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जातीय गणना पर INDIA के नेता ने किया बड़ा दावा, सीएम नीतीश की पहल को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की मांग

जातीय गणना पर INDIA के नेता ने किया बड़ा दावा, सीएम नीतीश की पहल को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की मांग

पटना. बिहार के हुई जातीय गणना के बाद अब देश स्तर पर जातीय गणना की मांग जोर पकड़ रही है. इसी क्रम में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है। अखिलेश यादव ने कहा कि जातीय जनगणना हमारे समाज को जोड़ेगी और जो व्यवस्था बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने की थी और जाति को आरक्षण दिया था। क्योंकि जातियों से पिछड़ापन है, जातियां पिछड़ी हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब यह जातीय जनगणना हो जाएगी तो सभी जातियों को हक और सम्मान मिलेगा। दरअसल, अखिलेश यादव लखनऊ में डॉ राममनोहर लोहिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। 

सपा प्रमुख ने कहा कि समाज को और देश को कोई दिशा दे सकता है आज की परिस्थितियों में तो वही सिद्धांत जो डॉ राम मनोहर लोहिया जी ने दिए। जो शोषित हैं, वंचित हैं, पीड़ित हैं, जिन्हें समाज में अभी भी वो हक और सम्मान नहीं मिला, उनके लिए डॉ लोहिया जी ने, नेता जी ने अपना पूरा जीवन लगाया और उन्हीं के समाजवादी सिद्धांतों को लेकर हम लोग आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि डॉ लोहिया जी ने वो रास्ता दिखाया जो आज भी प्रासंगिक है। आज भी अगर हम उस रास्ते पर चलें, उन सिद्धांतों पर चलें तो समाज की तमाम समस्याओं का समाधान हो सकता है। गैर बराबरी कोई खत्म कर सकता है तो लोहिया जी के सिद्धांत और नेताजी का संघर्ष, उसी का संकल्प हर साल हम लोग लेते हैं।

इंडिया गठबंधन पर बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि जब साथ आने की बात हो गई, गठबंधन की बात हो गई तो सीटों का भी मसला कोई बड़ा नहीं है। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी को घबराहट है कि बीजेपी का सफाया होता जा रहा है। लोकनायक जयप्रकाश जी की प्रतिमा को इस तरह से ढकना, टीन शेड लगाना, गेट पर ताला लगा देना, क्या नियत थी इनकी, क्या छिपाना चाहते थें?

उन्होंने कहा कि डॉ. राम मनोहर लोहिया का जन्म 1910 में हुआ था। लोहिया एक स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी विचारों को मानने वाले थे। उन्होंने वंचित समुदायों के राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए भी काम किया और कांग्रेस के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने का काम भी किया। 12 अक्टूबर 1967 को उनका निधन हो गया था।


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