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महिलाओं के गुप्तांगों में लोहे की कील और गोलियां, हमास की दरिंदगी का मंजर पहुंचा संयुक्त राष्ट्र

महिलाओं के गुप्तांगों में लोहे की कील और गोलियां, हमास की दरिंदगी का मंजर पहुंचा संयुक्त राष्ट्र

पश्चिम एशिया में बीते करीब दो महीने के हिंसक संघर्ष के दौरान 15500 से अधिक लोगों को जान गंवानी पड़ी है। आतंकी संगठन- हमास के हमले में इस्राइल के 1200 से अधिक लोगों की मौत के बाद गाजा पट्टी में इस्राइली डिफेंस फोर्सेज (IDF) की जवाबी सैन्य कार्रवाई में 14 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है। अभूतपूर्व मानवीय संकट के बीच हमास की बर्बरता और यौन हिंसा की घटनाओं पर भी चर्चा हुई। सिहरन पैदा करने वाली इस जघन्य आतंकी वारदात के बीच संयुक्त राष्ट्र के मंच पर यौन हिंसा के वृत्तांत प्रसारित करने की बात सामने आई है। खास बात यह कि प्रसारण संयुक्त राष्ट्र की आलोचना के बावजूद किया गया। दरअसल, इस्राइल और हमास की लड़ाई के बीच शेरिल सैंडबर्ग ने संयुक्त राष्ट्र में एक आंशिक बैठक का आयोजन किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र पर बीते सात अक्तूबर को हुए आतंकी हमलों के दौरान महिलाओं के साथ हैवानियत, बलात्कार और अंग-भंग जैसे मामलों की अनदेखी के आरोप लगाए। उन्होंने इस्राइल पर हमले के भुक्तभोगी और प्रत्यक्षदर्शी गवाहों से बात करने के बाद जुटाए गए ऐसे विवरण सुनाए जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे। महिलाओं के साथ हमास ने कैसी हैवानियत की इसका अंदाजा इसी से होता है कि एक महिला के गुप्तांगों में लोहे की कील और कई दूसरी वस्तुएं भी बरामद की गईं। एक अन्य घर में शव को इतना क्षत-विक्षत कर दिया गया था कि पुरुष या महिला में फर्क करना मुश्किल था। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में सिम्चा ग्रीनमैन (Simcha Greinman) नाम के एक वॉलंटियर ने हमास के हमले में मारे गए लोगों के अवशेष जमा करने करने में सक्रिय भूमिका निभाई है। रिपोर्ट के अनुसार, जब इन्होंने हमास की हैवानियत की सिहरन पैदा करने वाली कहानी सुनाई तो कई बार उनका गला रुंध गया। उन्होंने कहा, "मैंने भयानक चीजें अपनी आंखों से देखीं और मैंने अपने हाथों से महसूस किया।" 

मृत महिला सैनिकों के शवों को दफनाने का जिम्मा संभालने वाली शैरी मेंडेस (Shari Mendes) ने कहा कि उनकी टीम ने 7 अक्तूबर को मारे गए कई लोगों को देखा। आतंकी हमले में मारे गए लोगों को गुप्तांगों (crotch), महिलाओं की योनि और छाती में गोलियां मारी गईं। हैवानियत की सीमाओं को लांघते हुए हमलावरों ने सिर पर भी कई गोलियां मारीं। कई मृतकों के चेहरे इस कदर क्षत-विक्षत थे कि पहचानना लगभग असंभव था। शैरी मेंडेस इस्राइली सैन्य रिजर्व इकाई की सदस्य हैं। बता दें कि 7 अक्तूबर के आतंकी हमलों में 1200 से अधिक इस्राइली मारे गए। हमास के आतंकियों ने लगभग 240 लोगों का अपहरण भी किया। इस्राइली अधिकारियों का आरोप है कि हमास के आतंकियों ने बड़े पैमाने पर यौन हिंसा- बलात्कार और यौन उत्पीड़न जैसे जघन्य वारदात को अंजाम दिया है। लगभग दो महीने से जारी युद्ध की विभीषिका के बीच एक पहलू यह भी है कि इस्राइली महिलाओं के साथ हैवानियत के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की महिला विंग ने पर मुखरता से आवाज नहीं उठाने के आरोप लगे हैं। महिला अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली यूएन वीमेन, मानवाधिकार संगठन और मीडिया पर आरोप है कि फलस्तीनी महिलाओं और लड़कियों की दुर्दशा पर बात करने वाले लोग हमास की हैवानियत की निंदा और अपराध की व्यापक जांच की मांग नहीं कर रहे हैं। इस्राइल में रहने वाली और यहां से जुड़ी आबादी के साथ-साथ दुनिया भर के यहूदियों का कहना है कि उन्हें ठगा होने का एहसास होता है जब अंतरराष्ट्रीय सामाजिक न्याय समुदाय, महिला और मानवाधिकार समूह उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए आवाज नहीं उठाते हैं। इनका कहना है कि यहूदी समुदाय ने दुनिया भर के संकटों में अपनी तरफ से समर्थन किया है। बता दें कि सोमवार को लगभग 800 लोग न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में जमा हुए। इनमें 40 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला कार्यकर्ताओं के अलावा राजनयिक भी शामिल रहीं। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर गवाहों की गवाही के साथ, बड़े पैमाने पर यौन हिंसा के सबूत पेश किए गए। इसमें सबसे अहम बयान शैरी मेंडेस (Shari Mendes) और ग्रीनमैन का रहा क्योंकि इन्होंने युद्धग्रस्त इलाकों को अपनी आंखों से देखा है। मेटा की पूर्व कार्यकारी शेरिल सैंडबर्ग (Sheryl Sandberg) भी यूएन के मंच पर मौजूद रहीं। उन्होंने कहा, महिलाओं के खिलाफ अपराध पर "चुप्पी मिलीभगत है।" संयुक्त राष्ट्र में इस्राइल के राजदूत गिलाद एर्दान के साथ प्रमुख आयोजकों में शेरिल का नाम भी शामिल है। उन्होंने कहा, 7 अक्टूबर को हमास ने 1,200 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। कुछ मामलों में पीड़ितों के साथ बलात्कार भी किया। बर्बरता की जानकारी प्रत्यक्षदर्शियों से मिली है। युद्धग्रस्त इलाकों में राहत और बचाव के लिए गए पैरामेडिक्स ने भी इसकी पुष्टि की है। हालांकि, हमास ने यौन अपराध के आरोपों से इनकार किया है। हमास का कहना है कि यह इस्लामी सिद्धांतों का उल्लंघन है। 

