को कहा गया है. ओपीडी में आने वाले संदिग्ध मरीजों का सैंपल (नमूना) लेकर कोविड की जांच कराई जाएगी.उन्होंने बताया कि बिहार में अभी हर रोज 3 हजार लोगों की कोविड जांच हो रही है. इसकी संख्या बढ़ाने और आरटीपीसीआर जांच करने को कहा गया, ताकि 25 से कम सीटी वैल्यू रहने पर पटना के आईजीआईएमएस में उसकी जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जा सके. पश्चिम चंपारण, गया, मुजफ्फरपुर, शेखपुरा और बेगूसराय को जांच में तेजी लाने को कहा गया. हवाईअड्डा एवं भीड़-भाड़ वाले इलाकों में रैंडम जांच होगी.

 केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पूर्व में जारी सभी निर्देशों मसलन स्क्रीनिंग सैम्पल कलेक्शन, रैंडम सैम्पलिंग, उपचार, डिस्चार्ज आदि का पालन सुनिश्चित किया जाएगा. स्वास्थ्य संस्थानों को अपने यहां की जरूरतों का आकलन कर बीएमएसआईसीएल से दवाओं की मांग करने को कहा गया है. अस्पतालों में मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। जो लोग खांसी, सर्दी और बुखार व अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से मास्क पहनने को कहा गया है.बिहार में मेडिकल कॉलेज से लेकर जिला एवं अनुमंडलीय अस्पतालों में 132 ऑक्सीजन प्लांट लगे हुए हैं। इन प्लांटों में 90 पूरी तरह ठीक हैं. बाकी में छोटी-छोटी खराबी है, जिसे अविलंब दुरुस्त करने को कहा गया है. ऑक्सीजन प्लांट की देखरेख अब समेकित रूप से की जाएगी. जनवरी में एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा.

कोविड के नए वेरिएंट जेएन.1 ने लोगों को चिंता को बढ़ा दिया है. दुनिया भर में JN.1 कोविड-19 वैरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इनमें से अधिकांश मामले चिकित्सकीय रूप से हल्के होते हैं और मरीज बिना किसी इलाज के अपने घर पर ही ठीक हो रहे हैं. यह पिरोला संस्करण (BA.2.86) का वंशज है. इसका पहला मामला इस साल सितंबर में अमेरिका में सामने आया था. डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन सेंटर (सीडीसी) के मुताबिका कोरोना का यह सबवेरिएंट, ओमिक्रॉन सबवेरिएंट BA.2.86 का वंशज है. इसे ‘पिरोला’ भी कहा जाता है. वैज्ञानिकों की मानें की मानें तो JN.1 और BA.2.86 दोनों में ज्यादा अंतर नहीं है. इनमें सिर्फ स्पाइक प्रोटीन में बदलाव होता है.स्पाइक प्रोटीन जिसे स्पाइक भी कहा जाता है. यह वायरस की सतह पर छोटे कांटेदार यानी स्पाइक्स जैसा दिखाई देता है. इसी वजह से लोगों में वायरस का संक्रमण ज्यादा तेजी से होता.    

   

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