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लालू यादव ने श्याम रजक को दे दिया आशीर्वाद ! इस बार RJD का 'टिकट' लेने में सफल होंगे या 2020 वाला हाल दुहराया जाएगा ?

लालू यादव ने श्याम रजक को दे दिया आशीर्वाद ! इस बार RJD का 'टिकट' लेने में सफल होंगे या 2020 वाला हाल दुहराया जाएगा ?

Patna: लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने ही वाला है. राजद की तरफ से संभावित प्रत्याशी चुनावी तैयारी में जुट गए हैं. क्या इस बार श्याम रजक का राजनीतिक वनवास खत्म होगा ? दावा किया जा रहा है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने श्याम रजक को अपना आशीर्वाद दे दिया है. लेकिन बड़ा सवाल यही है कि अंत समय में कहीं 2020 वाली बात न दुहरा दी जाए. क्यों कि जिस सीट पर श्याम रजक की दावेदारी है, कांग्रेस ने वहां के लिए एक बड़े शख्स को पार्टी में शामिल करा लिया है. 

श्याम का खत्म होगा वनवास ?

राजद के वरिष्ठ नेता श्याम रजक लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. राजद सुप्रीमो ने इसके लिए सहमति दे दी है. कहा जा रहा है कि श्याम रजक समस्तीपुर सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ेंगे. हरी झंड़ी मिलने के बाद उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी है. नीतीश कुमार की सरकार और पार्टी से इस्तीफा देने के बाद श्याम रजक अब तक न तो इलेक्ट हो पाए और न सेलेक्ट. लिहाजा इस बार पूरी कोशिश है कि लोकसभा चुनाव में उन्हें उम्मीदवार बनाया जाय. इसके लिए उन्होंने समस्तीपुर सुरक्षित सीट को चुना है. दावा है कि लालू प्रसाद ने इस पर सहमति दे दी है. सहमति मिलने के बाद ही श्याम रजक समस्तीपुर के रण में उतरने की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन समस्तीपुर में श्याम रजक की राह उतनी आसान नहीं दिखती है. 

कांग्रेस की मजबूत दावेदारी 

महागठबंधन में समस्तीपुर लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव और उप चुनाव दोने में यह सीट कांग्रेस के खाते में रही है. इस बार भी राजद और कांग्रेस साथ-साथ हैं. साथ ही नीतीश कुमार की पार्टी भी है. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि श्याम रजक के साथ 2020 विधानसभा चुनाव वाली स्थिति न हो जाए.  वे अगस्त 2020 में नीतीश कैबिनेट में उद्योग मंत्री और जेडीयू से इस्तीफा देकर लालू प्रसाद के साथ हुए थे. इस्तीफा देकर राजद में शामिल होने के कुछ समय बाद ही बिहार विधानसभा के चुनाव हुए. लेकिन टिकट का आश्वावन देने के बाद भी राजद नेतृत्व ने श्याम रजक को फुलवारी शरीफ से उम्मीदवार नहीं बनाया. उनकी सीटिंग सीट सहयोगी दल माले के खाते में डाल दिया गया. राजनीतिक चक्रव्यूह में श्याम रजक ऐसे फंसे कि पॉलिटिकल कैरियर ही दांव पर लग गया. अब लोकसभा का चुनाव सिर पर है. लिहाजा इन्हें समस्तीपुर से चुनाव लड़ाने की तैयारी है. पूछने पर श्याम रजक कहते हैं कि पार्टी का जो निर्णय होगा वह स्वीकार होगा. वैसे इस सीट पर कांग्रेस की भी जबरदस्त दावेदारी है. 

पूर्व डीजीपी कांग्रेस में शामिल..नजर समस्तीपुर सीट पर

कांग्रेस ने हाल ही में तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी ब्रज किशोर रवि को दल में शामिल कराया है. बी.के.रवि का बैनर-पोस्टर समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में लगाए गए हैं. बैनर-पोस्टर देख कर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें समस्तीपुर से उतार सकती है. बी. के. रवि ने दिल्ली नेतृत्व के समक्ष पार्टी ज्वाईन किया. इस दौरान बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी मौजूद रहे. ब्रज किशोर रवि ने अक्टूबर में तमिलनाडु के डीजीपी पद से वीआरएस लिया और अभी कांग्रेस ज्वाइन किया है. ब्रज किशोर रवि 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. बिहार के सहरसा जिले के रहने वाले हैं. 

पिछले चुनावों में कांग्रेस के खाते में रही है समस्तीपुर सीट 

2019 के लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर सुरक्षित सीट से कांग्रेस की तरफ से डॉ. अशोक कुमार कांग्रेस के प्रत्याशी थे. इन्हें  तीन लाख दस हजार 800 मत मिले थे. जबकि लोजपा के रामचंद्र पासवान को पांच लाख 61 हजार 460 मत.इस तरह से लगभग ढाई लाख मतों से लोजपा प्रत्याशी की जीत हुई थी. लोजपा सांसद के निधन के बाद इसी साल उप चुनाव हुए. इस चुनाव में भी यह सीट कांग्रेस के खाते में ही रही. 2019 के अक्टूबर में समस्तीपुर सीट पर उप चुनाव हुए. जिसमें लोजपा प्रत्याशी प्रिंस राज ने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अशोक कुमार को 1 लाख 2 हजार 90 मतों से परास्त कर दिया. 

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