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हरिद्वार की तर्ज पर मधुबनी में बनेगा मनसा देवी का मंदिर, सवा करोड़ रूपये आएगी लागत

हरिद्वार की तर्ज पर मधुबनी में बनेगा मनसा देवी का मंदिर, सवा करोड़ रूपये आएगी लागत

PATNA : बिहार के मधुबनी जिले के हरिपुर बख्शी टोल में मनसा देवी मंदिर का निर्माण हो रहा है। मनसा देवी को विषहरा माता का स्वरूप कहा जाता है। भगवान शंकर की शिष्या शैवी के रूप में इनकी मान्यता है। हरिद्वार में स्थित सिद्ध पीठ मनसा देवी मन्दिर की तर्ज पर यह मन्दिर बन रहा है। 70 फीट लंबा और 33 फीट चौड़ा मन्दिर प्लिंथ तक बन चुका है। 

22 अक्टूबर से शुरू होगा निर्माण कार्य

22 अक्टूबर से मन्दिर के गर्भगृह का निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट की सचिव प्रोफेसर डाॅ इंदिरा झा ने बताया कि उड़ीसा के कारीगरों द्वारा गर्भ गृह का निर्माण होना है। उड़ीसा के प्रसिद्ध लिंगराज मन्दिर की तरह मन्दिर के शिखर और दीवारों पर शेर, प्रकृति और देवी-देवताओं की आकृतियां होंगी। एक लाख ईंट से गर्भ गृह का निर्माण होगा। गर्भ गृह की दीवार चार फीट मोटी होगी। कोई पिलर नहीं होगा। 10 फीट लंबा और उतना ही चौड़ाई वाले गर्भगृह के चारों ओर 6 फीट का परिक्रमा क्षेत्र होगा। गर्भ गृह की शिखर तक ऊंचाई 55 फीट होगी। मन्दिर का दूसरा शिखर 35 फीट ऊंचा होगा। गर्भ गृह के सामने सभागृह होगा। उड़ीसा शैली में मन्दिर की दीवारों को खुरेदकर देवी-देवताओं और प्रकृति की अनुकृतियाँ बनाई जाएगी। मन्दिर के शिखर पर शेर की चार अनुकृति होगी। प्रवेश द्वार पर ऐसे दो शेर होंगे। शेर की दो अनुकृति सभा गृह के मुख्य खंभों पर होगी। इस तरह मन्दिर में अनुकृति स्वरूप आठ शेर होंगे। मन्दिर की अनुमानित लागत सवा करोड़ रुपये है।

निर्माणाधीन स्थल पर पहले से मौजूद हैं विषहरा माता

पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती 17 साल की अवस्था तक हरिपुर बख्शी टोल में रहे थे। उसके बाद साधु-सन्यासियों के बीच रहकर धर्म-आध्यात्म में रम गए। वे आदि शंकराचार्य द्वारा ढ़ाई हजार साल पूर्व सनातन धर्म के वेद-सम्मत संचालन के लिए स्थापित चार पीठों में एक पूर्वाम्नाय गोवर्द्धन मठ पुची पीठ के शंकराचार्य पद पर तीन दशकों से आसीन हैं। मंडन मिश्र के बाद मिथिलांचल और बिहार की मिट्टी में अवतरित वे दूसरे शंकराचार्य हैं। हरिपुर बख्शी टोल के ग्रामीणों की मान्यता है कि स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती बाल्यकाल में गांव में स्थित विषहरा माता के मन्दिर में बहुत समय गुजारते थे। सर्पदंश से ग्रसित व्यक्ति के शरीर पर वहां की मिट्टी छिड़ककर वे उसे विषमुक्त कर देते थे। उसी मन्दिर से सटे विषहरा माता की मूर्ति स्वरूप मनसा देवी मन्दिर का निर्माण हो रहा है। निर्माणाधीन मन्दिर के दूसरी तरफ विशाल सरोवर है जिसका सौंदर्यीकरण कार्य राज्य सरकार द्वारा कराया जा रहा है।

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