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धनबल से विपक्षी विधायकों को तोड़ना प्रधानमंत्री का सदाचार है? मणिपुर में जदयू को लगे झटके पर बिफरे ललन सिंह

धनबल से विपक्षी विधायकों को तोड़ना प्रधानमंत्री का सदाचार है? मणिपुर में जदयू को लगे झटके पर बिफरे ललन सिंह

पटना. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मणिपुर में जदयू के विधायकों को तोड़ने के लिए भाजपा ने धनबल का प्रयोग किया. उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में जदयू को जिन सीटों पर जीत मिली थी वहां हम बीजेपी को हरा कर जीते थे. अरुणाचल प्रदेश में जदयू ने 7 सीट जीता था और मणिपुर में छह सीट बीजेपी को हराकर जीता था. लेकिन भाजपा ने पहले अरुणाचल प्रदेश में वर्ष 2020 में जदयू विधायकों को तोड़ने का जो काम किया उस समय हमारे साथ रहते हुए भी उन्होंने गठबंधन का धर्म नहीं निभाया. अब मणिपुर में हमारे जिन विधायकों को तोड़ा गया वहां धनबल का प्रयोग हुआ है. 

पीएम मोदी पर बरसे हुए ललन ने कहा कि प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार और सदाचार की परिभाषा बदल रहे हैं. अगर विपक्षी विधायकों को तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री की पार्टी धनबल का प्रयोग कर रही है तो यह उनका सदाचार है. वहीं विपक्षी पार्टी अगर एक मंच पर आ रही है तो यह भ्रष्टाचार है. जितने दागी लोग बीजेपी में चले जाएं तो वह साफ-सुथरे और धुले हुए हो जाते हैं. 

उन्होंने कहा कि 2024 में जदयू राष्ट्रीय पार्टी बनेगी चाहे बीजेपी इसे रोकने के लिए कितनी भी कोशिश कर ले. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 विधानसभा चुनाव में बिहार में 42 जनसभा किए थे और भाजपा को सिर्फ 53 सीट पर जीत मिली. उन्होंने कहा कि जदयू की चिंता बीजेपी छोड़ दे. लोकसभा चुनाव 2024 की चिंता बीजेपी करे क्योंकि जुमलेबाज देश से विदा हो रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों को थर्ड फ्रंट बनाने की कोई जरूरत नहीं है. जदयू का यह प्रयास है कि सभी दलों को एक मंच पर लाएं और एक साथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ जाएं. उन्होंने कहा कि बीजेपी महाराष्ट्र में झारखंड, मध्य प्रदेश और दिल्ली में जो सरकार बदलने का प्रयास कर रही है उसका असर देश में दिख रहा है. इस तरह की कार्यवाही बता रही है कि 2024 को लकर बीजेपी बौखलाहट में है और घबराए हुए हैं. बिहार के नस नस में राजनीति भरी हुई है और यहां बहुत दिन से बीजेपी कोशिश कर रही थी. मगर यहां कुछ नहीं होने वाला है. भाजपा ने जदयू को तोड़ने के लिए हमारे दल में एजेंट लगाया था लेकिन उससे भी कुछ नहीं हुआ. उनका इशारा आरसीपी सिंह की ओर था. 


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