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भागलपुर में मेयर पति के निजी कर्मी का आरोप, मजदूरी का निगम ने किया भुगतान

भागलपुर में मेयर पति के निजी कर्मी का आरोप, मजदूरी का निगम ने किया भुगतान

 BHAGALPUR : सृजन घोटाले का दंश झेल रहे भागलपुर में एक और नया घोटाला सामने आया है। भागलपुर सृजन घोटाले की इस बदनामी से उबर भी नहीं पाया था कि भागलपुर नगर निगम के भ्रष्टाचार ने जिले वासियों को अंदर से झकझोर दिया है। नगर निगम प्रशासन ने बड़े ही चतुराई से मेयर सीमा साह और उनके पति जिला परिषद अध्यक्ष (चेयरमैन) अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह के साथ मिलकर निगम को जमकर चुना लगाया है। इस पूरे हेराफेरी का भंडाफोड़ खुद जिप अध्यक्ष के पेट्रोल पंप पर काम कर रहे पूर्व कर्मचारी अनिल कुमार ने किया है। इस संबंध में शाहकुंड थाना क्षेत्र के सुखसरोवर निवासी अधिकलाल तांती के पुत्र अनिल कुमार ने बताया कि वह जिप अध्यक्ष के पेट्रोल पंप पर वर्ष 2013 से ही लेखा-जोखा मैनेजर के पद पर काम कर रहा था। लेकिन उनकी मजदूरी का भुगतान नगर निगम से किया जा रहा था। अनिल कुमार की मानें तो उन्हें पहले मजदूरी पेट्रोल पंप द्वारा नगद रूप में दी जाती थी, लेकिन 10 दिसम्बर, 2019 से उन्हें निरंतर नगर निगम द्वारा बैंक खाते पर भुगतान किया जाने लगा| यही नहीं हर महीने नगर निगम द्वारा मजदूरी की राशि से कहीं ज्यादा कि राशि उनके बैंक खाता संख्या - 1182952444 पर ट्रांसफर की जा रही थी। वहीं मजदूरी से ज्यादा की राशि उन्हें बैंक खाते से निकलकर नगद जिप अध्यक्ष टुनटुन साह को देना होता था।

पेट्रोल पंप कर्मी अनिल कुमार के खाते पर मजदूरी का भुगतान जारी है

इन सब के बीच हद तो तब हो गई जब अनिल कुमार को काम छोड़ने के बाद भी उनके खाते में नगर निगम से लगातार भुगतान होता रहा। अनिल कुमार ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में यानी की अप्रैल 2021 में वह संक्रमण की चपेट में आ गया था। जिसके कारण वह कुछ महीने घर में ही रहा लेकिन जब वह स्वस्थ होने के बाद वापस पेट्रोल पंप पर नौकरी करने पहुंचा तो उन्हें टुनटुन साह ने किसी अन्य कर्मचारी को उनके स्थान पर रखने की बात कहकर उन्हें हटा दिया। बावजूद इसके ताज्जुब वाली बात ये है कि नगर निगम  द्वारा उनके खाते पर पूर्व की भांति यानी कि 10 दिसम्बर, 2019 से 19 अगस्त, 2021 तक नियमित रूप से राशि का ट्रांसफर धड़ल्ले से होता रहा। इसी वर्ष पिछले 19 अगस्त को उनके खाते पर एक बार फिर नगर निगम ने 18,603 रुपए की राशि को ट्रांसफर कर दिया। इसी दरमियान सरकारी राशि का इस तरह बैंक खाता पर आने से अनिल कुमार अचंभित हो गया और उन्होंने नगर निगम के इस  भ्रष्टाचार की जानकारी सूबे के मुखिया नीतीश कुमार, प्रधान सचिव, भागलपुर के प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी और नगर आयुक्त समेत संबंधित विभाग के कई अधिकारियों को पत्र के माध्यम से दिया है। अपने पत्र में अनिल कुमार ने सरकारी राशि की दुरुपयोग संबंधी शिकायत को विस्तार से लिखा है, इसके साथ ही उन्होंने इसका पुख्ता साक्ष्य भी आवेदन के साथ मुख्यमंत्री, प्रधान सचिव और सभी अन्य अधिकारियों की भेजा है।

भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद नगर निगम के कथित कर्मी ने अनिल से वापस मांगा पैसा

अनिल कुमार ने बताया कि जब पूरे मामले का उन्होंने भंडाफोड़ कर दिया तो इस पूरे खेल पर परदा डालने के लिए 20 अगस्त को नगर निगम के एक कथित कर्मी शहजादा ने उन्हें मोबाइल संख्या 9709737538 से फोन कॉल कर उन्हें कहा की भूलवश राशि निगम द्वारा उनके खाते में चली गई है। इसलिए वह उस राशि को वापस कर दें। इसके बाद अनिल ने उक्त कथित निगम कर्मी को इसकी जानकारी लिखित में देने की बात कही। जिससे कि बाद में उन्हें कोई परेशानी नहीं हो| लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। इसके पश्चात अनिल ने भी यह राशि किसी को वापस नहीं किया। इसके उपरांत उक्त कथित निगम कर्मी ने मेयर के पति अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह से भी उन्हें फोन पर बात करवाया। इस दौरान टुनटुन साह ने अनिल से कहा कि अब तो वह उनके पेट्रोल पंप पर काम नहीं करते हैं, इसलिए जो भी राशि उनके खाते पर नगर निगम द्वारा भेजी गई है वह उस राशि को निकलकर नगद रूप से टुनटुन साह को वापस कर दें। इससे अनिल काफी भयभीत हो गया, क्योंकि यह मामला प्रारंभिक तौर पर सरकारी राशि के गबन से जुड़ा हुआ प्रतीत हो रहा था। अनिल कुमार की मानें तो इससे पहले भी टुनटुन साह ने पैसे की मांग को लेकर उन्हें रूम में बंद कर उनके साथ मारपीट और गाली-गलौज किया था।

करीब नौ लोगों को निगम के खाते से किया जा रहा था भुगतान

अनिल कुमार ने दावा किया है कि उनके अलावा करीब नौ लोगों को निगम द्वारा भुगतान किया जा रहा था। अनिल के मुताबिक निगम से भुगतान पाने वालों में जिप अध्यक्ष के निजी बॉडीगार्ड मो. अख्तर, बॉडीगार्ड का भाई मो. केशर, बॉडीगार्ड की बेटी अंजुम परवेज, शोरूम का इलेक्ट्रिक मिस्त्री मो. नजरुल, मां मोटर्स का स्टाफ लालबहादुर सिंह, मिस्त्री अनिल कुमार, घरेलू स्टाफ गणेशी यादव, दीपक सिंह शाहकुंड अस्पताल का सफाई कर्मी एवं जेनरेटर कर्मी और स्वयं अनिल कुमार शामिल है। यही नहीं अनिल कुमार ने कहा कि इनलोगों के अलावा कई और ऐसे लोग भी हैं जिसके खाते में फर्जी भुगतान कराकर भागलपुर नगर निगम को चूना लगाया गया। आश्चर्य वाली बात यह है कि इनमें से कोई भी नगर निगम का कर्मी नहीं है। वहीं अब जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि आखिर इस आरोप में कितनी सच्चाई है और कितनी राशि की लूट हुई है।

