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एलएन मिश्र इंस्टीट्यूट की छात्रा यशी सिंह के अपहरण के ग्यारह माह बाद भी बरामद नही होने के मामले में कोर्ट सख्त, DIG,CDI, SSP को पटना उच्च न्यायालय में उपस्थिति होने का दिया आदेश ...

एलएन मिश्र इंस्टीट्यूट की छात्रा यशी सिंह के अपहरण के ग्यारह माह बाद भी बरामद नही होने के मामले में कोर्ट सख्त, DIG,CDI, SSP को पटना उच्च न्यायालय में उपस्थिति होने का दिया आदेश ...

PATNA: एल एन मिश्रा इंस्टीट्यूट,मुजफ्फरपुर की छात्रा यशी सिंह का अपहरण कॉलेज जाते वक्त भगवानपुर चौक से 12 दिसंबर 2022 को हो गया था। इस मामले में लड़की के नाना साहेबगंज कॉलेज के अवकाश प्राप्त प्रिंसिपल राम प्रसाद राय ने सदर थाने में एक एफआईआर नंबर 844/2022 दर्ज कराई थी। अनुसंधान के क्रम में यह बात सामने आई कि सोनू नाम का एक अपराधी दो महिलाओं के साथ मिलकर भगवानपुर चौक से दिनांक 12.12. 2022 को नशे का इंजेक्शन देकर अपहरण कर लिया और उसे चतुर्भुज स्थान में जाकर बेच दिया। इतना कुछ मामला सामने आने के बाद भी पुलिस ना तो सोनू को गिरफ्तार कर पाई और नहीं यसी सिंह की बरामदगी।

लड़की के परिजन बिहार के मुख्यमंत्री, डीजीपी, मानवाधिकार आयोग, साइबर क्राइम ब्रांच,राष्ट्रीय महिला आयोग सारी जगह पर गुहार लगाते रहे। यहां तक की मुजफ्फरपुर के आईजी, डीआईजी ,सीनियर एसपी से मिलकर कई बार आवेदन दिए। साथ ही साथ इस घटना से आक्रोशित मुजफ्फरपुर के लोगों ने पुलिस का ध्यान 22 वर्षीय छात्रा के दिन दहाड़े अपहरण की ओर आकर्षित करने के लिए मुजफ्फरपुर बंद का आह्वान किया। सामाजिक लोगों ने धरना प्रदर्शन किया पर पुलिस सोई रही और यशी सिंह के बरामदी के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, दुखी माता-पिता ने पटना उच्च  न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और क्रिमिनल रिट संख्या 107 2 / 2023 दायर किया एवम केस में पटना उच्च न्यायालय के आपराधिक मामलों के वकील अरविंद कुमार को केस लड़ने के लिए नियुक्त किया गया । केस की सुनवाई हुई,पटना उच्च न्यायालय ने चार सप्ताह के अंदर मुजफ्फरपुर एसपी से काउंटर एफिडेविट फाइल करने को कहा। 

केस को लीपा पोती करते हुए मुजफ्फरपुर एसपी ने पटना उच्च न्यायालय में काउंटर एफिडेविट फाइल किया। पुनः केस की सुनवाई पटना उच्च न्यायालय की एकल पीठ के न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद के यहां शुरू हुई। अति संवेदनशील मामले में अनुसंधान में वर्ती गई शिथिलता और सरकार तथा पुलिस के रवैए पर सख्त नाराजगी व्यक्त किया। अनुसंधान देख आश्चर्यचकित थे। इस केस में सख्त आदेश पारित करते हुए न्यायाधीश ने सख्त टिप्पणी की कि राज्य सरकार एवं प्रशासन बिहार के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में नाकामयाब रही है। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण यशी सिंह अपहरण केस है। न्यायाधीश ने इस केस को पटना उच्च न्यायालय द्वारा डे-टू-डे मॉनिटरिंग के लिए आदेश दिया तथा इस मामले की सुनवाई पटना उच्च न्यायालय में प्रत्येक शुक्रवार को होगा।  साइबर क्राइम एसपी बिहार तथा मुजफ्फरपुर सीनियर एसपी मिलकर इस केस का मॉनिटरिंग करेंगे और नया एसआईटी का गठन करेंगे और यसी सिंह को बरामद करने हेतु ठोस प्लान बनाकर कार्रवाई करेंगे और इसका प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रत्येक शुक्रवार को पटना उच्च न्यायालय में समर्पित करेंगे। जिसकी सुनवाई पटना उच्च न्यायालय करेगी।  

वहीं आज पुनः केस की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने एस.एस.पी मुजफ्फरपुर के प्रतिवेदन को केवल कागजी खाना पूर्ति बताते हुए डीआईजी, सीआईडी और एसएसपी मुजफ्फरपुर को अगली तिथि 1 दिसंबर को न्यायालय में फिजिकल अपियरेंस का आदेश निर्गत किया। न्यायालय को सरकार ने एक काउंटर एफिडेविट फाइल कर जानकारी दी की केस को प्रॉपर इन्वेस्टिगेशन के लिए सीआईडी,बिहार को ट्रांसफर किया गया है। इस पर कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या अब तक प्रॉपर इन्वेस्टिगेशन नहीं किया जा रहा था। याचिकाकर्ता की ओर से पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अरविंद कुमार ने  बहस की।

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