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इलेक्टोरल बॉन्ड से राजद-जदयू को कितना मिला चंदा, लालू- नीतीश का खुला राज, करोड़ों रुपए की आय का खुलासा, चौंका देगा आंकड़ा

इलेक्टोरल बॉन्ड से राजद-जदयू को कितना मिला चंदा, लालू- नीतीश का खुला राज, करोड़ों रुपए की आय का खुलासा, चौंका देगा आंकड़ा

पटना. इलेक्टोरल बॉन्ड से देश में सबसे ज्यादा चंदा भाजपा को मिला है.सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसबीआई ने जो आकड़े उपलब्ध कराए हैं उसमें इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा भाजपा को मिला. यह राशि करीब 60 अरब रुपए है. लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा हासिल करने वालों में बिहार के सियासी दल भी पीछे नहीं है. एसबीआई ने 426 पन्नों में राजनीतिक दलों के नाम हैं बताएं हैं कि उन्होंने कब कितनी राशि के इलेक्टोरल बॉन्ड कैश कराए. इसमें बिहार के प्रमुख सियासी दलों के नाम भी शामिल है. साथ ही इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा हासिल की राशि भी करोड़ों रुपए में है. यह जानकारी 12 अप्रैल, 2019 से 11 जनवरी, 2024 के बीच की है. इस जानकारी के अनुसार बीजेपी ने इस अवधि में कुल 60 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को भुनाया है. वहीं इस मामले में दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस है, जिसने 16 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश किया है.

बिहार के सियासी दलों में इसमें एक मात्र राजनीतिक दल के रूप में लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का नाम शामिल है. राजद के नाम इसमें अलग अलग तिथियों में करोड़ों रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश कराने की जानकारी दी गई है. लालू यादव की पार्टी ने सबसे पहले 16 अप्रैल 2019 को 1 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश कराया. हालांकि यह शुरुआत यहीं नहीं रुकी. इसके बाद अलग अलग तिथियों में कई बार इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश कराया गया. राजद ने 16 अप्रैल 2019 से 20 जनवरी 2024 के बीच भिन्न 8 तिथियों पर इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश कराया गया. 

राजद को करोड़ों की आय : आंकड़ों के अनुसार राजद ने 16 अप्रैल 2019 को 1 करोड़, 24 अप्रैल 2019 को 1.5 करोड़, 29 अक्टूबर 2020 को 1 करोड़, 19 जुलाई 2023 को 4.10 करोड़, 18 जुलाई 2023 को 28 करोड़, 19 अक्टूबर 2023 को 24 करोड़, 20 अक्टूबर 2023 को 1 करोड़ और 20 जनवरी 2024 को 15 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश कराया गया. यानी वर्ष 2019 से 2024 के बीच राजद की ओर से कुल 75.60 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश कराया गया. 

जदयू को कितना मिला : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को लेकर भी यह चर्चा थी कि पार्टी को चंदे के तौर पर इलेक्टोरल बॉन्ड मिला. हालांकि एसबीआई ने जो आकड़े उपलब्ध कराए हैं उसमें इलेक्टोरल बॉन्ड से जदयू को मिली किसी राशि का उल्लेख नहीं है. यानी जदयू के नाम एक भी इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश कराने का विवरण नहीं है. साथ ही बिहार से एक मात्र पार्टी जिसने इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश कराया है उसमें सिर्फ राजद का नाम ही शामिल है. जदयू सहित किसी भी अन्य दल का नाम इसमें शामिल नहीं है. 

क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड: इलेक्टोरल बॉन्ड राजनीतिक दलों को चंदा देने का एक वित्तीय ज़रिया है. यह एक वचन पत्र की तरह है जिसे भारत का कोई भी नागरिक या कंपनी भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं से ख़रीद सकता है और अपनी पसंद के किसी भी राजनीतिक दल को गुमनाम तरीक़े से दान कर सकता है. भारत सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की घोषणा 2017 में की थी. इस योजना को सरकार ने 29 जनवरी 2018 को क़ानूनन लागू कर दिया था. हालांकि इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अब एसबीआई को आदेश दिया कि इलेक्टोरल बॉन्ड से जिन दलों को चंदा मिला है उसे सार्वजनिक किया गया. उसके बाद ही भाजपा को सर्वाधिक 60 अरब चंदा मिलने का खुलासा हुआ है.

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