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पूर्णिया में संदिग्ध स्थिति में मिला मेडिकल स्टोर मालिक का शव, परिजनों में मचा कोहराम

पूर्णिया में संदिग्ध स्थिति में मिला मेडिकल स्टोर मालिक का शव, परिजनों में मचा कोहराम

PURNEA : बिहार टॉकीज रोड लाइन बाजार स्थित बंद पैथोलॉजी में संदिग्ध अवस्था मे मेडिकल दुकान मालिक की लाश मिलने से सनसनी फैल गई। मृतक बिहार टॉकीज रोड स्थित मां गोंगिया मेडिकल दुकान के मालिक हैं। जिस पैथोलॉजी से मेडिकल मालिक का लाश बरामद हुई है। उस पैथोलॉजी का गेट बाहर से लॉक था। वहीं मृतक का मोबाइल भी गायब है। सिर्फ मोबाइल का बैटरी बरामद हुआ हैं। के हाट थाना पुलिस मौके पर पहुंच कर मामलें की जांच पड़ताल में जुट गई। मृतक देवानंद यादव के 38 वर्षीय पुत्र नंद किशोर यादव बताये जा रहे हैं जो रामबाग विस्डम स्कूल के पास भाड़े के मकान में परिवार के साथ रहता था। जबकि वह अररिया सिकटी थाना के रानीकट्टा का रहने वाला बताया जाता है। घटना के बारे में मृतक के भांजा नवीन कुमार ने बताया कि रोज की तरह नौ बजे मेडिकल दुकान खोलने आते है। आज सुबह छह बजे के करीब किसी व्यक्ति ने दवा लेने के लिए बुलाया था।वहीं दवा देने के लिए बिहार टॉकीज रोड मां मेडिकल दुकान आए हुए थे। फिर वापस नहीं गया। 

उन्होंने कहा कि नूतन कॉम्प्लेक्स स्थित एक निजी डॉक्टर के यहां एक पेशेंट को नंबर लगाकर जब मेडिकल दुकान पर आए तो देखा कि मेडिकल खुला हुआ था और दिवेश नाम का स्टाफ बैठा हुआ था और कोई नहीं था। वहीं स्टाफ सुबोध जब अपना पैथलॉजी खोलने के लिए आया तो देखा कि मेडिकल का ताला पैथोलॉजी में बाहर से लगा हुआ था। ताला खोलकर अंदर गए तो देखा कि नंदकिशोर यादव पंखा में रस्सी से लटका हुआ था। मृतक का पैर जमीन के नीचे सटा हुआ है। लाश को लटका हुआ देखकर वह हल्ला करने लगे। जिसके बाद वहां लोगों की भीड़ जुट गई। 

उन्होंने कहा कि फोन कर बुलाना वाला व्यक्ति वहां से फरार था और दवाई काउंटर पर रखा हुआ था। भांजा नवीन के द्वारा घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी । घटना की जानकारी मिलने के बाद परिजन मेडिकल दुकान पहुंचे और घटना की जानकारी के हाट थाना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंचकर वीडियोग्राफी कर लाश को नीचे उतारा। साथ ही लाश का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया। वहीं मां गोंगिया मेडिकल के स्टाफ दिवेश ने बताया कि रोज के तरह करीब 9.35 जब दुकान पर आए तो दुकान खुली हुई थी और मेडिकल में कोई नहीं था। दवा काउंटर पर रखा हुआ था। हम आकर मेडिकल में बैठ गए। हमकों घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं था। जब पैथोलॉजी का स्टाफ पैथोलॉजी खोलने के लिए आए तो घटना के बारे में जानकारी मिली। 

पूर्णिया से तहजीब की रिपोर्ट


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