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पटना में बिहार स्टेट बार कॉउन्सिल के सदस्यों की हुई अहम बैठक, एडवोकेट्स प्रोटेक्शन, बीमा और पेंशन योजना सहित कई मुद्दों पर हुई चर्चा

पटना में बिहार स्टेट बार कॉउन्सिल के सदस्यों की हुई अहम बैठक, एडवोकेट्स प्रोटेक्शन, बीमा और पेंशन योजना सहित कई मुद्दों पर हुई चर्चा

PATNA : पटना स्थित बिहार स्टेट बार कॉउन्सिल भवन में स्टेट बार कॉउन्सिल की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में वकीलों से जुड़े कल्याणकारी मुद्दों को कॉउन्सिल के सदस्यों द्वारा प्रमुखता से उठाया गया। कॉउन्सिल ऑफ इंडिया (बीसीआई ) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि वकीलों के लिए एडवोकेट्स प्रोटेक्शन, बीमा और पेंशन योजना प्राथमिकता पर है। इतना ही नहीं, 23 और 24 सितंबर को आयोजित इंटरनेशनल लॉयर्स कॉन्फ्रेंस में बी सी आई के चेयरमैन ने एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट और इन्सुरेंस संबंधी मांगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष उठाया था।

उन्होंने बताया कि इन्सुरेंस  संबंधी मांग के संबंध में केंद्रीय कानून मंत्रालय द्वारा उम्र के अनुसार ब्योरा की मांग भी की गई। इसको लेकर केंद्रीय कानून मंत्री का बयान भी आ चुका है। इन्सुरेंस के संबंध में भी बार कॉउन्सिल सरकार को एक प्रस्ताव भेजने की तैयारी में है। बार कॉउन्सिल पेंशन योजना को लेकर भी दृढ़ संकल्पित है। इनकम टैक्स के दायरे से बाहर के वकीलों के लिए आयुष्मान जैसी योजना लागू करवाने को लेकर विचार किया जा रहा है।

राज्य बार कॉउन्सिल के चेयरमैन ने कॉउन्सिल द्वारा अधिकृत किये जाने के बाद व्यक्तिगत रूप से एक जनहित याचिका दायर किया है। जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य में 36 स्थानों पर अनुमंडल स्तर तक वकीलों के लिए हॉल बनाने की प्रशासनिक अनुमति मिल चुकी है। पैसा भी भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि  25 स्थानों पर कोर्ट परिसर के साथ वकीलों के लिए हॉल बनाने हेतु आदेश दिया जा चुका है। जहाँ पर्याप्त भूमि नहीं है, वहाँ भूमि की उपलब्धता के अनुसार कोर्ट परिसर बनाने की योजना है। वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने इस बात पर गहरी चिंता जाहिर किया कि एडवोकेट वेलफेयर की राशि 5 रुपए से 25 रुपये कर दिए जाने और नियम के बावजूद राज्य सरकार के असहयोग और निष्क्रियता की वजह से वकीलों को डेथ क्लेम समेत अन्य भुगतान वकीलों को सही तौर से नहीं किया जा पा रहा है।जबकि ट्रस्टी कमेटी के चेयरमैन राज्य सरकार के महाधिवक्ता होते हैं। 

उन्होंने बताया कि कमेटी में राज्य के विधि सचिव, सरकार द्वारा नामित सदस्य, बार कॉउन्सिल के चेयरमैन, बार कॉउन्सिल द्वारा नामित दो सदस्य व कमेटी द्वारा नियुक्त सचिव सह कोषाध्यक्ष शामिल होते हैं। सरकार वेलफेयर फण्ड का हिसाब भी नहीं देती है। इसके लिए वर्तमान बी सी आई के चेयरमैन मनन मिश्रा ने तत्कालीन युवा  अधिवक्ता कल्याण समिति के अध्यक्ष के रूप में काफी संघर्ष किया था। बिहार राज्य बार कॉउन्सिल के कई  सदस्यों का यह भी कहना था कि उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में वकीलों के कल्याणार्थ योजनाओं के लिए बजट में ही प्रावधान किया जाता है, जबकि बिहार की सरकार वकीलों के वेलफेयर संबंधी उनका उचित अधिकार देने में किसी प्रकार का सहयोग नहीं कर रही है। उनका यह भी कहना था कि यदि वकीलों के उनके उचित अधिकारों को सरकार पूरा नहीं करती है, तो बाध्य हो कर कोर्ट का शरण लेना पड़ेगा।

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