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जदयू का भीम संसद 5 नवंबर को, पटना में दलितों का होगा महाजुटान, सीएम नीतीश ने किया रथों को रवाना

जदयू का भीम संसद  5 नवंबर को, पटना में दलितों का होगा महाजुटान, सीएम नीतीश ने किया रथों को रवाना

पटना. संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ, देश बचाओ के संदेश के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू 5 नवंबर को पटना में भीम संसद का आयोजन करेगी. पटना के वेटनरी ग्राउंड में आयोजित होने वाले भीम संसद के पूर्व मंगलवार को सीएम नीतीश ने इस कार्यक्रम से सम्बंधित रथों को झंडी दिखाकर रवाना किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से कहा गया कि भीम संसद रथ के माध्यम से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी के आदर्श, विचार एवं उनके द्वारा किये गये कार्यों से लोगों को अवगत कराया जाएगा।

दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार पर दलित-पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाते हुए जदयू यह आयोजन कर रही है. 5 नवंबर के कार्य्रकम के पूर्व जदयू राज्य के हर जिले में दलित, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों के बीच रथों के माध्यम से पहुंचेगी. उन्हें सीएम नीतीश की दलित-अति पिछड़ा वर्ग हितैषी नीतियों को बताया जाएगा और केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए 5 नवंबर को भीम संसद में शक्ति प्रदर्शन करने कहा जाएगा. 

नीतीश ने दलितों को दिलाया अधिकार : भीम संसद रथ को सीएम नीतीश के साथ मंत्री अशोक चौधरी और रत्नेश सदा के उपस्थिति में रवाना किया गया. अशोक चौधरी ने भीम संसद की जरूरत को इंगित करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही बिहार में दलितों और अति पिछड़ों को उनका वाजिब अधिकार मिला. सीएम नीतीश ने वर्ष 2007 में पंचायती व्यवस्था में आरक्षण को प्रभावी किया जिसके बाद बड़ी संख्या में दलित और अति पिछड़ा वर्ग के लोग मुखिया और अन्य पदों पर निर्वाचित हुए. साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति विभाग और अतिपिछड़ा वर्ग विभाग का गठन हुआ जिसके बाद इन वर्गों के कल्याण के लिए कई योजनाएं क्रियान्वित हुई. भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि भीम संसद के पूर्व इन रथों से दलित-अति पिछड़ा वर्ग के बीच जाकर जदयू यह संदेश देगी कि जो आपके कल्याण और सशक्तीकरण के लिए खड़ा रहा हैआप भी उसके साथ रहें. उन्होंने कहा कि देश में दलितों के अधिकारों को छीनने का काम किया जा रहा है इसलिए ऐसे दलों से जदयू लोगों को दूर रहने के लिए जागरूक करेगी. 

भाजपा की जुमलेबाजी : मंत्री रत्नेश सदा ने कहा भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि जुमलेबाज और धोखेबाज से एससी-एसटी वर्ग को बचना चाहिए. भाजपा और केंद्र सरकार लोगों में भ्रम फैलाकर उन्हें धर्म के नाम पर लड़ा रही है. दलितों के आरक्षण को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. इसलिए वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की लड़ाई विपक्षी गठबंधन इंडिया और एनडीए में नहीं है बल्कि यह लड़ाई एससी-एसटी और भाजपा के बीच की है. भीम संसद इसके लिए किया जा रहा है. 

भीम संसद : बिहार में विधानसभा की 40 सीटें एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. वहीं लोकसभा की 6 सीटें आरक्षित वर्ग के लिए हैं. ऐसे में लोकसभा और विधानसभा सीटों के लिहाज से बिहार में एससी-एसटी वर्ग पर पकड़ बनाने की जदयू की जोरदार कोशिश है. इसी कारण जदयू ने अभी से बड़ी तैयारी और एससी-एसटी को जदयू के लिए एकजुट करने की रणनीति के तहत भीम संसद की योजना बनाई है. इसी बहाने पार्टी इन वर्गों में अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश करेगी. साथ ही एनडीए में शामिल जीतनराम माझी, चिराग पासवान, पशुपति पारस जैसे दलित नेताओं को जदयू बड़ा झटका देना चाहती है. 

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