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IPS Shivdeep Lande : कभी मंत्री की बेटी पर आया था 'सुपर कॉप' शिवदीप लांडे का दिल, दोस्त के घर हुई ममता शिवतारे से मुलाक़ात, फिर जिंदगी भर साथ निभाने का कर लिया फैसला

IPS Shivdeep Lande : कभी मंत्री की बेटी पर आया था 'सुपर कॉप' शिवदीप लांडे का दिल, दोस्त के घर हुई ममता शिवतारे से मुलाक़ात, फिर जिंदगी भर साथ निभाने का कर लिया फैसला

PATNA : आईपीएस शिवदीप लांडे और 'सुपर कॉप' के नाम से मशहूर शिवदीप लांडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कभी इनके डर से अपराधियों के मन में दहशत हो जाता था। इनकी पहचान बिहार में एक कड़क पुलिस अफसर के रूप में रही है। फिलहाल लांडे पूर्णिया रेंज के आईजी के रूप में काम कर रहे थे। अचानक उनके इस्तीफे की खबर ने सबको चौंका दिया है। हालाँकि कड़क अधिकारी ने किसी के सामने अपने इश्क के इजहार भी किया था। दरअसल शिवदीप लांडे और उनकी पत्नी ममता शिवतारे की प्रेम कहानी बेहद दिलचस्प है। इनकी पहली मुलाकात एक कॉमन दोस्त की शादी में हुई थी। यह मुलाकत कुछ ही समय में प्यार में बदल गई और फिर 2 फरवरी 2014 को दोनों ने शादी कर ली। अब इस कपल की एक बेटी है। 

शिवदीप लांडे ने एक किताब भी लिखा है। उस किताब का नाम 'वुमन बिहाइंड द लॉयन' है। उन्होने इस किताब के विमोचन करते समय कहा था कि इस पुस्तक में उन्होंने अपनी जीवनी, संघर्षों व इस मुकाम पर पहुंचाने वाले शख्सियत के बारे में लिखा है। उन्होंने कहा कि मेरे जीवन में मां की अहम भूमिका रही है। मैं अपनी मां को बहुत कुछ नहीं दे सकता पर यह पुस्तक मां को समर्पित कर रहा हूं। हर सफल व्यक्तित्व के पीछे एक शख्स का हाथ होता है जिन्हें हम नहीं देखते। मेरे कहानी में वह शख्स मेरी मां है। साथ ही साथ उन्होंने कहा था कि मेरा जीवन काफी दुख भरा रहा है। जब कक्षा वन में पढ़ते थे तब दूसरे के पेरेंट्स स्कूल आते थे। उनका हाल समाचार जानते थे। उस समय काफी बुरा लगता था। काश मेरा भी ऐसा ही एक परिवार होता। लेकिन फिर भी वह अपने लग्न के प्रति कर्तव्य मान रहे और अपनी कार्यशैली से लोगों को प्रभावित करते रहे। 

29 अगस्त 1976 को महाराष्ट्र के अकोला में शिवदीप वामनराव लांडे का जन्म हुआ। पढ़ाई में बेहतर लांडे पहले इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किये। फिर सिविल सेवा की ओर बढ़ गए। आईपीएस बनने से पहले शिवदीप राजस्व विभाग में (IRS) अधिकारी बने। हालांकि 2006 में अच्छे अंक के साथ IPS बने। इसके बाद बिहार कैडर के अधिकारी शिवदीप लांडे की पहली नियुक्ति मुंगेर जिले के नक्सल  प्रभावित जमालपुर में हुई थी। लांडे ने जमालपुर एसडीपीओ के रूप में प्रशिक्षण प्राप्‍त किया। प्रशिक्षण अवधि के दौरान वे कुछ दिनों तक हवेली खड़गपुर थाने में भी पदस्‍थापित रहे। जमालपुर और हवेली खड़गपुर में रहने के दौरान उन्‍होंने कई कुख्‍याल नक्‍सलियों को पकड़ा। नक्‍स‍ली समस्‍या को भी नजदीक से जाना। इस दौरान जमालपुर में पत्‍थर की चोरी करोड़ों की हो रही थी। इसका भी पर्दाफाश किया। पत्‍थर माफ‍िया पर नकेल कसने के बाद ये चर्चा में आए। ये अररिया में भी एसपी के पद पर तैनात थे। अररिया एसपी के पद पर रहने के दौरान इन्‍हें किशनगंज के एसपी के छुट्टी पर जाने के कारण वहां का भी प्रभार मिला। इस दौरान इन्‍हें खाद्यान्‍न माफ‍िया एवं कई अन्‍य लोगों पर नकेल कसी।

 पटना में अपने कार्यकाल के दौरान अपनी अनोखी कार्यशैली के कारण शिवदीप पूरे देश में प्रसिद्ध हो गये।बिहार की राजधानी पटना में जब शिवदीप लांडे की पोस्टिंग हुई तो वो अपराधियों और गैरकानूनी काम करने वालों पर कहर बनकर टूटे थे. विशेषकर सड़क छाप लफंगों पर इनकी सख्ती ने कॉलेज और स्कूल की लड़कियों के बीच इनकी छवि हीरो की बन गई थी. मनचलों को सबक सिखाने और लड़कियों को मदद के लिए किसी भी समय उपलब्ध रहने के लिए उन्होंने अपना निजी मोबाइल नंबर लड़कियों के बीच बांट दिया था.  दरअसल एक शिकायत पर शिवदीप लांडे खुद मनचलों को सबक सिखाने पहुंच जाया करते थे. शिवदीप लांडे द्वारा नंबर बांटने का परिणाम यह हुआ था कि राजधानी की सड़कों से मनचलों का धीरे-धीरे सफाया हो गया था.

रोहतास कार्यकाल के दौरान शिवदीप ने जेसीबी चलाकर अवैध स्टोन क्रेशरों को नष्ट करना शुरू किया तो माफियाओं में हड़कंप मच गया।रोहतास का एसपी रहते हुए उन्होंने  खनन माफियाओं की नींद उड़ा दी थी।  उन्होंने फिल्मी अंदाज में खनन माफिया के खिलाफ खुद जेबीसी लेकर कार्रवाई करने उतर पड़े. इस अभियान में 30 से ज्यादा राउंड फायरिंग हुई. आखिरकार गुंडे पस्त हो गए. कार्रवाई में 500 लोगों को गिरफ्तार कराया. इस अभियान के बाद पुनः उनका तबादला कर दिया गया।

ऋतिक की रिपोर्ट




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