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कलंक कथा : सीओ के ट्रांसफर से स्थानीय लोगों में दौड़ी ख़ुशी की लहर, मिठाई बांटकर जताई ख़ुशी, कहा नीतीश के भ्रष्ट अधिकारी से मिली मुक्ति

कलंक कथा : सीओ के ट्रांसफर से स्थानीय लोगों में दौड़ी ख़ुशी की लहर, मिठाई बांटकर जताई ख़ुशी, कहा नीतीश के भ्रष्ट अधिकारी से मिली मुक्ति

पटना/ मुजफ्फरपुर: दुहाई हो सरकार दुहाई हो ! जरा देखिए न,मुजफ्परपुर के मुसहरी की अपनी जनता को ..ये जश्न मना रहे हैं... आपको जानकर हैरानी होगी कि ये लोग खुशी इसलिए मना रहे हैं कि यहां के कथित घूसखोर सीओ सुधांशु शेखर की विदाई हो गई है. सरकार आपके मुजफ्फरपुर जिले के मुसहरी प्रखंड के सीओ रहे सुधांशु शेखर की मनमानी और घूसखोरी की जानकारी आप तक कैसे नहीं पहुंची, सोच कर आश्चर्य होता है. हे जनता के भाग्य विधाता, आप तो  बिहार में 18 साल से कमोबेस जनता के दुख दर्द को देख रहे हैं.आपको शायद जानकारी नहीं हुई होगी कि सीओ सुधांशु शेखर पर कई आरोप लगते रहे हैं लेकिन क्या मजाल की उनका बाल भी बांका हुआ हो. सरकार, जमीन दाखिल खारिज मामले में यहां के लोग सबसे ज्यादा परेशान रहे हैं. अब सीओ साहब को आपने कथित तौर पर दूसरी जगह पर मनमानी के लिए भेज दिया है तो यहां के लोग उनके जाने पर खुशी मना रहे हैं कि घूसखोर से मुक्ति तो मिली.

पूर्व सीओ पर वसूली का आरोप 

हे बिहार के भाग्य विधाता, आपको जानकर हैरानी होगी कि मुशहरी प्रखंड का सीओ रहते सुधांशु शेखर पर कई गंभीर आरोप लगे हैं.  स्थानीय लोगों के पास  आपके सीओ साहब खिलाफ आरोपों की लंबी फेहरिस्त है. सरकार , स्थानीय लोगों के अनुसार सीओ साहब का पेशा पैसों की उगाही का था. 

बिना काजात के भी लक्ष्मी का दर्शन होते ही हो जाता था काम

 हे बिहार के भाग्य विधाता,  जरा मुशहरी प्रखंड की जनता के दर्द को सुनिए , यहां की जनता ने ,स्थानांतरित सीओ सुधांशु शेखर पर एक तरह से सिर्फ पैसों के लिए ही काम करने का आरोप लगाया है. उन्होंने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.उनके अनुसार  क्या मजाल कि जमीन दाखिल खारिज मामले में पूर्व सीओ साहब के किसी आदेश का कोई विरोध कर दे. सीओ साहब सही-गलत के आकलन के चक्कर में नहीं पड़ कर जिसकी मर्जी किया जमीन दाखिल खारिज करा दिया, नहीं मन किया तो साफ इंकार कर दिया, करते थे. सरकार आपकी जनता के पास भले हीं सारे कागजात हों, लेकिन उसे टहला देना उनके बाएं हाथ का खेल था. आरोप तो ये भी है कि जमीन दाखिल खारिज के मामले में वो सिर्फ पैसे की भाषा समझते थे. जिससे  रुपया  ले लेते थे क्या मजाल की उसका काम रुक जाए भले हीं दस्तावेज हो या न हो.  

