BHAGALPUR : भागलपुर के माटी की आवाज़ एक बार फिर गूंजी। ननिहाल के नाती बाबु किशोर दा की 95वीं जयंती पर उनकी आवाज को गाते हुए याद किया। आवाज रूपी विरासत को छोटी खंजरपुर के लाल संजीव दुबे ने शाम की महफ़िल को सजाया। एसएम कॉलेज रोड में झमाझम बारिश के बीच "रिमझिम गिरे सावन" से किशोर दा के गायन को याद किया किया।
गायक संजीव दुबे ने बताया किशोर दा को नमन करने का यह बहरीन मौका है। खास मौके पर राजीव सिद्धार्थ, अनुज शिवलोचन, संतोष श्रीवास्तव, दिलीप कुमार, कौशल जी के अलावा शैलेश सिंह, संतोष झा, तरुण घोष, तापस घोष, शांतनु गांगुली, मुन्ना सिंह, सानू कुमार, अरविंद झा, संजय झा जैसे संगीत प्रेमी मौजूद दिखे। खास बात रही कि किशोर दा के गायन को सुन राह चलते कॉलेज के लड़कियों के पांव थिरक और ठहर गए।
बता दें कि शहर के आदमपुर स्थित राज परिवार की राजबाटी में उनके नाना सतीश चंद्र बनर्जी रहते थे। अशोक कुमार के चचेरे साले सोमनाथ बनर्जी के अनुसार गर्मी की छुट्टियों में किशोर कुमार बड़े भाई अशोक कुमार के साथ अक्सर मामा शानू बनर्जी के घर भागलपुर आते थे और मीठे आम खाने सुल्तानगंज स्थित बगीचा जाया करते थे। इस दौरान वे ट्रेन से सुल्तानगंज जाने के दौरान राह में आने वाले सभी स्टेशनों को याद करते जाते थे।
1970 में आए थे अंतिम बार भागलपुर
किशोर कुमार का ननिहाल भागलपुर ही था। वे अक्सर अपने ननिहाल आते थे। अंतिम बार वे फैन्स एसोसिएशन की फरमाइश पर स्थानीय सैंडिस कंपाउंड में आयोजित संगीत समारोह में भाग लेने यहां आए थे। उसमें अपार भीड़ उमड़ी थी। सभी लोग उनकी एक झलक पाने और मिलने को बेताब थे। प्रबंधकों द्वारा भीड़ को नियंत्रित कर पाना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में समारोह जैसे-तैसे पूरा किया गया था और चाचा जी को रातोंरात स्थानीय सर्किट हाउस से बागडोगरा एअरपोर्ट पहुंचाया गया था। वहां से वे मुंबई चले गए थे।
रिपोर्ट --balmukund kumar भागलपुर