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इलैयाराजा, पीटी उषा, समाजसेवी डी वीरेंद्र हेगड़े और वी. विजयेंद्र प्रसाद जाएंगे राज्यसभा, चौथे नाम के बारे में जानकर हो जाएंगे हैरान

इलैयाराजा, पीटी उषा, समाजसेवी डी वीरेंद्र हेगड़े और वी. विजयेंद्र प्रसाद जाएंगे राज्यसभा, चौथे नाम के बारे में जानकर हो जाएंगे हैरान

DELHI : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा के लिए चार सदस्यों के नाम की अनुशंसा की है। इनमें दो फिल्मों से जुड़े हुए हैं और एक-एक खेल और समाजसेवा से। जिन सदस्यों के नाम पर केंद्र ने मुहर लगाई है उनमें पूर्व ओलंपिक ट्रैक एंड फील्ड एथलीट पीटी उषा, संगीतकार और गायक इलैयाराजा, पटकथा लेखक वी विजयेंद्र प्रसाद गारू और समाजसेवी वीरेंद्र हेगड़े को राज्यसभा के लिए मनोनीत करने की अनुशंसा की है। राष्ट्रपति इन्हें मनोनीत करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सभी को बधाई दी है। सभी का कार्यकाल 6 साल का होगा।

देश की उड़न परी है पीटी उषा

भारत की स्टार एथलीट और उड़न परी के नाम से मशहूर हैं। 1980 में केवल 16 साल की उम्र में उन्होंने मॉस्को में हुए ओलिंपिक में हिस्सा लिया था। 1984 के ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनी थी। एक मामूली से फासले से वह मेडल जीतने से चूक गई थीं। 1986 के सिओल एशियाई खेलों में उन्होंने चार गोल्ड मेडल जीते थे।

400 मीटर की बाधा दौड़, 400 मीटर की रेस, 200 मीटर और 4 गुणा 400 की रेस में उषा ने स्वर्ण पदक जीते। 100 मीटर की रेस में वो दूसरे नंबर पर रहीं। 1983 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड दिया गया था। 1985 में उन्हें देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

इलैयाराजा - भारतीय संगीत की दुनिया में एक अलग पहचान

इलैयाराजा ने सात हजार से ज्यादा गीतों की रचना की है। इसके साथ ही 20 हजार से ज्यादा म्यूजिक कॉन्सर्ट का वो हिस्सा रह चुके हैं। इलैयाराजा संगीत ज्ञानी के नाम से भी मशहूर हैं। उन्होंने भारतीय लोक संगीत और पारंपरिक वाद्ययंत्रों को वेस्टर्न कल्चरल म्यूजिक टेक्नीक के साथ-साथ जोड़ने के लिए जाना जाता है।

1986 में आई तमिल फिल्म विक्रम में कंप्यूटर के जरिए फिल्मी गाने रिकॉर्ड करने वाले वह पहले भारतीय संगीतकार थे। इलैयाराजा ने तमिल फिल्म संगीत में वेस्टर्न कल्चरल म्यूजिक का अनूठा प्रयोग किया। वे 2010 में पद्म भूषण और 2018 में पद्म विभूषण से सम्मानित हो चुके हैं। उन्हें पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

डी वीरेंद्र हेगड़े- जैन समुदाय की छह सौ साल परंपरा को आगे बढ़ाया

डी वीरेंद्र हेगड़े कर्नाटक के धर्मस्थल मंदिर के धर्माधिकारी हैं। उन्हें अपने सामाजिक कार्यों के लिए जाता है। उन्होंने जैन समुदाय की करीब छ सौ साल पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाया है। वह नैचुरोपैथी, योगा और नैतिक शिक्षा के प्रसार के लिए धर्म स्थल से जुड़े 400 हाईस्कूल और प्राइमरी टीचर हर साल इन विषयों में 30,000 छात्रों को शिक्षा देते हैं। 1972 से लेकर अब तक उनके धर्मस्थल में हर साल सामूहिक विवाह कार्यक्रम कराया जाता है। इन कार्यक्रमों के जरिए हजारों जोड़ों की शादी होती है।

वी. विजयेंद्र गारु- बाहुबली, RRR जैसी फिल्मों के राइटर, डायरेक्शन भी किया

दक्षिण सिनेमा से लेकर बॉलीवुड तक वी. विजयेंद्र गारु ने कई फिल्मों का पटकथा लेखन किया है। उन्होंने बाहुबली, RRR, बजरंगी भाईजान, राउडी राठौड़, मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ झांसी और मार्शल जैसी फिल्मों की कहानी लिखी है। 2016 में बजरंगी भाईजान के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा उन्होंने अर्धांगिनी, रांझणा और श्रीवल्ली जैसी फिल्मों का निर्देशन भी किया है।

वी विजयेंद्र का जन्म आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के कोवूर में हुआ। वह फिल्म निर्देशक बनना चाहते थे। इसके लिए वह चेन्नई चले गए, लेकिन वहां उनकी किस्मत ने साथ नहीं दिया। इस दौरान उनकी मुलाकात अपने एक पुराने दोस्त से हुई, जो उनके भाई शिव शक्ति दत्ता को राइटर-डायरेक्टर राघवेंद्र राव के पास ले गए। राघवेंद्र राव ने उन्हें 'जानकी रामुडु' (1988) की कहानी साझा रूप से लिखने के लिए कहा। इस तरह तेलुगु सिनेमा में उनका करियर शुरु हुआ। विजयेंद्र की बतौर लेखक पहली फिल्म 'बंगारू कुटुंबम' (1994) है। साथ ही वह राजमौली के पिता हैं।


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