लालू 'राज' से क्यों छिटक रहे हैं तेजस्वी, RJD चीफ के पोस्टर से आउट होने के पीछे क्या है पार्टी का प्लान Y

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर हर पार्टी अपनी रणनीति बन रही है. इस बीच तेजस्वी यादव ने भी एक नया प्लान बना लिया है. तेजस्वी के उस प्लान के तहत काम होने भी शुरू हो गया है.

'लालू काल' से बचने के तैयारी में तेजस्वी
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साये से निकालकर युवा एवं नई सोच वाले एक नेता के रूप में उभारने का प्रयास शुरू कर दिया गया है. पटना में राजद की ओर से जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं. इनमें लालू प्रसाद नहीं दिख रहे हैं. लालू यादव राजद के चीफ हैं इसके बाद भी राजद के पोस्टर से उनका चेहरा गायब क्यों है? राजनीतिक जानकारों की माने तो विपक्ष इस बार लगातार लालू यादव के राज में हुए अपराध को लेकर हमलावर है. लिहाजा तेजस्वी यादव इस हमले की तोड़ को निकालने में लगे हैं.


युवाओं को जोड़ने की कोशिश में तेजस्वी
पोस्टरों पर तेजस्वी की अकेली बड़ी सी तस्वीर लगी है. स्लोगन है- नई सोच-नया बिहार, युवा सरकार अबकी बार. जाहिर है, राजद की रणनीति चुनावी मैदान में उतरने से पहले तेजस्वी की छवि ऐसी बनाने की कोशिश है जिससे युवा आकर्षित हो सकें. इस बार 17 लाख युवा वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने वाले हैं. लिहाजा तेजस्वी यह जानते हैं कि इनको साध लिया तो सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने का रास्ता आसान हो सकता है. तो बस तेजस्वी लगातार इनको अपने खेमे में लेने के लिए बेरोजगारी और युवाओं की तकलीफ के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं. 


यूथ पॉलिटिक्स पर भी पूरा फोकस
बिहार के चुनावी समर में अन्य दलों में तेजस्वी जैसा युवा चेहरा नहीं है. इसलिए राजद यह चाहती है कि इसे मुद्दा बनाया जाए और यूथ पॉलिटिक्स के जरिए युवाओं को अपनी ओर खींचा जाए. लेकिन राजद के इस मिशन को जदयू भी जानती है. जेडीयू यह बात जानती है कि नए वोटरों को लुभाने के लिए राजद कौन से मोहरा फेंक रही है. लिहाजा जदयू ने भी चाल चल दी है. सीएम नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि जो युवा इस बार वोट देंगे उन्होंने लालू राज का आतंक नहीं देखा होगा लिहाजा पार्टी को उन युवाओं को लालू राज के बारे में बताना चाहिए. फिर क्या था जदयू ने भी पासा फेंका और लालू राज पर हमला करना चालू कर दिया है. दोनों पार्टियों की और से युवाओं को अपनी ओर खिंचने का सिलसिला जारी है लेकिन देखना है कि युवा किसे अपना सरकार मानते हैं और किसकी सरकार बनाने में मदद करते हैं.