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बारिश में बढ़ी सर्पदंश की घटनाएं, यहां बड़े सरकारी अस्पताल में नहीं मिल रही है एंटी वेनम, नतीजा बिना इलाज के मर रहे हैं मरीज, देख लीजिए

बारिश में बढ़ी सर्पदंश की घटनाएं, यहां बड़े सरकारी अस्पताल में नहीं मिल रही है एंटी वेनम, नतीजा बिना इलाज के मर रहे हैं मरीज, देख लीजिए

NAWADA :  मानसून शुरू होते ही कई जगहों से सर्पदंश की घटनाएं बढ़ गई है। वहीं सर्पदंश के बचाव को लेकर अभी भी बड़े सरकारी अस्पतालों में एंटी वेनम उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। जिसके कारण सर्पदंश के शिकार मरीजों को इलाज के अभाव में भटकना पड़ रहा है। नवादा का सदर अस्पताल भी इनमें से एक है, जहां सांप के डंसने के बाद लाई गई विवाहिता की इलाज के अभाव में मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया।

मृतक महिला की पहचान कोरमा गांव निवासी हारो मांझी की 30 वर्षीय पत्नी वीणा देवी के रूप में किया गया है। वहीं मृतक के पति ने बताया कि शनिवार को सुबह में सांप काटा था जिसके बाद आनन-फानन में वारसलीगंज पीएसपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां पर इलाज के दौरान उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। जिसके बाद महिला को सदर अस्पताल लाया गया, लेकिन यहां सही इलाज नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो गई।  मौत के बाद परिवार के लोगों ने कहा कि वारसलीगंज में बेहतर इलाज होता तो शायद हमारी पत्नी की जान बच जाती लेकिन नवादा में जैसे ही इलाज चालू किया गया और कुछ ही देर के बाद हमारी पत्नी की मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही गांव के स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ गई।

बिना पोस्टमार्टम कराए ले गए शव

हालांकि गुस्से में रहे परिजन के द्वारा बिना पोस्टमार्टम का ही महिला का शव गाड़ी में रख कर चले गए। कहा हमें किसी भी प्रकार का कोई पोस्टमार्टम नहीं कराना है। पुलिस को जानकारी मिलने से पहले ही परिजन ने नवादा के सदर अस्पताल के शव लेकर फरार हो गए। 

यहां बता दें कि सर्पदंश से होनेवाली मौतों को प्राकृतिक मौत की श्रेणी में रखा जाता है। जिसमें राज्य सरकार के प्रावधान के अनुसार चार लाख तक का मुआवजा मिल सकता है। लेकिन इसके लिए सर्पदंश से होनेवाली मौतों का पोस्टमार्टम कराना आवश्यक होता है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर ही मुआवजा के लिए दावा किया जा सकता है। लेकिन ज्यादातर लोग ऐसे मामले में पोस्टमार्टम कराना जरुरी नहीं समझते हैं।

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