ARWAL : शिक्षकों से जो वादा किया था, उसे पूरा किया। मैंने चुनाव से पूर्व शिक्षकों से कहा था कि मैं अपने छह वर्षों के कार्यकाल में ही आपलोगों को राज्यकर्मी का दर्जा दिलवाकर रहूंगा। इसके लिए मुझे जितना संघर्ष करना पड़े, मैं करूंगा। इसके लिए शिक्षकों के साथ साथ मेरे पार्टी के लोगों ने हौसला बढ़ाया और पटना में शिक्षकों की समस्या को लेकर आंदोलन में कूदी भाजपा सांसदों विधायकों एवं कार्यकर्ताओं को इसके लिए लाठी खानी पड़ी। जिसमें हमारे एक साथी कार्यकर्ता जहानाबाद जिले के कल्पा गांव निवासी विजय सिंह शहीद हो गए। जिसे पार्टी कभी भूल नहीं सकती। उनके जज्बे को पूरा शिक्षक समाज एवं भारतीय जनता पार्टी सलाम करती है। सड़क से लेकर विधान परिषद तक शिक्षको को सरकारी कर्मी का दर्जा देने के लिए हमने संघर्ष किया था। आज विजय कुमार सिंह की आत्मा को सुकून और शांति मिली होगी। उनका बलिदान काम आया और अंततः सरकार को झुकना पड़ा और सरकार नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया। जिसके कारण शिक्षक समाज मे जश्न का माहौल है। उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के विधानपरिषद सदस्य जीवन कुमार ने अरवल जिले के कुर्था में डाकबंगला परिसर में प्रेस कॉम्फ्रेन्स कर कही।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों द्वारा चुनाव से पूर्व करीब 900 सभा मे से 700 सभा मे नियोजित शब्द हटाने की मांग की गई थी तथा राज्यकर्मी का दर्जा दिलवाने के लिए मुझे संघर्ष करने की अपील की गई थी। इसी का नतीजा है कि शिक्षकों का 16 वर्ष का संघर्ष एवं मेरे व भारतीय जनता पार्टी के कठिन संघर्ष के बदौलत सरकार को झुकना पड़ा। हमलोगों ने सरकार से आंदोलन कर कहा कि शिक्षकों से जो झूठा वादा किया गया था कि राज्यकर्मी का दर्जा देंगे। उससे हमलोग भागने नहीं देंगे। उस वादा को पूरा करना होगा। सरकार ने सदन में बाध्य होकर शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का फैसला कैबिनेट में पास करना पड़ा।
वहीं उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों की लगातार 16 साल से कलंक का टिका नियोजित शब्द हटाने के लिए लागातार भाजपा द्वारा आक्रामक आंदोलन चला था। तब जाकर बिहार सरकार निर्णय लेने पर मजबूर हुई। इसके बाद उन्होंने विशिष्ट शिक्षक और राज्य कर्मी का दर्जा खत्म करने कि दिशा मे मजबूत पहल हुई। साथ ही उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों की जीत है और मैं अपने चुनावी जनसभाओं में यह वादा किया था कि मैं अपने ही कार्यकाल में शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिलवाऊंगा। चाहे उसके लिए मुझे जितना भी जन आंदोलन और जन संघर्ष करना पड़े मैं पीछे नहीं हटूंगा। इस आंदोलन के दौरान शिक्षकों ने भी कदम से कदम मिलाकर साथ दियें। आज उसी का परिणाम है कि बिहार सरकार बैक फुट पर आकर शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने का फैसला किया। हम आगे भी शिक्षकों और छात्रों की जो भी समस्याएं होंगी उसे मैं जोरदार तरीके से सदन के अंदर और सदन के बाहर यानी सड़क से सदन तक उठाने का कार्य करूंगा।
वहीं उन्होंने कहा कि दक्षता परीक्षा पास करने का एक शर्त जो जोड़ा गया है मैं नहीं समझता हूं कि अब उसकी आवश्यकता है। सभी शिक्षक पहले से ही दो बार दक्षता परीक्षा पास कर चुके हैं। हालांकि उन्होंने इस क्षेत्र में पानी संकट की स्थायी समाधान के विकल्प क्या हो सकती है तथा इसका स्थायी समाधान क्या हो सकता है। इसके लिए कार्यकर्ताओं एवं पत्रकारों से सुझाव भी मांगी। ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके। इस मौके पर भाजपा जिला महामंत्री रामाशीष दास,जिला मंत्री राहुल वत्स,भाजपा नेता खालिक अंसारी,जिला कार्यसमिति सदस्य लाला शर्मा,अल्पसंख्यक मंडल अध्यक्ष इंजीनियर मोहम्मद मेराजुद्दीन,प्रखंड मंडल उपाध्यक्ष संजय कुमार,प्रेम कुमार मौजूद थे।
अरवल से कुंदन की रिपोर्ट