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एजुकेशन फैक्ट्री से सुसाइड फैक्ट्री की तरफ बढ़ रहा है कोटा, एक और छात्रा ने दी जहर खाकर दी जान, यह इस साल 26वां मामला

एजुकेशन फैक्ट्री से सुसाइड फैक्ट्री की तरफ बढ़ रहा है कोटा, एक और छात्रा ने दी जहर खाकर दी जान, यह इस साल 26वां मामला

DESK : एक दशक से भी ज्यादा समय तक कोटा की पहचान ऐसे शहर के रूप में रही है। जहां इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना लेकर देश भर से हजारों छात्र पहुंचते हैं। लेकिन इस साल कोटा शहर की नई पहचान बनने लगी है। जो शहर पहले एजुकेशन फैक्ट्री कही जाती थी, उसे अब सुसाइड फैक्ट्री कहा जाने लगा है। वजह है यहां एक के बाद छात्रों द्वारा किए जाने वाले खुदकुशी के मामले में हुई बढ़ोतरी है। इस साल 25 छात्रों ने आत्महत्या कर ली, जिसमें सोमवार को यह संख्या बढ़कर 26 हो गई। 

उत्तर प्रदेश के मऊ कस्बे की रहने वाली नाबालिग छात्रा ने सोमवार, 18 सितंबर 2023 को सुसाइड कर लिया है। छात्रा, कोटा के विज्ञान नगर इलाके में रहती थी और उत्तर प्रदेश के महू कस्बे की रहने वाली थी। छात्रा का नाम प्रियम सिंह सिंह बताया गया है। वह कोटा में नीट की तैयारी कर रही थी।

डेढ़ साल से कोटा में रह रही थी

 प्रियम सिंह (17) करीब डेढ़ साल से कोटा के डकनिया रोड नंबर एक पर एक अपार्टमेंट में किराए पर अकेली रह रही थी। सोमवार सुबह वह कोचिंग गई थी। दोपहर में करीब तीन बजे वह अपने कोचिंग से कमरे पर जा रही थी। करीब 500 मीटर आगे चलने के बाद दूसरी कोचिंग के सामने खड़ी हो गई। यहां पर वह उल्टी करने लगी। तबीयत ज्यादा बिगड़ते देख छात्रों ने कोचिंग स्टाफ को सूचना दी। फौरन उसे तलवंडी स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।

एडिशनल एसपी भगवत सिंह हिंगड़ ने फोन पर बताया कि लड़की ने पॉइजन लिया है, बाकी पोस्टमार्टम के बाद ही साफ हो पाएगा। पिछले दो सप्ताह में यह आत्महत्या की दूसरी घटना है और पिछले दो महीने में 8वीं आत्महत्या है। पिछले सप्ताह झारखंड से कोटा नीट तैयारी करने आई 16 वर्षीय छात्रा ने फंदे से लटककर सुसाइड कर लिया था।

राज्य सरकार, प्रशासन और कोचिंग संस्थानों के तमाम प्रयासों के बावजूदकोटा में छात्र आत्महत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे।कई कोशिशों के बाद भी कोटा में लगातार स्टूडेंट सुसाइड के मामले बढ़ रहे हैं. देशभर में स्टूडेंट सुसाइड को लेकर चर्चा तेज है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिएराज्य सरकार, प्रशासन और कोचिंग सेंटर्स ने लगातार कोशिशकर रही है।

 हॉस्टल के वार्डन, मैस वाले से लेकर टिफिन वालों तक की मदद ली जा रही है. कोटा प्रशासन ने हाल ही में हॉस्टल और पीजी में स्प्र‍िंग वाले सीलिंग फैन लगाने का आदेश दिया था. छात्रों से बातचीत करने और पढ़ाई का प्रेशर कम करने पर जोर दिया जा रहा है. इसके बाद भी आत्महत्या की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।

इस साल की शुरुआत से अब तक हुए 25 छात्रों की सुसाइड की घटनाओं ने राज्य में छात्रों की आत्महत्याओं ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इसके अलावा प्रशासन कई तरह के प्रयास कर रहा है, फिर भी यह सिलसिला थम नहीं रहा है।



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