बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

लंगटा बाबा स्टील समेत तीनों औद्योगिक इकाइयों की बढ़ी मुश्किलें...

लंगटा बाबा स्टील समेत तीनों औद्योगिक इकाइयों की बढ़ी मुश्किलें...

गिरिडीह : सदर प्रखंड के हरसिंगरायडीह में संचालित लंगटा बाबा स्टील प्लांट समेत तीन और औद्योगिक संस्थानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। पहले तो सीओ की तरफ से वन भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किए जाने को लेकर नोटिस जारी की गई है। वहीं इन कंपनियों को एनओसी देने से वन विभाग ने इनकार कर दिया है। 

बता दें कि गिरिडीह सदर प्रखंड के हरसिंगरायडीह में संचालित तीन औद्योगिक इकाईयों को सदर सीओ ने शनिवार को नोटिस जारी किया है। नोटिस में विवादित प्लॉट के दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। अंचलाधिकारी ने जिन औद्योगिक इकाईयों को नोटिस जारी किया है। उसमें लंगटा बाबा स्टील के अलावे महादेव साव और आरएन सिंह शामिल है।

गिरिडीह के डीएफओ राजकुमार साह ने साफ तौर पर कहा कि लंगटा बाबा स्टील फैक्ट्री समेत इस प्लॉट में अगर कोई भी औद्योगिक इकाई संचालित है तो उन्हें वन विभाग की ओर से फिलहाल एनओसी दिए जाने की कोई जानकारी नहीं है। इसके बावजूद वह अपने कार्यालय में दस्तावेजों को खंगाल रहे हैं।

वहीं मामले को लेकर उच्च अधिकारियों ने डीएफओ से इस प्लॉट से संबंधित दस्तावेजों की मांग की है। दस्तावेज मांगे जाने पर उन्होंने यही कहा कि किसी भी जंगल किस्म के प्लॉट पर कोई भी वाणिज्य कार्य नहीं किया जा सकता है। चाहे फिर जंगल किस्म के प्लॉट पर फैक्ट्री ही क्यों नहीं संचालित हो।

डीएफओ साह ने तर्क देते हुए कहा कि उच्चतम न्यायलय द्वारा निर्देश दिया गया था कि वन भूमि हो या, जंगल किस्म के प्लॉट। ऐसे प्लॉट में वाणिज्य कार्य किए जाने पर वन संरक्षण अधिनियम की धारा 1980 के तहत ही कार्रवाई करनी है। खातियान के आधार पर जारी हुए नोटिस को लेकर डीएफओ भी मानते है कि अगर यह सही है तो फिर तीनों की फैक्ट्री की जमाबंदी ही अवैध मानी जाएगी। फिर प्रदुषण बोर्ड ने लाईसेंस किस प्रकार दिया, यह भी जांच का विषय है।सीओ ने जारी किया है नोटिस : सीओ रवीन्द्र सिन्हा ने 1911 के खातियान को आधार मानते हुए लंगटा बाबा स्टील फैक्ट्री समेत तीनों औद्योगिक इकाईयों को नोटिस जारी किया था। सीओ के अनुसार, 1911 के खातियान में खाता नंबर 12 के प्लॉट नंबर 1023 पूरी तरह से जंगल किस्म का प्लॉट है। मामले में कंपनियों को  23 जुलाई तक अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।

बता दें कि वार्ड पार्षद पप्पू रजक ने करीब एक महीने पहले जमीन को लेकर शिकायत की थी। जिसके बाद अब लंगटा बाबा स्टील समेत तीनों कंपनियों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। क्योंकि सीओ द्वारा जारी नोटिस और एसडीएम के निर्देश के बाद वन विभाग भी एनओसी से जुड़े दस्तावेजों को खंगालने में जुट गया है. 

डीएफओ ने यह भी कहा कि वार्ड पार्षद ने लंगटा बाबा स्टील समेत महादेव साव और आरएन सिंह पर जो आरोप लगाये हैं, अगर दावा सही है तो मामले पर हर कार्रवाई प्रशासनिक स्तर पर ही की जाएगी।लंगटा बाबा स्टील के चैयरमेन मोहन साव ने कहा कि वन विभाग से 2005-06 में ही एनओसी ले लिया गया है। फैक्ट्री के नाम पर बैंक से लोन लिया गया है। तभी बैंक ने न केवल वन विभाग का एनओसी बल्कि पर्यावरण समेत अन्य संबंधित विभाग से एनओसी लिया गया था, तभी बैंक ने लोन दिया है।  कहा कि जब एक बार एनओसी ले चुके हैं तो दुबारा इसके लिए वन विभाग कार्यालय क्यों जाएंगे 

गिरिडीह से चन्दन पाण्डेय की रिपोर्ट

Suggested News