जनप्रतिनिधि भी लगा रहे आरोप

सरकार, पूर्व सीओ सुधांशु शेखर से केवल आपकी जनता को हीं नहीं वरन जनप्रतिनिधियों को भी शिकायत है. मुशहरी प्रखंड के मरहुआ पंचायत के सरपंच राजेश उर्फ चुन्नु ने तो सिस्टम पर ही सवाल खड़ा कर दिया उन्होंने कहा कि सुधांशु शेखर किसी के कृपा पात्र के कारण यहां इतने लंबे समय से टिके हुए थे. लगभग चार साल से ऊपर का कार्यकाल हो गया था उनका. जमाबंदी के सिस्टम को उन्होंने लकवाग्रत कर दिया. इन्हें मुआफ कर देगें सरकार इन्हें पता नहीं कि इन्होंने आपकी सिस्टम पर हीं सवाल खड़ा किया है. 

आरटीआई से भी नहीं मिली जानकारी

हे भारत के भाग्य विधाता अब क्या हीं करें सरपंच के हीं सुर में सुर आरटीआई एक्टिविस्ट  भी मिला रहे हैं. इनका कहना है कि यहां के अंचल कार्यालय में बहुत बड़ा घालमेल है. उन्होंने तो सीओ साहब की कुंडली हीं खोल कर रख दी. उनका कहना है कि  हमने आरटीआई के तहत यहां के सीओ रहे सुधांशु शेखर के कार्यकाल के दौरान हुए कार्यों की सूचना प्राप्त करना चाहा और बहुत सारे कागज निकाले के लिए आवेदन दिया था लेकिन यहां से कोई कागज उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है और ना ही कोई सूचना उपलब्ध कराया जा रहा है. अब देखिए न सरकार ये तो आपके सुशासन पर हीं सवाल खड़ा कर रहे हैं. इनको भी माफ कर देंगे, इन्हें नहीं पता कि सीओ साहब भी तो आपके ही कारिंदे हैं. 

सीओ को बताया फ्रॉड

अब देखिए न सरकार सीपीआई(एमएल) के जिला सचिव सह प्रहलादपुर पंचायत के मुखिया उदय चौधरी ने तो आपके पूर्व सीओ साहब सुधांशु शेखर के बारे में कहा कि वे इतने फ्रॉड आदमी हैं कि सेलिंग की हुई जमीन को भी पैसा लेकर दाखिल खारिज कर चुके हैं.  अब इस काम को वो कैसे किए हैं, यह जांच का विषय है. सीपीआई(एमएल) के जिला सचिव सह प्रहलादपुर पंचायत के मुखिया उदय चौधरी ने सुधांशु शेखर पर  भू-माफिया से मिलकर बहुत सारे गैर कानूनी कार्य करने का आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने एक मामला नरौली पंचायत के नरेश सिंह का दिया है जरा इसको जान लीजिएगा .

दुहाई हो सरकार

हे बिहार के भाग्य विधाता आप तो पहले हीं कह चुके हैं कि बिहार में सबसे ज्यादा (65 प्रतिशत से ऊपर) विवाद जमीन संबंधित ही होता है. सरकार आपने  इसके निवारण के लिए कई तरह के पहल भी किए.आपने जमीन संबंधित मामलों को लेकर नियम कानून में कई बदलाव भी किए  लेकिन हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहा है तो आखिर कारण क्या है. कहबी समय मिले तो सोचिएगा सरकार की आपके राज में चार साल तक एक हीं जगह पर एक सीओ अपनी मनमानी करता है तो दोशी किसे ठहराएं.कौन दोषी है, आपको तो कह नहीं सकते लेकिन अगर बिहार की जनता के बारे में समय मिले तो जरुर विचार कीजिएगा सरकार ... आपके कथित घूसखोर की पोल उन्होंने खोल कर रख दी है, उन्हें नहीं पता की इससे सुशासन पर सवाल खड़ा होगा, इन्हें माफ कीजिएगा हे बिहार के भाग्य विधाता.....माफ कीजिएगा सरकार अपने सीओ की कार गुजारी को बताने वालों को.... दुहाई हो !सरकार, दुहाई हो !

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