PATNA : पटना हाईकोर्ट ने बिहार स्कूलपरीक्षा बोर्ड की परीक्षा के मूल उत्तर पुस्तिका के पहले और अंतिम पन्ने के बीच लिखा हुए पुराने उत्तरपुस्तिका स्टेपल करने के मामले को पटना हाई कोर्ट ने जांच के लिए निगरानी को सौंप दिया जस्टिस एके उपाध्याय ने मोहम्मद इरफान की रिट याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि यह केवल कदाचार नही, बल्कि एक रैकेट है।
निगरानी के एडीजी को सौंपी जांच की जिम्मेदारी
कोर्ट ने निगरानी ब्यूरो के एडीजी को निर्देश दिया की इस पूरे प्रकरण की प्रारम्भिक जांच पड़ताल करें। उक्त परीक्षा के केंद्र- अध्यक्ष, वीक्षक समेत बिहार परीक्षा समिति के जो भी कर्मी व अफसर जिम्मेदार पाए जाएं , उन सबों का नाम प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट के साथ सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया।
क्या है पूरा मामला
मामला पिछले वर्ष दरभंगा स्थित लोहिया चरण सिंह कॉलेज का है। याचिकाकर्ता मो इरफान का उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन के दौरान ये गड़बड़ी पाई गई कि उसकी उतर पुस्तिका के पहले और अंतिम पन्ने के बीच पुराने उतर पुस्तिका जोड़े हुए थे। बोर्ड ने इरफान की करतूत पर जांच बैठाया और इससे इरफान का फर्जीवाड़ा को साबित हुआ। इस पर बोर्ड ने न सिर्फ उसके रिज़ल्ट को रद्द किया ,बल्कि उसे परीक्षा देने से भी वंचित कर दिया।
छात्र ने हाईकोर्ट में की अपील
बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ इरफान पटना हाईकोर्ट में याचिका। कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह गम्भीर हेराफेरी अफसर व कर्मियों के मिलीभगत के बिना संभव नही । इसलिए हाई कोर्ट ने इस पूरे प्रकरण की जांच को सौंप दिया है। मामले की अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी ।