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स्टाइपेंड की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर अड़े, मरीज जान देकर भुगत रहे हैं खामियाजा

स्टाइपेंड की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर अड़े, मरीज जान देकर भुगत रहे हैं खामियाजा

डेस्क...  स्टाइपेंड की मांग को लेकर राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। वहीं, जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल में पीएमसीएच के इंर्टन भी शामिल हो गए हैं। इधर, पीएमसीएच के अधीक्षक और प्राचार्य ने जूनियर डॉक्टरों के 11 प्रतिनिधियों को बुलाकर वार्ता की और हड़ताल वापस लेने की बात कही, लेकिन वार्ता विफल रही। हड़ताल के कारण राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में भर्ती मरीजों की जान पर आफत आ गई है। 

पीएमसीएच और एनएमसीएच से लेकर सुबह के अधिकतर मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराती दिखी। पीएमसीएच में शुक्रवार दोपहर 2:00 बजे से लेकर शनिवार दोपहर 2:00 बजे तक बीच इमरजेंसी में इलाजरथ 10 मरीजों की मौत हो गई है। इसमें एक मरीज की मौत मेडिकल आईसीयू में, जबकि नौ की मौत टाटा वार्ड में हुई। वहीं, एनएमसीएच में हड़ताल के बीच अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती दो मरीज की मौत हो गई। 

अस्पताल के कर्मियों के अनुसार, जिन दो मरीज की मौत हुई है, उनमें शुक्रवार को हृदय रोग से ग्रसित कन्हैयापुर पटना निवासी अवधेश यादव की 15 वर्षीय पुत्री सिंपल कुमारी, वहीं पटनासिटी के दादर मंडी मोहल्ला निवासी 65 वर्षीय दीना महतो शामिल हैं। दोनों शुक्रवार को इमरजेंसी में भर्ती हुए थे। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह का कहना है कि स्थिति गंभीर होने से दोनों की मौत हुई है। इधर, आधा दर्जन से अधिक मरीज अस्पताल छोड़ कर जा चुके हैं।

अपनी मांगों पर अड़े जूनियर डॉक्टर


जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल तुड़वाने के लिए स्वास्थ विभाग ने पीएमसीएच के अधीक्षक और प्राचार्य को आगे किया है। उन्होंने शनिवार दोपहर जूनियर डॉक्टरों से वार्ता की और हड़ताल वापस लेने की बात कही, लेकिन वार्ता विफल रही। अधीक्षक  डॉ. बीके कारक ने बताया कि हमारी और जूनियर डॉक्टरों को प्रस्ताव दिया गया है कि अगर आप हड़ताल तोड़ते हैं तो आप की मांग को हम आगे स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचाएंगे, जबकि जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर हरेंद्र कुमार ने बताया कि हमारी एक ही मांग है कि हमारे स्टाइपेंड को बढ़ाया जाए। इसे जनवरी 2020 से बढ़ाया जाना था, लेकिन अभी तक बढ़ाया नहीं गया है। 

18 डॉक्टरों ने पीएमसीएच में दिया योगदान

 शनिवार को सिविल सर्जन कार्यालय से भेजे गए 18 डॉक्टरों ने भी पीएमसीएच में योगदान कर दिया है। इसके आने के बाद उम्मीद की जा रही है कि स्थिति कुछ बेहतर होगी और मरीजों की जान बचाने में मदद मिलेगी। डीएमसीएच परिसर में अब जूनियर डॉक्टरों ने टेंट लगाकर धरना देना शुरू कर दिया है। धरने में बैनर-पोस्टर के साथ भी अपनी मांगों को लेकर दिन भर बैठे रहे। 

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