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एमएलसी केदारनाथ पाण्डेय के निधन पर जदयू नेता छोटू सिंह ने जताई संवेदना, कहा शिक्षा और शिक्षकों के लिए समर्पित रहा जीवन

एमएलसी केदारनाथ पाण्डेय के निधन पर जदयू नेता छोटू सिंह ने जताई संवेदना, कहा शिक्षा और शिक्षकों के लिए समर्पित रहा जीवन

PATNA : बिहार विधान परिषद् सदस्य और शिक्षक नेता केदारनाथ पाण्डेय का सोमवार को दिल्ली के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई नेताओं ने शोक संवेदना व्यक्त की है। बिहार राज्य नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव और जदयू नेता अरविन्द सिंह उर्फ़ छोटू सिंह ने कहा की केदारनाथ पाण्डेय खासकर शिक्षकों की आवाज थे, जो उनके हितों के लिए हमेशा संघर्ष करते रहे। विधान परिषद् में वे शिक्षकों के मुद्दे को हमेशा उठाते थे। जिससे कई बार सरकार भी उनकी मांगों को पूरा करती थी। 


छोटू सिंह ने कहा की केदारनाथ पांडेय लगातार पांच टर्म से विधान पार्षद थे। वह बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्‍यक्ष भी थे। शिक्षक संघ में उनकी लंबी पारी रही है। केदारनाथ पाण्डेय कुशल राजनेता एवं समाजसेवी थे। जिन्हें बिहार में शिक्षकों के हित के लिए काम करने वालों में सबसे बड़ी आवाज माना जाता था। उन्होंने कहा की शिक्षकों के समाज में पहचान दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कई आंदोलनों से शिक्षकों को उनकी मांगों को सरकार से मंगवाए थे। चाहे वेतन वृद्धि का मामला हो या अन्य सुविधाएं। उनका जीवन हमेशा शिक्षकों के प्रति एवं शिक्षा जगत के लिए समर्पित रहा।

बता दें की आज बिहार विधान परिषद सदस्य केदार नाथ पांडेय का पार्थिव शरीर विधान परिषद पहुंचा। जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए सीएम नीतीश कुमार सहित सता पक्ष और विपक्ष के कई नेता पहुंचे। अपने बीच से अपने एक साथी के चले जाने का गम सभी राजनेताओं के चेहरे पर नजर आ रहा था। वहीं सीएम नीतीश कुमार भी केदारनाथ पांडेय के निधन से बेहद दु:खी नजर आए। 

अपने एक पुरानी साथी के चले जाने को लेकर सीएम ने कहा उनके साथ मेरा रिश्ता बहुत पुराना रहा है। मुझे बहुत तकलीफ हुई है। समाज सेवा से बहुत बेहतर तरीके से जुड़े थे। खासकर हाउस के अंदर जिस तरह वह अपनी बातों को बताते थे, वह बहुत शानदार होता था। हर सवाल को लेकर वह इतना स्पष्ट होता था कि उसे समझने के लिए परेशानी नहीं होती थी। मुख्यमंत्री ने कहा की इनका काम हमेशा याद रखने के लिए उन्होंने सदन में जितना काम किया है, सदन में जो भी कहा, उन्हें संग्रिहत किया जाएगा, ताकि उन्हें फिर से प्रकाशित किया जाएगा

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