बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

एक को छोड़कर सभी जिलों से आ गई मेंटल हेल्थ रिव्यू रिपोर्ट, अब फंड उपलब्ध कराए जाने की कार्रवाई बाकी, हाईकोर्ट में सरकार ने दी जानकारी

एक को छोड़कर सभी जिलों से आ गई मेंटल हेल्थ रिव्यू रिपोर्ट, अब फंड उपलब्ध कराए जाने की कार्रवाई बाकी, हाईकोर्ट में सरकार ने दी जानकारी

PATNA : पटना हाइकोर्ट में बिहार राज्य में मानसिक स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं से सम्बंधित मामलें पर सुनवाई की।चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ द्वारा आकांक्षा मालवीय की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मेन्टल हेल्थ रिव्यू बोर्ड के रिपोर्ट याचिकाकर्ता,केंद्र व राज्य सरकार को देने का निर्देश दिया।इस मामलें पर अगली सुनवाई 26जुलाई, 2024 को होगी।

राज्य के विभिन्न जिलों में  मेन्टल हेल्थ रिव्यू बोर्ड क गठन किया गया था। इसमें सम्बन्धित जिला जजों की ओर से रिपोर्ट भेजा जाना था। याचिकाकर्ता की अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय ने जानकारी दी कि सभी जगहों से रिपोर्ट आ चुका है,लेकिन दरभंगा से अबतक रिपोर्ट नहीं आया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई में दरभंगा मेन्टल हेल्थ रिव्यू बोर्ड का रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया । 

अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय नर बताया कि विभिन्न जिलों से आयी रिपोर्टों का अभी अध्ययन होगा। उन्होंने बताया कि इस मामलें में राज्य सरकार ने काफी कार्रवाई की है। केवल फंड उपलब्ध कराये जाने के मुद्दे पर कार्रवाई होनी है। 

 कोर्ट ने पूर्व में इस मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य में  मेन्टल हेल्थ रिव्यू बोर्ड के गठन के सम्बन्ध में  रजिस्ट्रार जनरल,पटना हाईकोर्ट को प्रगति रिपोर्ट अगली सुनवाई में देने को कहा था।पूरे राज्य में  प्रमंडल के स्तर पर ये बोर्ड गठित किया जाना था।  कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि नयी नियमावली बना ली गयी है।कोर्ट ने  हलफ़नामा पर दायर करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था। 

याचिकाकर्ता  की अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय ने बताया था कि नेशनल मेन्टल हेल्थ प्रोग्राम ही के अंतर्गत राज्य के 38 जिलों में डिस्ट्रिक्ट मेन्टल हेल्थ प्रोग्राम चल रहा हैं। लेकिन इसमें स्टाफ की संख्या नाकाफी ही है। 

कोर्ट को ये भी बताया गया था कि सेन्टर ऑफ एक्सलेंस  के तहत हर राज्य में मानसिक रोग के अध्ययन और ईलाज के लिए कॉलेज है।लेकिन बिहार ही एक ऐसा राज्य हैं,जहां मानसिक रोग के अध्ययन और इलाज के लिए कोई कालेज नहीं है। इस मामलें पर अगली सुनवाई 26 जुलाई, 2024 को की जाएगी।

Editor's Picks