घेरा गए सुशील मोदी ! JDU ने सबूत जारी कर पूछा- पहले जो बोले थे वो सही था या आज वाला ?

घेरा गए सुशील मोदी ! JDU ने सबूत जारी कर पूछा- पहले जो बोले थे वो सही था या आज वाला ?

PATNA: बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई के आदेश जारी हो गए हैं। सीएम नीतीश ने जेल मैनुअल में बदलाव कर जेल से बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त कर दिया. सोमवार को सरकार ने आनंद मोहन समेत 27 कैदियों की रिहाई के आदेश भी जारी कर दिए। आनंद मोहन की रिहाई पर राजनीतिक बवाल मच गया है. भाजपा ने इस निर्णय पर नीतीश सरकार को घेरा है. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार ने 2016 में जेल मैनुअल में बदलाव कर आनंद मोहन को जेल से बाहर निकलने का रास्ता बंद किया था. अब एक बार फिर से राजनीतिक लाभ लेने के लिए जेल मैनुअल में बदलाव कर आनंद मोहन समेत 27 सजायाफ्ता बंदियों को बाहर निकाल दिया. उन्‍होंने कहा कि 2016 में आपने (नीतीश कुमार ने) कानून में संशोधन किया था कि सरकारी अधि‍कारी की हत्‍या में दोषी पाए जाने वाले व्‍यक्‍ति को कभी भी छूट का लाभ नहीं दिया जाएगा, लेकिन अब खुद के फायदे के लिए आपने फिर से कानून में संशोधन किया है, ताक‍ि आप चुनाव जीत सकें.

सुशील मोदी जी....पहले जो बोले थे वो सही था या आज वाला ? 

सुशील मोदी के इस बयान के बाद जेडीयू ने उन्हें घेर लिया है. मोदी के बयान को ही आधार बनाकर जेडीयू नेताओं ने पूर्व डिप्टी सीएम को आनंद मोहन प्रकरण पर धऱ लिया. पार्टी के प्रदेश महासचिव निखिल मंडल ने सुशील मोदी के कुछ माह पहले के बयान को जारी किया है. अखबार का कतरन और तब के ट्वीट को जारी कर सुशील मोदी की जमकर खरी-खोटी सुनाई है. जेडीयू नेता निखिल मंडल ने कहा है कि ''आज कह रहे हैं, सरकार का फैसला असंवैधानिक है. पहले जो कहते थे वो नीचे है,आपके ही ट्वीट्स और मीडिया ब्रीफ है सुशील मोदी जी.  अब आप ही तय कर लें कि किसको सही मानना है या फिर मान लूँ की वक्त-वक्त की बात है''. 

सुशील मोदी ने क्या कहा...

बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने आज पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा कि एक व्यक्ति की आड़ में सरकार ने अपने 27 समर्थकों को रिहा कर दिया है. यह जनविरोधी फैसला है.जिन लोगों ने सरकारी अधिकारी की हत्या की, उनको छोड़ने से डर और भय का माहौल' हो गया है. सुशील मोदी ने कहा कि सरकार का यह फैसला असंवैधानिक है। यह फैसला दलित समुदाय के लोगों के खिलाफ है और सिर्फ चुनाव को ध्‍यान में रखकर लिया गया है .

नीतीश सरकार ने जेल मैन्युअल में किया संशोधन 
बिहार सरकार ने 10 अप्रैल 2023 को बिहार कारा हस्तक, 2012 के नियम-481(i) (क) में संशोधन करके उस वाक्यांश को हटा दिया, जिसमें सरकारी सेवक की हत्या को शामिल किया गया था। इस संशोधन के बाद अब ड्यूटी पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या अपवाद की श्रेणी में नहीं गिनी जाएगी, बल्कि यह एक साधारण हत्या मानी जाएगी। इस संशोधन के बाद आनंद मोहन के परिहार की प्रक्रिया आसान हो गई, क्योंकि सरकारी अफसर की हत्या के मामले में ही आनंद मोहन को सजा हुई थी। गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की 4 दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर में हत्या हुई थी। इस हत्याकांड में आनंद मोहन को अक्टूबर 2007 में उम्रकैद की सजा हुई थी। तब से वे जेल में हैं . जैल मैनुअल में सरकारी सेवक की हत्या को असाधारण नहीं साधारण हत्या करार देने के बाद आनंद मोहन के जेल से छुटने का मार्ग प्रशस्त हो गया.  

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