PATNA : केंद्र सरकार की ओर से देश में जातीय जनगणना कराने से इनकार करने के बाद बिहार में फिर इसे मुद्दे पर चर्चा तेज हो गयी है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा की अभी भी उन्हें प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से उम्मीद हैं. जिस जाति की जितनी आबादी होगी, उतनी भागीदारी जरुरी के जातीय जनगणना जरुरी है.
उधर राज्य के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने कहा की बड़ी उम्मीद के साथ हमलोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमन्त्री से मिले थे. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से मना करने के बाद बहुत दुःख हो रहा है. उन्होंने कहा की हम इस मामले को लेकर बहुत जल्द मुख्यमंत्री से मिलेंगे. हालाँकि उन्होंने कहा की मैं चाहूँगा की राज्य सरकार अपने खर्चे से जातीय जनगणना कराये.
उन्होंने कहा की हमें पता ही नहीं है की पिछड़ी जाति की जनसँख्या कितनी है. वे लोग क्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा की इसके लिए हम पार्टी की ओर से पांच करोड़ रूपये का डोनेशन देंगे. जिसमें चार करोड़ रुपया पार्टी की ओर से और एक करोड़ रुपया निजी रूप से देंगे.
पटना से रंजन की रिपोर्ट