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जानिए वंशावली और उसके उपयोग के बारे में, बिहार में वंशावली बनाने की प्रक्रिया के बारे में विभाग ने बताई ये प्रकिया....

जानिए वंशावली और उसके उपयोग के बारे में, बिहार में वंशावली बनाने की प्रक्रिया के बारे में विभाग ने बताई ये प्रकिया....

बिहार में वंशावली और स्वघोषणा के समर्पण का काम आसान हो गया है. रैयत आसानी से घर बैठे इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. राजस्व विभाग की ओर से इसकी जानकारी दी गई है. बिहार में वंशावली का उपयोग जमीन मापन, पीएम किसान योजना सहित कई योजनाओं में किया जाता है. अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने  सभी जिला पदाधिकारी, बिहार सभी उप विकास आयुक्त-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद, बिहार सभी जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को चिठ्ठी भेज कर  वंशावली निर्गत करने हेतु सक्षम प्राधिकार के संबंध में निर्देश जारी कर दिया है. 

अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने लिखा है कि 05.122023 को मुख्य सचिव, बिहार अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि वंशावली निर्गत करने हेतु सक प्राधिकार घोषित करने एवं तत्संबंधी प्रक्रियाओं का निर्धारण पंचायती राज विभाग द्वारा कि जायेगा। इस आलोक में वंशावली निर्गत करने हेतु ित प्रक्रिया निर्धारित की जा सके.वंशावली बनाने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया है कि (1) जिस व्यक्ति को वंशावली प्रमाण पत्र की आवश्यकता है यह शपथ-पत्र पर अपन वंशावली का विवरण एवं स्थानीय निवासी होने के साक्ष्य के साथ एक लिखित आवेद संबंधित ग्राम पंचायत सचिव को देगा। आवेदन के साथ नगद रूप में मात्र 10 रूपये क शुल्क पंचायत कार्यालय में पंचायत सचिव के पास जमा करना अनिवार्य होगा, अन्यथा उसक आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा। पंचायत सचिव जमा किये गये शुल्क के एवज आवेदक को प्राप्ति रसीद उपलब्ध करायेगा। यह शुल्क राशि पंचायत निधि का हिस्सा बनेगी पंचायत सचिव ऐसे प्रत्येक आवेदन का विवरण इस हेतु विशिष्ट रूप से संधारित पंजी में दर करेगा। दोबारा बंशावली निर्गत करने हेतु आवेदक को पंचायत सचिव के पास 100 रूपये क शुल्क जमा करना होगा।

अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने  सभी जिला पदाधिकारी, बिहार सभी उप विकास आयुक्त-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद, बिहार सभी जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को लिखा है कि पंचायत सचिव आवेदन प्राप्ति के अधिकतम सात दिनों के अंदर जांचोपरांत उपलब्ध कराये गये कागजात / कागजातों से संतुष्ट होकर आवेदन पत्र पर ही उपांत में सील/मुहर और तिथि के साथ अपनी अनुशंसा / गंतव्य अंकित कर संबंधित ग्राम कचहरी सचिव को औपचारिक रूप से अग्रेतर कार्रवाई करने हेतु उपलब्ध करा देगा। अग्रसारित आवेदन की छायाप्रति पंचायत सचिव अपने कार्यालय में सुरक्षित रखेगा। दर्ज करेगा तथा उसे अविलंब ग्राम कचहरी के सरपंच के पास स्वीकृति हेतु उपस्थापित करेगा।

 सरपंच उस आवेदन पत्र की छायाप्रति कराकर ग्राम कचहरी के किसी सुगोचर स्थान पर चिपकाते हुए आम लोगों से सात दिनों के अंदर आपत्ति (अगर कोई हो) आमंत्रित करेगा। विहित अवधि के अंदर कोई आपत्ति प्राप्त नहीं होने पर सरपंच संलग्न प्रपत्र में अपने सील/मुहर और हस्ताक्षर के साथ वंशावली निर्गत करेगा। अगर सूबना पट्ट पर प्रदर्शित आवेदन पर कोई आपत्ति प्राप्त होती है तो सरपंच उस आवेदन पत्र पर सार्वजनिक सुनवाई कर समुचित निर्णय लेगा।

 वंशावली दो प्रतियों में तैयार की जायेगी। वंशावली की दोनों प्रतियां सभी कागजातों सहित ग्राम पंचायत सचिव को वापस कर दी जायेंगी। ग्राम कचहरी सचिव उक्त वंशावली की छायाप्रति अपने कार्यालय अभिलेख के रूप में सुरक्षित रख सकेगा। सरपंव से वंशावली प्राप्त हो जाने पर पंचायत सचिव एक प्रति पर अपना प्रतिहस्ताक्षर (countersignature) कर दूसरी प्रति में आवेदक का हस्ताक्षर प्राप्त कर उसे हस्तगत करा देगा तथा दूसरी प्रति के आधार पर पारिवारिक पंजी में उसका पूर्ण विवरण अंकित करेगा। दूसरी प्रति तथा मूल आवेदन एवं उसके साथ संलग्न सभी कागजातों को ग्राम पंचायत कार्यालय में सुरक्षित रखने की जिम्मेवारी ग्राम पंचायत सचिन की होगी।

पंचायत सचिव के द्वारा ग्राम कचहरी सचिव को अपनी अनुशंसा समर्पित किये जाने की विधि से अधिकतम 15 दिनों के अंदर सरपंच को वंशावली पर अतिम निर्णय लेने की बाध्यता होगी।

 कालक्रम में ऐसे सभी प्रमाण पत्रों को आर.टी.पी.एस. के अंतर्गत ऑनलाईन करने की व्यवस्था भी की जायेगी जिसके संबंध में अलग से निदेश निर्गत किया जायेगा।

 सक्षम प्राधिकार द्वारा पूर्व में निर्गत निवास प्रमाण पत्र ।

 जन्म प्रमाण पत्र/मृत्यु प्रमाण पत्र जिससे आवेदक के माता-पिता का नाम पता चलता हो।

 विवाह प्रमाण पत्र

मैट्रिकुलेशन अथवा अन्य कक्षा का नामांकन प्रमाण पत्र

 किसी भी स्तर पर विहित टाईमलाईन में चूक होने पर उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए संबंधित कर्मी के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई करने हेतु विभाग स्वतंत्र होगा। कृपया अपने स्तर से ग्राम पंचायत तथा ग्राम कचहरी के मुखिया / सरपंच तथा पंचायत सचिव/ग्राम कचहरी सचिव को पंचायती राज विभाग के उपर्युक्त निर्णय से अवगत करा दिया जाय।

राजस्व विभाग के नए निर्देश के बाद अब रैयत अपने घर से ही ऑनलाइन माध्यम से वंशावली समर्पण के लिए अप्लाई कर सकेंगे. हालांकि इस दौरान उन्हें अपने कागजात का पीडीएफ बनाना होगा. बिहार में पिछले दिनों दाखिल खारिज का काम भी ऑनलाइन कर दिया गया था.

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