पटना : बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच बिहार के पूर्व सीएम और हम पार्टी के चीफ मांझी एक बार फिर से पलटी मारते हुए नीतीश की छांव में चले गए. मांझी ने खुद को सेफ करते हुए नीतीश कुमार की अगुवाई को मान लिया. लेकिन मांझी के जदयू के सहारे में एनडीए में शामिल होने के बाद अब बीजेपी की परेशानी भी बढ़ती दिख रही है. मांझी ही नहीं राजद के बागियों को भी जदयू ने गले लगाया है. 7 राजद के बागी भी सीटों की दावेदारी से पीछे नहीं हटने वालाे हैं. ऐसे में यह माना जा रहा है कि एनडीए में मांझी और बागी सीट शेयरिंग की सपाट पिच को खुरदुरा कर सकते हैं
JDU की गले लगाओ वाली रणनीति NDA में डाल सकता है बगावत का बीज
महागठबंधन से रुठने के बाद मांझी ने एनडीए का तो दामन थाम लिया लेकिन अब हम सेक्युलर की दावेदारी वाली सीट से एनडीए में शामिल मुख्य पार्टी बीजेपी की मुसीबतें बढ़ती हुई दिख रही हैं. मांझी जदयू के पार्टनर के तौर पर एनडीए का झंडा बुलंद करने का दावा कर चुके हैं. हालांकि सीटों पर मांझी ने यह कह चुके हैं यह कोई मुद्दा नहीं है लेकिन पार्टी के अंदरखाने से जो खबर है उसके मुताबिक हम 7 से 8 सीटों पर अपनी मजबूत दावेदारी भी ठोक रही है. अंदरखाने से खबर के मुताबिक टेकारी, बाराचट्टी, कसबा, आरा, केसरिया, बोधगया, मखदुमपुर और नवादा सीट पर हम की दावेदारी है. नवादा सीट से हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता धीरेन्द्र कुमार मुन्ना पिछली बार दावेदारी ठोक भी चुके हैं और अच्छी बढ़त भी उन्हें मिली थी.
वहीं राजद के सात बागी विधायक भी चुनावी मैदान में उतरने को बेकरार हैं. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक हम की सात सीटों की डिमांड और राजद से जदयू में आए 7 विधायक मतलब कुल 14 सीटों में से कम से कम 10 सीटों पर बीजेपी और लोजपा से अनबन की नौबत आ सकती है. हम के दावों वाली सीटों पर राजद और कांग्रेस के सीटिंग एमएलए हैं लेकिन जिन 7 सीटों पर हम पार्टी दावा कर रही है उन सीटों पर बीजेपी और लोजपा दूसरे नंबर पर रही है. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि मांझी की एंट्री से सीटों को लेकर अनबन के पूरे आसार हैं. अब देखना है कि जदयू कैसे सीटों कै बैलेंस करती है और एनडीए में बागियों को शांत करवा पाती है.