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भाजपा के आरोप पर जीतन राम मांझी ने खोला 7 साल पुराना राज, किस कारण से दिया था मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र

भाजपा के आरोप पर जीतन राम मांझी ने खोला 7 साल पुराना राज, किस कारण से दिया था मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र

पटना. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को बिहार विधानसभा में बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश ने जब 2014 में उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बनाया और उसके पद 9 महीने तक वे पद पर रहने के बाद छोड़े तो वह उन्होंने अपनी मर्जी से छोड़ा. उन्हें नीतीश कुमार ने सीएम पद से नहीं हटाया था. उन्होंने अपनी मर्जी से सीएम का पद छोड़ दिया था. बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार के फ्लोर टेस्ट के दौरान अपनी बातें रखते हुए मांझी ने कहा कि भाजपा के तारकिशोर प्रसाद का आरोप है कि महादलित से आने वाले मांझी को नीतीश ने जबरन पद से हटाया. उन्होंने कहा कि यह आरोप बेबुनियाद है. 

उन्होंने कहा कि नीतीश ने हिम्मत ने दिखाया और महादलित को सीएम बनाया. नीतीश ने हमको हटाया नहीं बल्कि मैंने अपने मन से त्यागपत्र दिया था. उन्होंने कहा कि भले मुझे 9 महीने ही सीएम पद रहने का अवसर मिला लेकिन यह मौका तो सीएम नीतीश ने ही दिया. इसलिए भाजपा का नीतीश कुमार पर महादलित को अपमानित करने का आरोप बेबुनियाद है. मांझी ने कहा कि आज मगध यूनिवर्सिटी में रिजल्ट काफी देर से आ रहा है. इसका कारण है कि मगध यूनिवर्सिटी में बाहरी लोगों को रखा गया है जिस कारण वहां लेटलतीफी हो रही है.उन्होए कहा कि राजभवन से शिकायत नहीं है लेकिन वहां से जो हो रहा है उससे मगध यूनिवर्सिटी में रिजल्ट देरी से आ रहा है. बिहार के हितों की अनदेखी की जा रही है. नीतीश कुमार ने बिहार के हित में निर्णय लेते हुए महागठबंधन की सरकार बनाई है. 

इसके पहले पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने जनादेश का गला घोंटा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार की जनता ने 2020 में भाजपा के साथ मिलकर सरकार चलाने का जनादेश दिया था. लेकिन, नीतीश ने सबको धोखा देकर राजद और महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना ली. इसके लिए बिहार की जनता नीतीश को माफ़ नहीं करेगी. मांझी को सीएम पद से हटाने को उन्होंने महादलितों का अपमान कहा. 


जदयू की ओर से विजय कुमार सिन्हा ने तारकिशोर को जवाब देते हुए कहा कि सत्ता के लिए हमेशा ही भाजपा नीतीश के आसरे रही है. जब 2017 में नीतीश ने महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बनाई तो उस समय क्या था यह भाजपा को आत्ममंथन करना चाहिए. उन्होंने भाजपा के केंदीय नेतृत्व पर बिहार की उपेक्षा करने का आरोप लगाया. 

वहीं वाम दल के महबूब आलम ने कहा कि यूपी के साथ देश के कई भाजपा शासित राज्यों में बुलडोजर चल रहा है. लेकिन बिहार में नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ सरकार बनाकर भाजपा की छाती पर बुलडोजर चला दिया. उन्होंने कहा कि इससे भाजपा के लोग बौखला गए हैं. लेकिन नीतीश कुमार ने बिहार के हक में एक बड़ा फैसला लिया. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों ने मुसलमानों से वोट देने का अधिकार छीनने वाला बयान दिया था. 

उन्होंने कहा कि एक ओर पीएम मोदी 15 अगस्त को लालकिला से महिला सम्मान की बात करते हैं तो दूसरी ओर गुजरात में बिलकिस बानो के बलात्कार के आरोपियों को भाजपा की सरकार स्वागत के साथ जेल से बाहर निकलती है. इन परिस्थितियों में नीतीश कुमार ने साहसिक और बिहार के हित में महागठबंधन के साथ आने का फैसला किया. कांग्रेस के अजीत शर्मा ने भी नीतीश के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने देश हित में नीतीश कुमार के साथ सरकार में आने का निर्णय लिया


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