खगड़िया जिले की स्थापना के 40 साल पूरे, जिलाधिकारी ने लोगों को दी बधाई

KHAGARIA : कई स्वर्णिम इतिहास को समेट कर आज खगड़िया अपना 40 वॉ बर्षगाँठ मना रहा है, 2 अनुमंडल ,7 प्रखण्डों,129 पंचायतों तथा 306 गाँवों का ,1 नगर परिषद ,1 नगर पंचायत के साथ  रोज अपनी तरक्की की कई गाथाओं को लिख रहा है।  जिला  वर्ष 1981 में मई के आज ही के दिन 10 तारीख को मुंगेर से अलग होकर खगड़िया जिला के रूप में अस्तित्व में आया था. इतिहास के आइने में देखें तो खगड़िया का स्वर्णिम अतीत रहा है। खगड़िया फरकिया के नाम से भी जाना जाता है। फरकिया की उपाधि कहा जाता है।  सात नदियों और जंगलों से घिरे होने के कारण  इसका पैमाइश नही पाया। यही वजह है कि फरकिया नाम दिया गया। इस जिले में कई अतीत धरोहर भी देश मे जिले को एक पहचान दिलाया। जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित कात्यायनी मंदिर शक्तिपीठ है, परबत्ता प्रखंड के भरतखंड में 52 कोठरी 53 द्वार  जिले की धरोहर है। खगड़िया मुख्यालय में लगने बाले  गोशाला मेला का प्रदेश स्तर पर पहचान है। शिक्षा की बात करे तो इस इलाके का  कैंब्रिज कहा जाता है कोशी कॉलेज। खगड़िया की शैक्षणिक क्षेत्र में अपनी एक अलग धाक रहा है। कैंब्रिज कहे जाने बाले कोशी कॉलेज ने बहुत सारे खट्टे मीठे अतीत को संजोकर कर  पूरे देश मे अपनी एक अलग पहचान दिलाया है।  

जिले को,इस मिट्टी ने दानवीर श्यामलाल जैसे दानवीर को भी अपनी गोद मे बिठाया तो शहीद प्रभुनारायण जैसे वीर पुरुष को भी बिठाया। राजनीति के क्षेत्र में भी खगड़िया ने एक अपनी अलग धमक दिखाया है। प्रदेश से लेकर पूरे देश मे एक पिछड़े क्षेत्र से निकलकर राजनीति में अपनी एक अलग रूप में जाने वाले रामविलाश पासवान ,सतीश प्रसाद सिंह राजनीति के योद्धाओं ने पूरे देश मे खगड़िया को एक  पहचान दिलाया। वर्तमान समय मे भी राजनीति के क्षेत्र में जिले के महिलाओं ने भी अपनी मेहनत और राजनीति विसात को इस तरह से बिछाया की वर्षों तक विभिन्न पदों पर रहते हुए जिले को विकास के पथ पर अग्रसित करते रहे। चाहे वो पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा ,खगड़िया सदर की पूर्व विधायका पूनम देवी यादव, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष कृष्णा कुमारी यादव, वर्तमान में नगर परिषद की अध्यक्ष सीता कुमारी,वर्तमान  जिला परिषद अध्यक्ष श्वेता भारती  सभी महिला जनप्रतिनिधियों ने आज जिले को एक अलग पहचान दिलाया। खगड़िया शहीदों  की भी धरती है। शहीद किशोर कुमार मुन्ना तथा शहीद जावेद जैसे वीर पुत्र को इस इस जिले की मिट्टी ने अपने लार प्यार से वीरपुरुष बनाया। शिक्षा के क्षेत्र में भी जिला का अपना एक अलग पहचान है। भारतीय सिविल सेवा में बेलदौर के पंसलवा के रमण कुमार ने मोतिहारी जिलाधिकारी के रूप में हमारे जिले के संम्मान को बढ़ाया और दर्जनों भारतीय सिविल  सेवा सर्विस में अपनी योगदान देकर जिले को गौरवान्वित किया है।

