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सिर्फ चंद लोगों के कोरोना चेन से कैसे बेचैन हो गया बिहार? खाड़ी देशों से लौटे युवकों और जमातियों की लापरवाही से दहशत में प्रदेश....

सिर्फ चंद लोगों के कोरोना चेन से कैसे बेचैन हो गया बिहार? खाड़ी देशों से लौटे युवकों और जमातियों की लापरवाही से दहशत में प्रदेश....

पटना : कोरोना शब्द सुनते ही लोगों के अंदर अचानक एक दहशत सा रेंग जाता है... हालांकि अन्य राज्यों की अपेक्षा बिहार ने कोरोना वायरस वायरस पर संक्रमण पाने में सफलता पाई है। लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में कोरोना वायरस संक्रमण की समीक्षा के बाद जो चीजें सामने आ रही है उसके अनुसार चंद लोगों की लापरवाही ने बिहार मैं 80% कोरोना फैलाया है ।आज उन्हीं चंद लोगों के कोरोना चेन से बिहार बेचैन है। कतर ओमान और दुबई और कुछ जमात के  लोगों ने कोरोनावायरस का लंबा चेन बना दिया। खास बात यह है कि इन लोगों के चूक ने अपने ही लोगों को इस खतरनाक बीमारी का शिकार बना दिया।

कतर से लौटे सैफ ने दे दी कोरोना को बिहार खतरनाक सफर पर निकलने की इजाजत...

सबको याद होगा कि कैसे एम्स में मुंबई से कतर से लौटे एक युवक की मौत के बाद जब उसके पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह जानकारी मिली कि वह कोरोना पॉजिटिव है तो  चैन की बंसी बजा रहा बिहार अचानक बेचैन हो गया ।जो जहां था वही इस घटना को सुनकर चकित था कि आखिर कतर से लौटे युवक की स्क्रीनिंग क्यों नहीं की गई। वह 12 तारीख से लेकर 22 तारीख तक कहां-कहां गया ?कैसे रहा? और अब क्या होगा? आनन-फानन में प्रशासन के द्वारा उसके लाश को दफनाया गया लेकिन तब तक खेल हो चुका था और सैफ अली और प्रशासनिक चूक ने कोरोना वायरस  को बिहार में खतरनाक सफर पर निकलने की इजाजत दे दी थी। सैफ ने अपने घर वालों से लेकर निजी अस्पताल के लोगों तक एक लंबा चेन बनाया। शुक्र है यह सारे लोग दोबारा पॉजिटिव होने के बाद नेगेटिव होकर अपने-अपने घर लौट चुके हैं। खारिश देश से लौटे अपनी खुद की जान गवा चुके एक युवक ने मुंगेर को कोरोना का हॉटस्पॉट बना दिया इसी तरह सिवान के एक गांव में दुबई से लौटे एक युवक ने सिवान को को रोना का हॉटस्पॉट बना दिया। वह न सिर्फ अपने परिवार वालों को बल्कि गांव के लोगों को भी इस खतरनाक बीमारी के लपेटे में लिया ।दुबई से आने के बाद कोरोना वायरस पॉजिटिव युवक ने मजे से गांव के लोगों के साथ सामाजिक रिश्तेदारी निभाता.. रहा। यहां तक कि वह क्रिकेट वगैरह भी खेलता रहा। उसका परिणाम हुआ कि उसी के परिवार के एक दर्जन से ज्यादा लोग इस खतरनाक बीमारी के लपेटे में आ गए।

अब जरा मुंगेर के जमालपुर के एक बुजुर्ग कि 1 महीने पहले बिहारशरीफ में आयोजित जमात के कार्यक्रम में शामिल होने का परिणाम देखिये। जमालपुर का 60 वर्षीय जमाती न सिर्फ जमात के कार्यक्रम में शामिल होता है बल्कि छुपते छुपाते कई जिलों से होते हुए वह अपने घर पहुंचता है। उसके बाद तो मानो कोहराम मच जाता है। स्वयं इस बुजुर्ग जमाती ने अपने घर के लोगों के दर्जनों लोगों को इस खतरनाक बीमारी का शिकार बनाया। यहां तक कि छोटी- छोटी बच्चियां भी इस वायरस के लपेटे में आ गए और फिर मुंगेर का जमालपुर सदर बाजार कोरोना का नया हॉटस्पॉट बन गया।बस इन लोगों की थोड़ी सी लापरवाही और नादानी में बिहार को एक ऐसे खतरनाक रास्ते की तरफ बढ़ा दिया जहां कम्युनिटी संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है।

लापरवाह रही सरकार और बेदम रहा सिस्टम
जरा याद कीजिए कि जब बिहार बीजेपी के एमएलसी 4 मार्च को है इस खतरनाक बीमारी से आगाह करने को लेकर सदन मास्क पहनकर पहुंचते हैं ।लेकिन स्वयं सदन के अंदर स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा उनका मजाक उड़ाया जाता है। वह बार-बार सरकार को जागरूक करने का प्रयास करते हैं लेकिन उनकी कोई नहीं सुनता ।इतना ही नहीं होली के बाद जब सदन पुनः खुलता है और विधायकों को मास्क लगाने के लिए कहा जाता है तो बिहार के मुख्यमंत्री गुस्से से लाल हो जाते हैं और कहते हैं कि पैनिक क्रिएट मत कीजिए। उससे भी इतर इस बीमारी के प्रति लापरवाही का स्तर देखिए की विदेशों से शुरुआती दौर में आने वाले लोगों का हवाई अड्डों पर गंभीरता से जांच तक नहीं की गई जिसकी वजह से यह भयावह तस्वीर सामने है।

मुम्बई से लौटे बिहार के युवकों ने पेश कर दी मिशाल....
एक तरफ खाड़ी देशों से लौटे युवकों और सरकारी ने बिहार के लिए परेशानी का सबब खड़ा कर दिया तो वही मुंबई से लौटे युवकों ने मिसाल कायम कर दिया। उनसे बिहार के बाकी प्रवासियों को सीखने की जरूरत है ।गौरतलब है कि मुंबई में कैंसर पीड़ित का इलाज कराकर एंबुलेंस से पटना लौटे युवक  अपने घर नहीं जाते बल्कि सीधे पीएमसीएच पहुंच जाते हैं और अपना चेकअप करवाते हैं ।जांच में यह तीनों युवक कोरोना संक्रमित निकलते हैं। अब भला सोचिए कि अगर मुंबई से लौटने के बाद सीधे घर जाते तो बेउर इलाके और स्वयं इनके घर का हाल क्या होता?

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