मुझे न पावर चाहिए, न पैसा, बिहारियों की खुशी प्राथमिकता, मेरी लड़ाई कुर्सी की नहीं, विचारों की : मुकेश सहनी

मुझे न पावर चाहिए, न पैसा, बिहारियों की खुशी प्राथमिकता, मेरी लड़ाई कुर्सी की नहीं, विचारों की  : मुकेश सहनी

KHAGDIYA :  विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कल यानी गुरुवार की रात खगड़िया पहुंचे और  अलौली में श्री श्री 108 श्री कमला मेला महोत्सव में सम्मिलित हुए।  इस  महोत्सव में उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में वे या उनकी पार्टी जो लड़ाई लड़ रही है, वह कुर्सी की नहीं बल्कि विचारों की है। इस महोत्सव में पहुंचे हजारों लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं अपनी जिंदगी आराम से मुंबई में गुजार रहा था और आगे भी गुजार लेता। लेकिन, हमारी परंपरा 'जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी' रही है।  

उन्होंने कहा कि भगवान राम ने  रावण के साथ युद्ध में विजय हासिल करने के बाद भी अपने भाई  लक्ष्मण को कहे थे कि यद्यपि यह लंका सोने की बनी है, फिर भी इसमें मेरी कोई रुचि नहीं है। क्योंकि जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान हैं। यही कारण है कि वे अपने राज्य के लोगों की लड़ाई लड़ने बिहार पहुंचे। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुझे न पावर चाहिए, न पैसा चाहिए,  हर बिहारियों के चेहरे पर खुशी रहे यह मेरी प्राथमिकता है। 

'सन ऑफ मल्लाह' के नाम से चर्चित श्री सहनी ने उपस्थित लोगों से अपने आने वाली पीढ़ी को खूब पढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि आज ज्यादा मेहनत करने वाले गरीब है जबकि कम मेहनत करने वाले ज्यादा अमीर हैं।  उन्होंने कहा कि इसका एक मात्र कारण शिक्षा है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में पॉवर और पैसे से ही अपने अधिकार की लड़ाई लड़ी जा सकती और सफलता पाई जा सकती है। 

श्री सहनी ने जोर देकर कहा कि भारत के संविधान ने बड़े से लेकर निर्धन लोगों तक को वोट का अधिकार दिया है। इसे हम सभी को सही लोगों के लिए और अपनों के लिए इस्तेमाल करना जरूरी है। जब अपना लोग मजबूत होगा और पॉवर में होगा तो पूरा समाज मजबूत होगा।


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