नीतीश कुमार के समर्थन में उतरी मायावती, लोकसभा चुनाव के पहले बिहार के सीएम की मांग को बसपा का साथ, भाजपा सरकार की बढ़ाई परेशानी

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती का महत्वपूर्ण साथ मिला है। नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट जातीय गणना कराने को पटना हाई कोर्ट से मिली मंजूरी के बाद अब मायावती ने भी देश में जातीय गणना की मांग की है। दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने बड़ा दाव खेला है। उन्होंने जातीय जनगणना का मुद्दा उठाते हुए उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में कराए जाने की मांग की। 

मायावती ने ट्वीट कर कहा कि अब जब पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार द्वारा की जा रही जाति जनगणना को मंजूरी दे दी है, तो अब ध्यान उत्तर प्रदेश पर है जहां इसी तरह की जनगणना की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जाति जनगणना की मांग जोर पकड़ रही है लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा इसके लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि बसपा चाहती है कि पूरे देश में जातीय जनगणना हो। 

मायावती ने आगे कहा कि सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने और समाज के कमजोर वर्गों को सामाजिक मुख्यधारा में लाने और राष्ट्र के समग्र विकास के लिए जाति जनगणना आवश्यक थी। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा,'ओबीसी समाज की आर्थिक, शैक्षणिक व सामाजिक स्थिति का सही ऑकलन कर उसके हिसाब से विकास योजना बनाने के लिए बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही जातीय जनगणना (caste census) को पटना हाईकोर्ट द्वारा पूर्णत वैध ठहराए जाने के बाद अब सबकी निगाहें यूपी पर टिकी हैं कि यहाँ यह जरूरी प्रक्रिया कब?' उन्होंने आगे लिखा कि देश के कई राज्य में जातीय जनगणना के बाद यूपी में भी इसे कराने की माँग लगातार ज़ोर पकड़ रही है, किन्तु वर्तमान बीजेपी सरकार भी इसके लिए तैयार नहीं लगती है, यह अति-चिन्तनीय, जबकि बीएसपी की माँग केवल यूपी में नहीं बल्कि केन्द्र को राष्ट्रीय स्तर पर भी जातीय जनगणना करानी चाहिए।

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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में जातीय जनगणना का मुद्दा, मण्डल आयोग की सिफारिश को लागू करने की तरह, राजनीति का नहीं बल्कि सामाजिक न्याय से जुड़ा महत्त्वपूर्ण मामला है। समाज के गरीब, कमजोर, उपेक्षित व शोषित लोगों को देश के विकास में उचित भागीदार बनाकर उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए ऐसी गणना जरूरी। इससे पहले उन्होंने कहा था कि यूपी विधानसभा के कल से शुरू हो रहे सत्र में सरकार आमजनहित के जरूरी मुद्दों जैसे बढ़ती महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी तथा सड़क, बिजली, पानी, शान्ति-व्यवस्था व सुरक्षा आदि की बदहाल स्थिति के बारे में विशेष जिम्मेदारी का परिचय दे, क्योंकि इनको लेकर लोगों का जीवन त्रस्त व अस्त-व्यस्त।