भागलपुर जिले में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गंगा किनारे रह रहे लोग अब सहम गए हैं। यही नहीं संभावित बाढ़ को लेकर अपनी ओर से तैयारी में भी जुट गए हैं। हम बात कर रहे हैं जिले के सबौर प्रखंड के रजन्दीपुर पंचायत स्थित बगडेर बगीचे की। हर साल यह पूरा गांव गंगा नदी में समा जाता है। बाढ़ के बीच तीन माह का समय यहां रहनेवालों की नियती बन चुकी है। साथ ही नदी के कटाव से कई एकड़ जमीन भी नदी में समाहित हो चुकी है। इस साल मानसून की शुरुआत में ही गंगा का जलस्तर खतरे के संकेत देने लगा है, जिसके बाद यहां के लोग हर वर्ष की तरह इस बार भी पेड़ों पर व ऊँचे स्थानों पर अपना आशियाना बनाने में जुट गए हैं। बाढ़ आने के बाद इस बगीचे में 10 से 15 फीट पानी रहता है। बगडेर में 100 से अधिक परिवार रहते है। बाढ़ आने के बाद यह सभी अन्य स्थानों पर नहीं जाते हैं बल्कि बगीचे में ही पेड़ पर किसी तरह से रहते हैं।
जगह छोड़ दिया तो कहां जाएंगे
ऐसा नहीं है कि प्रशासन की तरफ से इन लोगों की सहायता नहीं की गई। ग्रामीणों का कहना है कि नदी के कटाव को देखते हुए सरकार इस जगह को खाली करने को कहती है, जबकि यहां रहनेवाले सभी लोग सरकार से ही उम्मीद करते हैं कि यहीं पर उन्हें बसा दें। यहां उनका सब कुछ है,यह जगह अगर छूट जाएगी तो फिर वे लोग कहां जाएंगे। ग्रामीणों ने कहा कि मजबूर है यहां रहने के लिए, कोई उन पर ध्यान नहीं देता है। बाढ़ आने के बाद पेड़ पर ही मचान बनाकर रहते हैं। छोड़कर जाएंगे तो सब कुछ लूट जाएगा। कभी भूखे कभी कुछ खा कर रह लेते हैं। गंगा का पानी बढ़ रहा है, इसलिए तैयारी कर रहे हैं।
वहीं इस पर कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बाढ़ की तैयारी के नाम पर करोड़ों रुपए की लूट होती है। उन्होंने कहा कि हर साल यहां बाढ़ आता है, जिसमें कई एकड़ जमीन कटाव की भेंट चढ़ जाती है। बाढ़ राहत को लेकर व्यवस्था से नाराज नजर आ रहे कांग्रेस विधायक ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा बोल्डर पीचिंग नहीं किया जाता है। विस्थापितों को जगह नहीं मिल पा रहा है। बिहार सरकार पूरी तरह से फेल्योर हो चुकी है।