कला संस्कृति के क्षेत्र में भी अव्वल रहा है। ये जिला लोक गायक छैला बिहारी ने भी अपने गीत के माध्यम से जिले को एक पहचान दिलवाने के काम किया है। बॉलीवुड स्टार  सुशांत  सिंह राजपूत का खगड़िया के चौथम ननिहाल होने के कारण पूरे देश मे खूब ख्याति मिली। अब वो हमारे बीच नही है ,नयी पीढ़ी के आदर्श कुमार ने भी संगीत के क्षेत्र में जिले को पहचान दिलवा रहे है। खेल के क्षेत्र में भी अव्वल है । जिले के ऐसे ऐसे प्रतिभावान पुरुष महिला खिलाड़ियो ने अपनी मेहनत से जिले को एक अलग पहचान दिलाया है। ,फुटबॉल के दिग्गज विधानचंद्र मिश्र ने भारतीय टीम का हिस्सा बनकर तथा योगपरि श्रेया त्यागी ने अपने योग के माध्यम से जिले को एक पहचान दिलाया। वर्तमान समय मे खेल के क्षेत्र में संसाधनविहीन होते हुए भी प्रदेश में अपना सिक्का जमाया। यहाँ के खिलाड़ियो में अरमान कुमार ने प्रो कबड्डी में तेलगु टॉइन्स के तरफ से लगातार 2 सीजनों में खेलकर देशवासियों को खगड़िया शब्द को उनके जेहन में बिठाया। 

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फुटबॉल की नेहा, हॉकी की अंजू कुमारी,नवनीत कौर, अंनत ,नीतीश कबड्डी की काजोल ,रिया,चुन्नी, ने तो क्रिकेट के विशालाक्षी तथा अपराजिता ने बैडमिंटन में तनिष्का रणधीर ने तो रग्बी में भारतीय टीम का हिस्सा बनकर कविता ने अपने जिले को एक अलग पहचान दिलाया है। अपने प्रदर्शन से खेल के क्षेत्र में जब 2014 में खगड़िया के बालक हॉकी टीम ने जब राज्य विजेता बनकर बिहार टीम का प्रतिनिधित्व दिल्ली के नेहरू स्टेडियम में  हजारों दर्शकों के बीच कर रहा था तो कुछ दर्शकों ने खगड़िया नाम सुनकर मुह इसलिए सिकुड़ा रहे थे कि ये खगड़िया  कहाँ है। बिहार में तो जो जान रहे थे वो ये आश्चर्य कर रहे थे कि खगड़िया जहाँ कुछ नही है। वहाँ के खिलाड़ी राष्ट्रीय लेवल पर खेल रहे है। वाकई में इन कुछ बर्षो में यहाँ के खिलाड़ियो ने पूरे देश मे जिले को एक पहचान दिलाया है। खगड़िया मक्का उत्पादन में एशिया में प्रथम स्थान तो यहाँ की मछली, दूध और पेड़ा की खुशबू पूरे देश मे है,इन सभी उपलब्धियों के बाद भी खगड़िया पिछड़े के श्रेणी में आता है। जिले को विकसित और बेहतर भविष्य के लिए जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधि सभी नागरिक को मिलकर काम करना होगा. तभी नई पीढ़ी को बेहतर भविष्य हम दे सकते है। जिसके लिए कुछ संसाधन की आवश्कता है।

1.तकनीकी शिक्षा केन्द्र की स्थापना हो

2.जिला स्कूल की स्थापना हो

3.दूध आधारित कारखाना हो

4.मक्का आधारित कारखाना जिले में लगे।

5.कात्यानी स्थान का पहुँच पथ का निर्माण हो।

6.स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण हो।

7.खेलो इंडिया सेन्टर की स्थापना हो ।

8.बाढ़ का स्थायी निदान हो।

खगडिया से अनिश कुमार की रिपोर्ट