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के.के पाठक ने लिया प्रभारः मद्य निषेध विभाग के ACS का चार्ज लेते ही एक्शन मोड में दिखे अपर मुख्य सचिव

के.के पाठक ने लिया प्रभारः मद्य निषेध विभाग के ACS का चार्ज लेते ही एक्शन मोड में दिखे अपर मुख्य सचिव

PATNA : बिहार में शराबबंदी को सफल करने के लिए CM नीतीश कुमार ने मद्य निषेध विभाग की जिम्मेदारी एक बार फिर से सीनियर व काफी कड़क आईएएसअफसर माने जाने वाले के. के. पाठक को सौंपी है। मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव का आज प्रभार लेने के साथ ही के.के. पाठक एक्टिव मोड में दिखाई पड़े. चार्ज लेने के बाद वे विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक की . सचिवालय में प्रभार ग्रहण करने आने से पहले ही विभाग के सभी कर्मचारी अलर्ट थे . गृह विभाग के प्रमुख सचिव चैतन्य प्रसाद ने के.के पाठक को प्रभार दिया. इस दौरान विभाग के मंत्री सुनील कुमार भी मौजूद रहे।

बता दें कि जब 2016 में शराबबंदी को लागू करने में केके पाठक की प्रमुख भूमिका थी, उनकी ही देखरेख में बिहार में शराबबंदी कानून तैयार किया गया था। जब तक वह इस विभाग की जिम्मेदारी संभालते रहे, उस समय तक बिहार में शराबबंदी को सख्ती से प्रदेश में लागू किया जा रहा था. लेकिन 2017 में उन्हें डिपार्टमेंट से हटाए जाने के बाद शराबबंदी बिहार में सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गई थी। कुछ समय बाद वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गये। जहां लगभग चार साल रहने के बाद वे वापस बिहार लौटे हैं। बिहार लौटने के बाद नीतीश सरकार ने उन्हें एक बार फिर से मद्य निषेध विभाग की जिम्मेदारी दी है। 

हाल के दिनों में जिस तरह के शराबबंदी को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री पर सवाल उठ रहे थे। उसके बाद यह जरुरी था कि मद्य निषेध विभाग की जिम्मेदारी एक कड़क अधिकारी को सौंपा जाए। लगभग पांच साल बाद उन्हें फिर से विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। आज विभाग की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही के.के पाठक ने साफ कर दिया है कि वह बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। बताया जा रहा है कि वह जल्द ही इस संंबंध में विभाग में बड़े फेरबदल कर सकते हैं। 

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