इस्राइली आबादी के साथ हुई हैवानियत के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले तबके का कहना है कि हमास की बर्बरता को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत जमा किए गए हैं। उदारहण के लिए आंशिक रूप से या पूरी तरह से नग्न महिलाओं के शव, महिलाओं की ऐसी डेड बॉडी जिसकी पेल्विक हड्डियां टूटी हुई हैं। मेडिकल जांच करने वाले लोगों के बयान भी अहम सबूत हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार खुद हमास के लड़ाकों की तरफ से रिकॉर्ड किए गए वीडियो भी सामने आए हैं। कुछ प्रत्यक्षदर्शी गवाह भी मिले हैं। पिछले महीने पुलिस अधिकारियों ने ऐसी एक वीडियो सार्वजनिक की। पुलिस के अनुसार, वीडियो में हमास के आतंकवादियों को एक संगीत समारोह में युवती के साथ बारी-बारी से बलात्कार करते देखा गया। हमास की दरिंदगी दुष्कर्म पर ही नहीं रुकी। आतंकियों ने महिला के शरीर को जमकर नोचा और उसके सिर में गोली मार दी। इस्राइली राजदूत एर्दान के मुताबिक उन्होंने हमास के आतंकवादियों की बर्बरता और पीड़ितों के शरीर की तस्वीरों के साथ संयुक्त राष्ट्र विमेन की कार्यकारी निदेशक सिमा सामी बाहौस को दो पत्र भेजे हैं। हालांकि, उन्हें कोई भी प्रतिक्रिया नहीं मिली। एर्दान ने कहा, यहां तक कि 'हमें आपका पत्र प्राप्त हुआ, जैसा औपचारिक जवाब भी नहीं मिला। गौरतलब है कि 25 नवंबर को, संयुक्त राष्ट्र विमेन ने पहली बार सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर बयान दिया था। बयान के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र 7 अक्तूबर को लिंग आधारित हिंसा की रिपोर्टों से चिंतित है। हालांकि, इस बयान में हमास का उल्लेख नहीं होने के कारण यूएन की आलोचना भी हुई। आलोचना से घिरने के बाद सोमवार को जारी एक बयान में, संयुक्त राष्ट्र विमेन ने "इस्राइल के खिलाफ हमास के घृणित हमलों" की निंदा की। यूएन ने कहा कि वह "इस्राइल में महिलाओं के खिलाफ लिंग आधारित हिंसा और क्रूर कृत्यों की रिपोर्ट सामने आने के बाद संस्था उन पर बारीकी से नजर रख रही है। यूएन ने कहा, "हमारा मानना है कि पूरी जांच जरूरी है, ताकि सभी पक्षों के अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जा सके और पीड़ितों को न्याय मिल सके।"

 इस घटना से जुड़ा एक पहलू यह भी है कि संयुक्त राष्ट्र में सोमवार को, न्यूयॉर्क की महिला डेमोक्रेट सीनेटर कर्स्टन गिलिब्रैंड ने भी भावनात्मक संबोधन दिया। उन्होंने 'वीडियो फुटेज' के बारे में भी बात की। वीडियो के मुताबिक खौफनाक मंजर देखने के बाद आपकी सांसें थम जाएंगी। गिलिब्रैंड ने कहा, "जब मैंने उन महिला अधिकार संगठनों की सूची देखी, जिन्होंने कुछ नहीं कहा, तो मेरा गला रुंध गया।" उन्होंने सवाल किया, इस देश और दुनिया में हमारी माताओं-बहनों और बेटियों के अधिकार के लिए आवाज बुलंद करने के लिए महिलाओं की एकजुटता कहां है 40 देशों के प्रतिनिधियों के जमा होने के बाद समारोह के अंत में आयोजक शेरिल सैंडबर्ग को इस्राइल के झंडे के पास देखा गया। उन्होंने जब गाजा और इस्राइल के विनाशकारी मंजर का बयान किया तो उनका गला रुंध गया। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि इस बारे में कैसे बात शुरू करनी चाहिए। भावुकता के कारण उन्होंने गहरी सांस ली। बात पूरी न कर पाने के कारण उन्होंने माफी भी मांगी। युद्ध की विभीषिका का अंदाजा इसी से होता है कि हैवानियत की बातें सुनने के बाद सुनने वाले भी सिहर उठते हैं।

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