पटना। एक तरफ जदयू नीतीश कुमार के जन्मदिन को विकास दिवस के रूप में मना रही है, वहीं दूसरी तरफ आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा ने इस दिन को बेरोजगारी दिवस के रूप में मना रही है। सोमवार को संगठन के हजारों युवा कार्यकर्ताओं ने गांधी मैदान से रैली निकालकर और विधानसभा का घेराव करने की कोशिश की। लेकिन इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए थे, जिसके कारण वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके। इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठी चार्च का भी प्रयोग करना पड़ा।
बेकाबू भीड़ पर हुई पानी की बारिश
प्रदर्शन में शामिल हजारों कार्यकर्ताओं द्वारा जमकर बवाल मचाया गया. जेपी गोलंबर के पास पुलिस द्वारा रोके जाने को लेकर उन्होंने हंगामा करने की कोशिश की। जिसे रोकने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज और वाटर कैनन का प्रयोग करना पड़ा, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर किया गया। इस दौरान कई लोग चोटिल भी हुए हैं।
विरोध में शामिल आइसा कार्यकर्ताओं ने बताया कि नीतीश सरकार अब अपने वायदे से पीछे भाग रही है. बिहार विधानसभा चुनाव में नौजवानों से किये 19 लाख रोजगार को सरकर कर्ज के रूप में लोन दे कर नौजवानों को कर्जदार बनाना चाहती है. इस तरह नौजवानों का अपमान बर्दास्त नही किया जायेगा। वहीं इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार ने कहा कि बिहार के बजट में शिक्षा, रोजगार पर कोई ठोस बात नही हुई है. बिहार के स्कूल, अस्पताल और सरकारी विभाग शिक्षकों, कर्मचरियों, डॉक्टर्स, नर्स की कमी से जूझ रहे है. सरकार ने इन लाखों पदों को भरने के लिए घोषणा नही की. आंदोलनरत छात्रों पर लाठीचार्ज और एफआईआर कर रही है. अब बिहार का छात्र-नौजवान सरकार के झांसों को बर्दाश्त नही करेगा।