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8 घंटे काम, भरपूर नींद, उचित मजदूरी, छुट्टी जैसे श्रम कानून लाने के बदले मोदी सरकार ने चलाया ड्राइवरों चाबुक, पटना में चालकों का ऐलान, नहीं मानेंगे श्रमिक वर्ग नियम

8 घंटे काम, भरपूर नींद, उचित मजदूरी, छुट्टी जैसे श्रम कानून लाने के बदले मोदी सरकार ने चलाया ड्राइवरों चाबुक, पटना में चालकों का ऐलान, नहीं मानेंगे श्रमिक वर्ग नियम

पटना. देश में 'हिट एण्ड रन' कानून के नए नियमों को लेकर बुधवार को पटना में ड्राइवरों ने केंद्र की मोदी सरकार को जमकर सुनाया. बिहार ड्राइवर यूनियन ने कहा कि मोदी सरकार का 'हिट एण्ड रन' कानून मालिक पक्षीय तथा चालक विरोधी है. उन्होंने कहा, सड़क सुरक्षा के नाम पर बनाया गया नया कानून श्रमिक वर्ग पर अन्यायपूर्ण रूप से बोझ डालता है। ड्राइवर समाज को कम वेतन पर बिना सोए लगातार काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। सड़क दुघर्टना को ड्राइव रूम्म, 8 घंटे काम, भरपूर नींद और उचित मजदूरी देकर रोकी जा सकती है, लेकिन सरकार ने ड्राइवर की बेहतर काम की स्थिति को बनाने के लिए कोई भी कानून नहीं बनाया। मोदी सरकार श्रम कानूनों को लगातार मालिकों के पक्ष में संशोधित कर रही है।

उन्होंने कहा कि मजदूरों के श्रम कानून किसानों के कृषि कानून के बाद हाल ही में संसद के अंदर तीन कानून लाकर उनके परिवार से आने वाले ड्राइवर समाज को मोदी सरकार तबाह करने का मंसूबा बना चुकी है। यह शासक वर्ग के एक उपकरण के रूप में है, जिसका उपयोग भय और दंड के माध्यम से ड्राइवर के साथ-साथ पूरे श्रमिक वर्ग पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए किया जा रहा है।

यूनियन ने कहा कि भीड़ की हिंसा और लंबी कानूनी प्रक्रियाओं के कारण ड्राइवर के अदर पहले से ही काफी डर व्याप्त है। यह कानून पुलिस की आय और ड्राइवर की लूट को बढ़ावा देगा। ड्राइवर समाज मालिक तथा प्रशासन के दोहरे चक्की में पिस जाएगा। प्रशासन का कानूनी पेंच, पुलिस का रवैया तथा भीड़ द्वारा लिंच करके मार देने की घटनाएं ही ऐसी दुर्घटनाओं की रिपोर्ट करने के बजाय ड्राइवरों को भागने के लिए बाध्य करती है। लंबे समय तक काम करने के घंटे, वाहन के रखरखाव में लापरवाही और कम समय में जल्दी गंतव्य स्थान पर पहुंचाने का दबाव ऐसी दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार होता है। लेकिन नया कानून इन मुद्दों पर मालिक वर्ग के लिए कोई सजा न तय कर केवल चालक को दोषी ठहराता है।

ड्राइवरों की मांग : उन्होंने कहा कि सरकार तथा मालिकों से हमारी मांगे हैं कि 'हिट एण्ड रन' कानून को अविलंब वापस लो. सड़क दुर्घटनाओं में 7 लाख जुर्माना या 10 साल की सजा का फरमान नहीं चलेगा. गाड़ी एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर के इलाज की पूरी व्यवस्था मालिक या सरकार द्वारा किया जाए. गाड़ी एक्सीडेंट होने पर यदि ड्राइवर की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को 10 लाख रुपया मुआवजा दिया जाए. हम ड्राइवरों से 8 घंटे से अधिक काम न लिया जाए, इसकी व्यवस्था करो. हमारा वेतन 25,000 रुपया प्रति माह किया जाए. महीना लगने पर 1-5 दिन के अदर वेतन का भूगतान किया जाए. छुट्टी के दिनों में यदि काम करवाना हो तो भोजन के साथ वेतन के हिसाब से मजदूरी दुगुनी दी जाए. हम ड्राइवरों को साल में एक बार बोनस दिया जाए. प्रत्येक महीने में 4 छुट्टी निश्चित किया जाए एवं पर्व-त्यौहार और बीमारी की स्थिति में दी जाने वाली छुट्टी का रुपया न काटा जाए . सभी ड्राइवरों का आयुष्मान कार्ड बनवाने की व्यवस्था की जाए. ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया में बिचौलियों की मनमानी को खत्म किया जाए एवं निष्चित सरकारी दर पर बनाने की व्यवस्था की जाए. 

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