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पटना में बिना नंबर के वाहनों से अवैधरूप से हो रही धड़ल्ले से हो रही बालू की तस्करी, जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही पुलिस

पटना में बिना नंबर के वाहनों से अवैधरूप से हो रही धड़ल्ले से हो रही बालू की तस्करी, जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही पुलिस

PATNA: पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र में बालू माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से अवैधरूप से सोन नदी की बालू की बिना नंबर प्लेट के वाहनों से ढूलाई हो रही है। वहीं इस मामले में पुलिस सिर्फ मुक दर्शक बनी हुई है। बताया जा रहा कि कई थानों की सीमा पार करते हुए बालू नौबतपुर और पटना तक पहुंच रही है। वहीं सरकार द्वारा रोकथाम के लिए किए जा रहे सभी प्रयास विफल हो रहा है। रात के अँधेरे और दिन के उजाले में यह यह गोरखधंधा पुलिस के नाक के नीचे से खुलेयाम हो रही है। अब सवाल उठ रहा कि, आखिर कैसे बिना पुलिस के संरक्षण यह संभव हो सकता है? 

मिल जानकारी अनुसार ताज़ा मामले रानी तलाब थाने क्षेत्र का है। जहां आज पुलिस ने एक ट्रैक्टर को पकड़ा है। जिसका नंबर BR 01GH 2302 बताया जा रहा है। वहीं कल दो ट्रैक्टर नौबतपुर थाने की पुलिस ने पकड़ा था जोकि वह पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र से जा रही थी। दो दिन पहले बिक्रम थाने की पुलिस ने भी एक हाइवा को पकड़ा था, लगभग सभी थानो क्षेत्रों की कमोबस यही स्थिति है पुलिस एक्के दूक्के वाहनों को पकड़कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री करते हुए खानापूर्ति करती आ रही है। वहीं सूत्रों से लगातार मिलती आ रही खबरों की मानें तो यह सिर्फ दिखावटी तस्वीरें सामने आ रही है, जबकि बड़े पैमाने पर सोन नदी की बालू जिसको हम आजकल दूसरे शब्दों में सोना भी कहते है पुलिस की संरक्षण में बालू माफियाओ द्वारा बिना नंबर प्लेट के वाहनों से से अवैधरूप से बड़े पैमाने लूटी जा रही है। बालू ढूलाई की कारोबार में प्रति दिन लाखों करोड़ों की वारे न्यारे हो रहे बालू माफियाओं की तरक्की दिन दूनी और रात चौगुनी हो रही है, इस गोरखधंधे की खेल में एक नहीं सैंकड़ो की संख्या में लोग संलिप्त है।

अब लाख टके की सवाल यह उठता है कि पटना जिले के आखिरी छोर पर पालीगंज अनुमंडल स्थित है। इसकी सीमा अरवल और जहानाबाद जिले से शुरू होती है। इस क्षेत्र में पालीगंज थाने के साथ-साथ रानी तालाब, दुल्हिन बजार,बिक्रम थाने क्षेत्र में सोन नदी सीधे जुड़ी हुई है, जबकि दुल्हिन बजार के साथ सिगोड़ी, खिड़ी मोड़ थाने में भी परोक्ष अपरोक्ष रूप होते हुए इन थानों क्षेत्रों की सीमा से होते हुए दूसरे थाने क्षेत्रों में जैसे नौबतपुर से होते हुए पटना तक जाती है। वहीं सिगोड़ी और खिड़ी मोड़ थाने से होकर जहानबाद और अरवल जिले के सीमाव्रती क्षेत्रों में सोन नदी की बालू अवैध वाहनों से बेधडक और निर्वाध रूप से पहुंच रही है। यह आखिर कैसे संभव हो सकता है,क्या संभव है की बिना पुलिस की मिली भगत और संरक्षण से यह गोरख धंधा इतनी दूर तक पहुंचना बिना रोक टोक के संभव हो सकती है?

नाम लिखने के शर्त पर कई लोगों ने बताया कि बिना नंबर प्लेट के बड़े पैमाने पर बालू की अवैधरूप से ढूलाई हो रही है। रात के अँधेरे और दिन के उजाले में भी धड़ल्ले से बिना रोक टोक के हो रही है। वहीं अवैध वाहनों को इक्के दूक्के पकड़ी जाती है जो पुलिस की संरक्षण में नहीं जाती यानी इसे दूसरे शब्दों में कह सकते हैं जिसकी पुलिस से हफ्ते नहीं बंधे होते हैं। वहीं छोटे-बड़े वाहनों को पकड़े जाते हैं, दूसरी ओर पुलिस की खुफिया तंत्र इस गोरख धंधे पर कड़ी नजर रखती है जिसकी पुलिस से सेटिंग गेटिंग रहती है उसे वहां से सीधे पार करा दिए जाते है,वहीं जो संदिग्ध होते हैं या पुलिस से सांठगाठ नहीं होती है उसे पुलिस ख़ुफ़िया तंत्र से मिली जानकारी के बाद पकड़ लेती है। इसका उदाहरण कई मिल रहे है। कई बार कई थानों की पुलिस ने बिना नंबर प्लेट बालू ले जा रहे वाहनों की पकड़ा है। यह कारोबार बड़े पैमाने पर रात के अँधेरे में हो रही है। वह इसलिए पकड़ी जा रही है क्योंकि वह अनजान गाड़ी होती है उसकी पुलिस से सेटिंग नहीं होती वह भी बहती गंगा में और लोगों की तरह हाथ धोने की प्रयास करता है लेकिन इसकी पुलिस को भनक लग जाती है और वह पकड़ी जाती है, इसका इक्का दुक्का ही उदाहरण सामने आते है, इसमें बड़े पैमाने पर बालू माफिया और सफ़ेदपोश लोग संलिप्त होते है।

अब इससे सभी तस्वीरें साफ हो जाती है,पुलिस के संरक्षण में यह गोरखधंधा धड़ल्ले से जारी है। जिसकी पुलिस से सांठगांठ नहीं होती वहीं वाहन इक्के दूक्के पकड़े जा रहे है। पुलिस दिखावटी रूप से खानापूर्ति करते हुए रोकथाम के नाम पर पकड़ कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रही है। इस धंधे में लगभग सभी थानों की पुलिस की एक ही कहानी है। एक तरफ पुलिस किसी आम आदमी को पकड़ती है तो लाख सवाल करती है। लाइसेंस है की नहीं, गाड़ी का नंबर प्लेट क्यों मिटा है, अपडेट है कि नहीं ऐसे लाखों सवाल पूछती है लेकिन रात के अँधेरे में सोन नदी की सोना बालू को लूट हो रही बिना नंबर प्लेट और प्लेट वाली भी वाहन से अवैध ढूलाई हो रही है। वो भी कहाँ से कहाँ पहुंच रही है कई थाने क्षेत्रों से होकर बड़े ही आराम से अपने गणतंव्य स्थानों पर सुरक्षित कैसे पहुंच रही है। यह अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा करता है? दूसरी तरफ सरकार द्वारा अवैध बालू ढूलाई की कारोबार की रोकथाम के लिए किए जा रहे सारे प्रयास को पुलिस ही बालू माफियाओ की मिली भगत से विफल करने में लगी हुई है। सनद रहे कुछ महीने पहले पटना पुलिस ने पालीगंज अनुमंडल के सभी थानों की थानेदारों की ताबदले भी किए थे हालांकि फिर भी वहीं कहानी जारी है।

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