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परीक्षा में फेल होने पर फूटा आर्यभट्ट ज्ञान विवि के MBBS स्टूडेंट्स का गुस्सा, सड़क पर घंटों किया हंगामा, यूनिवर्सिटी पर लगाए गंभीर आरोप

परीक्षा में फेल होने पर फूटा आर्यभट्ट ज्ञान विवि के MBBS स्टूडेंट्स का गुस्सा, सड़क पर घंटों किया हंगामा, यूनिवर्सिटी पर लगाए गंभीर आरोप

PATNA : परीक्षा में फेल होने के बाद शुक्रवार को आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के मेडिकल स्टूडेंट्स ने जमकर बवाल काटा। इस दौरान सभी स्टूडेंट्स विश्वविद्यालय के गेट पर बैठकर विशेष परीक्षा कराने की मांग कर रहे थे। दिन भर उनका यह प्रदर्शन चलता रहा। 

जिसके  बाद जब एकेयू गेट पर हंगामा करने पर विद्यार्थी को बाहर निकाला गया, तो उन्होंने मीठापुर मुख्य सड़क को एक घंटे से अधिक समय तक जाम कर और पोस्टरबाजी और नारेबाजी कर विशेष परीक्षा कराने की मांग भी की। बाद में पुलिस के सहयोग से जाम को सड़क से छात्रों को हटाया गया। जहां से सारे विद्यार्थी फिर से विश्वविद्यालय पहुंच गए और परीक्षा नियंत्रक से मुलाकात के बाद उनका गुस्सा शांत हुआ।

छात्रों ने बताई अपनी नाराजगी की वजह

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बताया कि एमबीबीएस 2022 बैच के 350 विद्यार्थियों का सप्लीमेंट्री लगा था। करीब 150 विद्यार्थियों का ईयर बैक लगा दिया गया। जिसको लेकर 15 मई से एकेयू का चक्कर लगा रहे हैं, कोई सुनने वाला नहीं है। हम लोग काफी परेशान है। तब जाकर आंदोलन करना पड़े। वहीं कुछ छात्रों ने परीक्षा के मूल्यांकन में भेदभाव का भी आरोप लगाया है।

परीक्षा में नहीं हुआ किसी प्रकार का भेदभाव

वहीं छात्रों के आरोपों को नकारते हुए एकेयू परीक्षा नियंत्रण डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि एमबीबीएस के कुछ छात्र-छात्राओं द्वारा विगत कुछ दिनों से आरोप लगाया जा रहा है कि मूल्यांकन में भेद-भाव किया गया है। उक्त छात्र-छात्राएं वार्षिक तथा सप्लीमेंट्री दोनों ही परीक्षाओं में असफल रहे हैं।

विश्वविद्यालय प्रशासन यह स्पष्ट करना चाहता है कि मूल्यांकन पूरी तरह से निष्पक्ष है तथा इसमें किसी भी प्रकार के भेदभाव नहीं किया गया है।

स्क्रूटनी दे सकते हैं छात्र, होगी जांच

विद्यार्थी अगर चाहें तो वे स्क्रूटनी के लिए आवेदन दे सकते हैं। अगर किसी भी प्रकार की त्रुटि हुई होगी तो स्क्रूटनी कमिटी छात्र-छात्राओं के हित को देखते हुए निर्णय लेगी।

डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि विद्यार्थियों पर सरकारी संपत्ति नष्ट करने को लेकर आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा एफआइआर नहीं किया गया है चूंकि ऐसी कोई हानि नहीं हुई है।

कुलपति बोले – आरोप गंभीर, कराएंगे जांच

कुलपति प्रो. शरद कुमार यादव ने बताया कि छात्रों का आरोप निजी व सरकारी कालेजों के आधार पर फेल-पास की बात कही जा रही है। उनके आराेप में कितना दम है, संबंधित सभी कालेजों के प्राचार्यों से बात करेंगे।एनएमसी के गाइडलाइन का अनुपालन किया जाएगा। पुन: परीक्षा उनका संभव नहीं है।

पेपर लीक की कराएंगे प्राथमिकी

वहीं पांच मई के एमबीबीएस प्रश्न पत्र लीक को लेकर कुलपति प्रो. शरद यादव ने बताया कि मामले में एफआइआर कराने का निर्णय लिया गया है। जक्कनपुर थाने के साथ-साथ एएसपी से भी एफआइआर को लेकर पत्र लिखा गया है। जल्द ही एफआइआर कराएं जाएंगे।

वहीं मामले को लेकर जक्कनपुर थानेदार ने बताया कि अब तक प्रश्न पत्र लीक को लेकर कोई भी एफआइआर के लिए आवेदन नहीं मिले है, आवेदन मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।


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