PATNA : "अहंकार मानव का और मानव समाज का इतना बङा शत्रु है, जो सम्पुर्ण मानव जाति के कष्ट का कारण और अन्ततः विनाश का द्वार बनता है।" महाभारत के दौरान श्रीकृष्ण द्वारा पार्थ को दिया गया ज्ञान एक बार फिर चरितार्थ हो रहा है। अंतर बस इतना है यहां पार्थ की भूमिका तेजस्वी यादव निभा रहे हैं और श्रीकृष्ण के रूप में तेज प्रताप यादव। बीते शनिवार को जिस तरह से तेजस्वी यादव के आवास से तेज प्रताप निराश होकर लौटे, उसके बाद उनका दर्द महाभारत की इन पंक्तियों में छलक पड़ा है। इन पंक्तियों में भले ही तेज प्रताप ने तेजस्वी का नाम नहीं लिया है, लेकिन इशारों इशारों में अपने छोटे भाई को अहंकारी बता दिया है। साथ ही यह बता दिया है कि इस अहंकार के कारण एक दिन अंततः विनाश हो जाएगा।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के दोनो लाडलों के बीच राजनीतिक दूरियां इतनी बढ़ गई है कि दोनों एक दूसरे के सामने भी नजर नहीं आना चाहते हैं। जहां तेज प्रताप बार बार तेजस्वी से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव हर बार उनसे मिलने से इनकार कर दे रहे हैं। बीते शनिवार को भी तेज प्रताप अपने छोटे भाई से मिलने के लिए पहुंचे थे, लेकिन तेजस्वी यादव ने उनसे मिलना जरुरी नहीं समझा। जिसके बाद तेज प्रताप को निराश होकर वापस लौटना पड़ गया।
अहंकार मानव का और मानव समाज का इतना बङा शत्रु है, जो सम्पुर्ण मानव जाति के कष्ट का कारण और अन्ततः विनाश का द्वार बनता है। pic.twitter.com/s5UKBcCRuV
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) September 4, 2021
तेजस्वी हैं बेहद खफा
बता दें कि जिस तरह से पिछले दिनों तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह और तेजस्वी यादव को लेकर बयानबाजी की थी, उसके बाद तेजस्वी अपने बड़े भाई से बेहद नाराज हैं। रक्षाबंधन से पूर्व हुए इस घटनाक्रम के बाद से ही दोनों भाइयों के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई है। न सिर्फ पटना में, बल्कि दिल्ली में पिता लालू प्रसाद से भी दोनों भाई एक दिन अलग अलग समय पर मिलने पहुंचे थे। वापस लौटने के बाद तेज प्रताप के गुस्से में नमी आई और वह लगातार अपने छोटे भाई को मनाने की कोशिश में जुटे हैं। इस कोशिश में बीते शनिवार को भी तेज प्रताप तेजस्वी से मिलने पहुंचे थे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने उनसे मिलने से मना कर दिया। जिसके बाद तेज प्रताप को वापस लौटना पड़ा। अब तेज ने अर्जुन को अंहकारी बता दिया है।