पटना. बिहार में 24 सीटों पर होने जा रहा विधान परिषद चुनाव राज्य की सत्ताधारी राजग सरकार की मुसीबतें बढ़ा सकता है. विधान परिषद की सीटों पर दावेदारी को लेकर अब तक भाजपा और जदयू में रार थी लेकिन अब हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी की नई शर्त ने नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अपनी पार्टी के लिए विधान परिषद की दो सीटें चाहते हैं. पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि हम को समस्तीपुर और गया से विधान परिषद की उम्मीदवारी चाहिए. उन्होंने कहा, राजग में सभी घटक दलों को सम्मान जनक तरीके से हक चाहिए. हम ने इसलिए मात्र दो सीटों की मांग की है. हम पार्टी के लिए सम्मानजनक सीटें चाहते हैं और इसलिए आगामी चुनाव में दोनों सीटों पर हमने दावेदारी की है.
हम की इस मांग से राजग की परेशानी बढ़ सकती है. न तो भाजपा और ना ही जदयू किसी भी दल ने अब तक हम या किसी अन्य दल के लिए विधान परिषद की सीटें देने की बात नहीं की थी लेकिन अब हम की मांग को नजरंदाज करना राजग के लिए आसान नहीं होगा. पिछले कुछ महीनों के दौरान हम प्रमुख जीतन राम मांझी अपने कई बयान से नीतीश सरकार पर निशाना साधते रहे हैं. चाहे शराबबंदी हो या हाल के दिनों में ब्राह्मणों को लेकर की गई उनकी टिप्पणी इसने नीतीश सरकार को परेशानी में डाला है.
अब मांझी की नई मांग से नीतीश सरकार एक बार फिर परेशान हो सकती है. अगर मांझी को सम्मानजनक हिस्सेदारी नहीं मिली तो यह राजग के लिए फूट का कारण बन सकता है. हाल ही में जीतन राम मांझी ने उत्तर प्रदेश में वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी और अब बिहार के लिए चला गया उनका दांव हम को सशक्त करने की दिशा में बड़ी रणनीति माना जा सकता है.