किस रूप में सहेजा जाएगा पुराना संसद भवन, जहाँ हुआ 4000 से कानून पास अब उसका क्या होगा उपयोग, पीएम मोदी ने बनाई रणनीति

DESK. देश के लिए 19 सितम्बर एक नए इतिहास के रूप में दर्ज हो गया. भारत के नए संसद भवन की शुरुआत हो गई है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि अब पुराने संसद भवन का क्या होगा जिसके साथ इतिहास के कई स्वर्णिम पन्ने जुड़े हैं. देश की आजादी से लेकर कई बदलावों का गवाह रहा पुराना संसद भवन भविष्य में किस उपयोग में लिया जाएगा इसे लेकर पीएम मोदी ने एक खास रणनीति तय की है. मंगलवार को पुराने संसद भवन से नए संसद भवन में प्रवेश के पूर्व पीएम मोदी ने इसे लेकर कसभा स्पीकर और राज्यसभा के चेयरमैन उप-राष्ट्रपति धनखड़ से अपनी इच्छा जाहिर की.
उन्होंने कहा कि आप लोग इस बात पर मंथन कीजिए कि पुराने संसद भवन को क्या संविधान सदन बनाया जा सकता है। इस पर वाइस प्रेसीडेंट ओपी धनखड़ ने कहा कि पीएम मोदी ने हम बहुत बड़ा होमवर्क दे दिया है। यह बहुत बड़ी बात है कि पुराने संसद भवन को हम किस रूप में सहेजते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा पुराने संसद भवन को गुडबॉय कहा और कहा कि अब नए भवन से नए युग की शुरूआत होगी। पीएम मोदी ने पुराने संसद भवन की ऐतिहासिकता को याद करते हुए कहा कि यह भवन हमारी भावनाओं से जुड़ा है। यहीं पर तिरंगे झंडे और भारत के संविधान को आत्मसात किया गया है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल से देश के सांसदों को संबोधित किया है। हमारे लिए यह गर्व का पल है और हम चाहते हैं कि इस भवन को हम हमेशा अपनी स्मृतियों में संजोए रखें।
पुराने संसद भवन में पास हुए 4000 कानून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद भवन में पिछले 7 दशकों के दौरान 4000 कानून पास किए गए हैं। मुस्लिम माताओं और बहनों को ट्रिपल तलाक से आजादी इसी संसद भवन से मिली है। पार्लियामेंट से ही ट्रांसजेंडर्स के लिए समानता का कानून बनाया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कश्मीर के लिए आर्टिकल 370 का खात्मा इसी संसद से हुआ। हमने स्पेशली एबल्ड लोगों के भविष्य को सुरक्षित करने का काम संसद से किया। संसद भवन में जितने भी काम हुए हैं, वह भारत के आम नागरिकों की भलाई के लिए किए गए। आगे भी हम ऐसा करना जारी रखेंगे।