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भाजपा नेताओं पर हुए लाठी चार्ज पर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई, बढ़ सकती है नीतीश कुमार- तेजस्वी यादव की मुश्किलें

भाजपा नेताओं पर हुए लाठी चार्ज पर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई, बढ़ सकती है नीतीश कुमार- तेजस्वी यादव की मुश्किलें

NEW DELHI/PATNA : बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान बीते 13 जुलाई को जिस तरह से भाजपा नेताओं  पर बिहार पुलिस ने लाठी बरसाई थी और एक कार्यकर्ता की मौत हो गई थी। उसका मामला अभी तक ठंढा नहीं हुआ है। जहां प्रदेश में भाजपा इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरने में लगी है, वहीं अब इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में भी अहम सुनवाई होने जा रही है। ऐसे में न सिर्फ भाजपा, बल्कि पटना प्रशासन और पुलिस की नजरें भीआज सुप्रीम कोर्ट की तरफ टीकी रहेगी।

बता दें कि बीजेपी कार्यकर्ता भूपेश नारायण ने इस मामले में 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर लिया था। 25 जुलाई को इस मामले की पहली सुनवाई हुई थी। याचिकाकर्ता के वकील वरुण कुमार सिन्हा ने इसकी जानकारी दी है। भाजपा कार्यकर्त्ता भूपेश नारायण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अपनी याचिका के जरिए उन्होंने इस पूरे मामले की CBI या SIT से जांच की मांग की है। 


नीतीश कुमार और तेजस्वी पर प्राथमिकी की मांग

उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी इस मामले में पक्षकार बनाया है। मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।

संसद में भी उठी मांग

लाठी चार्ज में घायल हुए सांसद जनार्दन सिंह सिग्रिवाल ने संसद के मानसून सत्र में इस पर कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने आगे कहा था कि यह सांसद के विशेधिकार हनन का मामला बनता है। उन्होंने लोक सभा अध्यक्ष से मुलाकात कर सारे मामले की जानकारी दी है और वे आज ही विशेषाधिकार का नोटिस देकर राज्य के पुलिस मुखिया सहित अन्य जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।

13 जुलाई को पुलिस ने किया था लाठीचार्ज

दरअसल,13 जुलाई को जहानाबाद जिले के बीजेपी नेता विजय सिंह की विधानसभा मार्च के दौरान हुए लाठीचार्ज मृत्यु हो गई थी। साथ ही बीजेपी सांसद जर्नादन सिंह सिग्रिवाल, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा समेत कई पार्टी नेताओं को चोट आई थी। बीजेपी नेता की मौत के बाद पार्टी नेताओं ने दावा किया था कि पुलिस लाठीचार्ज में उनकी मृत्यु हुई है। जबकि पटना जिला प्रशासन का कहना कि उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं मिला है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हृदय गति रुक जाना मौत का कारण बताया गया है। लाठीचार्ज को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चार सदस्यीय जांच कमेटी भी बनाई थी, जो अपनी रिपोर्ट सौंप दी हैं।

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