घोटाले में मेयर और उनके पति टुनटुन साह पर बड़ा आरोप

नगर निगम में सफाई कर्मचारियों के नाम पर मेयर सीमा साहा और उनके जिला परिषद अध्यक्ष पति टुनटुन साह एवं निगम प्रशासन की मिलीभगत से ही इतना बड़ा घपला होने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि तीनों ने मिलकर निगम के राजकोष में सेंध लगाई है। अनिल कुमार ने अपने आवेदन में स्पष्ट रूप से मेयर सीमा साह और उनके पति जिला परिषद अध्यक्ष अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह पर घोटाले का आरोप लगाया है। वहीं निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निगम ने सफाई के लिए 1079 कर्मचारी रखे थे। जिसमें से 1079 सफाईकर्मियाें के वेतन पर 98.46 लाख खर्च भी हो रहे हैं। इसी क्रम में जिप अध्यक्ष के पूर्व कर्मचारी अनिल के बैंक खाते में नगर निगम ने 10 दिसंबर 2019 से 19 अगस्त 2021 तक 1 लाख 62 हजार 488 रुपए डाले हैं। जिसमें मेयर के पति टुनटुन साह के शाहकुंड स्थित पेट्रोल पम्प, बाइक शोरूम और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के 6 कर्मचारियों का भी नाम बेहद ही शातिराने तरीके से डाला गया है। वहीं चतुराई के साथ निगम के जिम्मेदारों ने इसे अपने रिकॉर्ड में साफ-सफाई करने वाले मजदूरों की श्रेणी में डालकर दिसंबर 2019 से अगस्त 2021 तक का वेतन भी दे दिया। निगम के सूत्रों की मानें तो निगम प्रशासन, मेयर और जिप अध्यक्ष की इस मिलीभगत से निगम के खजाने में हर माह तकरीबन 54,756 रुपए और सालाना 6,57,072 रुपए की सेंध लगाई गई। इस घोटाले के खुलासे के बाद निगम की सियासत भी गर्म हो गई है। पार्षदों ने एक ओर जहां मेयर और निगम प्रशासन को घेरने की तैयारी कर ली है, वहीं दूसरी ओर मेयर के समर्थन में स्थायी समिति के सदस्य सबिहा रानू, सुनीता देवी और अनिल पासवान खुलकर सामने आ गए हैं। इन लोगों ने कहा की जब मेयर अच्छा काम करती हैं, तभी सारे विरोधी उनके खिलाफ साजिश रचने का षड्यंत्र करने लगते हैं। इन पार्षदों ने साफ कहा कि अगर काेई गड़बड़ी है ताे निगम इसकी जांच कराए। इसी बीच निगम के जिम्मेदार खुद को बचाने की जुगत में लग गए हैं। वहीं सोमवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की छुट्टी रहने के कारण जब मंगलवार को नगर निगम का दफ्तर खुलेगा तो कई पार्षदों का एक खेमा नगर आयुक्त से मिलकर इसकी जांच कराने की मांग करेंगे। जबकि इस बारे में वार्ड नंबर 32 के पार्षद सह स्थायी समिति सदस्य हंसल सिंह ने कहा कि यह बहुत बड़ा घोटाला है। पार्षद अपने वार्ड में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की मांग करते रहे, लेकिन मेयर ने.. नहीं बढ़ाया। उन्होंने कहा कि इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। जो भी दोषी हैं उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

मेयर सीमा साह ने कहा इस घोटाला के मामले में निगम और शिकायतकर्त्ता से बात कीजिए

भागलपुर नगर निगम में हुए इस घोटाले पर मेयर सीमा साह ने कहा कि वह इस मामले में कुछ भी नहीं बोलेंगी। उन्होंने कहा कि जो भी बात करनी है निगम प्रशासन से कीजिए या शिकायत कर्त्ता ही इसका जवाब देंगे। जबकि जिला परिषद अध्यक्ष अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह ने फोन ही रिसीव नहीं किया जिसके  कारण उनका पक्ष नहीं आ पाया। जबकि प्रभारी नगर आयुक्त प्रफुल्ल चंद्र यादव ने कहा कि उन्हें पिछले शनिवार को घोटाले कि लिखित शिकायत मिली है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को शिकायत की जांच कराने के बाद  कुछ स्पष्ट हो पाएगा।

भागलपुर से अंजनी कुमार कश्यप की रिपोर्ट

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